सब्ज़ियों के फायदे

 

आलू के फायदे


आलू के फायदे


आलू एक प्रकार की सब्जी है जो जमीन के नीचे उगती है। आलू में कार्बोहाइड्रेट और वसा पाई जाती है। इनमें लूटिन और जैक्‍सैंथिन जैसे कैरोटेनोड्स शामिल होते हैं जो दिल की क्रिया में सुधार करते हैं। यह रक्त में कोलेस्‍ट्रोल का स्तर कम करता है और रक्तवाहिकाओं को नुकसान से बचाता है। आलू का उपयोग दवा बनाने के लिए भी किया जाता है। आलू में पोटेशियम, कैल्शियम, लोहा और फास्फोरस खनिज तत्व होते हैं। आलू में विटामिन A, विटामिन B और विटामिन C भी होते हैं। इस कारण यह हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभकारी होता है। आलू विश्व का एकमात्र ऐसा खाद्य पदार्थ है, जिसे शाकाहारी और मांसाहारी हर तरह के व्यंजन में इस्तेमाल किया जा सकता है। यह सबसे आम सब्जी है, इसलिए लोग इसके गुणों को नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन आपको बता दें कि आलू कई सामान्य शारीरिक समस्याओं से लेकर कैंसर जैसी बीमारी से रोकथाम कर सकता है।

आलू के औषधीय गुण

उच्च रक्तचाप के रोगी भी आलू खाएँ तो रक्तचाप को सामान्य बनाने में लाभ करता है।


कभी-कभी चोट लगने पर नील पड़ जाती है। नील पड़ी जगह पर कच्चा आलू पीसकर लगाएँ ।


आलू को पीसकर त्वचा पर मलें। रंग गोरा हो जाएगा।


शरीर पर कहीं जल गया हो, तेज धूप से त्वचा झुलस गई हो, त्वचा पर झुर्रियां हों या कोई त्वचा रोग हो तो कच्चे आलू का रस निकालकर लगाने से फायदा होता है।


आलू में विटामिन बहुत होता है। इसको मीठे दूध में भी मिलाकर पिला सकते हैं। आलू को छिलके सहित गरम राख में भूनकर खाना सबसे अधिक गुणकारी है या इसको छिलके सहित पानी में उबालें और गल जाने पर खाएं।


यदि दो-तीन आलू उबालकर छिलके सहित थोड़े से दही के साथ खा लिए जाएं तो ये एक संपूर्ण आहार का काम करते हैं।


आलू से मोटापा नहीं बढ़ता। आलू को तलकर तीखे मसाले, घी आदि लगाकर खाने से जो चिकनाई पेट में जाती है, वह चिकनाई मोटापा बढ़ाती है। आलू को उबालकर अथवा गर्म रेत या राख में भूनकर खाना लाभदायक और निरापद है।


गुर्दे की पथरी में केवल आलू खाते रहने पर बहुत लाभ होता है। पथरी के रोगी को केवल आलू खिलाकर और बार-बार अधिक पानी पिलाते रहने से गुर्दे की पथरियाँ और रेत आसानी से निकल जाती हैं।


आलू में मैग्नीशियम होता है। जो आपके रक्तचाप को कंट्रोल करता है। इसलिए आपको उबले आलू ज़रूर खाने चाहिए।


आलू में मौजूद विटामिन, कैल्शियम और मैग्नीशियम गठिया रोगियों के लिए फायदेमंद हैं।


उबले आलू खाने से आपके शरीर के अंदर जो सूजन होती है आलू उसे भी खत्म करता है। आलू में मौजूद विटामिन C, पोटेशियम, विटामिन-B6 और अन्य खनिज, आंतों और पाचन तंत्र में हुई सूजन को घटाते हैं।


जब भी आपके मुंह मे छाले होते हैं तो आप उबले आलू खाने से आपकी यह समस्या खत्म होती है। आलू मुँह में छालों की समस्या में बहुत फायदेमंद होता हैं, इसीलिए आलू का सेवन जरूर करें।


उबले आलूयों में स्टार्च अधिक होता है। इसलिए आपके पाचन को ठीक रखते हैं। खाने में काफी हल्का और पचाने में बहुत आसान, इस आलू के सेवन से दस्त में खोई हुई ऊर्जा वापस पाएँगे, क्योंकि इस में स्टार्च की मात्रा बहुत अधिक होती हैं।


आलू के छिलके ज्यादातर फेंक दिए जाते हैं, जबकि छिलके सहित आलू खाने से ज्यादा शक्ति मिलती है। जिस पानी में आलू उबाले गए हों, वह पानी न फेंकें, बल्कि इसी पानी से आलुओं का रसा बना लें। इस पानी में मिनरल और विटामिन बहुत होते हैं।

टमाटर के फायदे

टमाटर के फायदे


टमाटर विश्व में सबसे ज्यादा प्रयोग होने वाली सब्जी है। टमाटर में भरपूर मात्रा में कैल्शियम, आयरन, फॉस्फोरस व विटामिन ए और सी पाए जाते हैं। भारत में टमाटर का ज्यादातर व्यंजनों में उपयोग किया जाता है। हालाँकि टमाटर का स्वाद अम्लीय (खट्टा) होता है, लेकिन यह शरीर में क्षारीय (खारी) प्रतिक्रियाओं को जन्म देता है। लाल-लाल टमाटर देखने में सुन्दर और खाने में स्वादिष्ट होने के साथ पौष्टिक भी होते हैं। टमाटर में विटामिन सी, लाइकोपीन, विटामिन, पोटैशियम पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। साथ ही इसमें कोलेस्ट्रॉल को कम करने वाले तत्व भी पर्याप्त मात्रा में होते हैं। जिन लोगों को वजन कम करना है, उनके लिए भी ये काफी फायदेमंद है लेकिन टमाटर की सबसे बड़ी खासियत ये होती है कि टमाटर को पकान देने के बाद भी उसके पोषक तत्व बने रहते हैं।

इसके खट्टे स्वाद का कारण यह है कि इसमें साइट्रिक एसिड और मैलिक एसिड का पाया जाना है जिसके कारण यह एंटासिड के रूप में काम करता है। टमाटर में विटामिन A  काफी मात्रा में पाया जाता है। यह आँखों के लिये बहुत लाभकारी है भारत में इसकी अधिक मात्रा मे खेती होती है इसलिए इसके उपलब्धता में कोई कठिनाई नहीं होती, और हर जगह आसानी से मिल जाता है। टमाटर को लाल रंग देने वाला तत्व लाइकोपीन, जो सेहत के लिए फायदों से भरा है, कच्चे टमाटर से अधिक पकने के बाद अधिक प्रभावी होता है। टमाटर त्वचा के लिए भी काफी लाभकारी है। यह झुर्रियों को कम करता है और रोम छिद्रों को बड़ा करता है।

टमाटर के औषधीय गुण

सुबह-सुबह बिना पानी पिए पका टमाटर खाना स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है।


कच्चे टमाटर में काला नमक मिलाकर खाने से चेहरे पर लाली आती है।


टमाटर के गूदे को चेहरे पर रगड़ने से त्वचा पर निखार आता है।


अगर पेट में कीड़े हो जाएं तो सुबह खाली पेट टमाटर में काली मिर्च मिलाकर खाने से फायदा होता है।


बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए टमाटर बहुत फायदेमंद होता है।


अगर बच्चे को सूखा रोग हो जाए तो उसे प्रतिदिन एक गिलास टमाटर का जूस पिलाने से बीमारी में आराम मिलता है।


मोटापा घटाने के लिए भी टमाटर का इस्तेमाल किया जा सकता है। प्रतिदिन एक से दो गिलास टमाटर का जूस पीने से वजन घटता है।


गठिया के रोग में भी टमाटर बहुत फायदेमंद है। प्रतिदिन टमाटर के जूस में अजवायन मिलाकर खाने से गठिया के दर्द में आराम मिलता है।


टमाटर के नियमित सेवन से डायबि‍टीज में फायदा होता है। इससे आंखों की रौशनी बढ़ती है। साथ ही कई तरह की  स्किन  से जुड़ी समस्याओं में भी ये असरदार है।


टमाटर सौंदर्य में निखार लाता है और आँखों के नीचे काले घेरे, कील मुहासों, दाग धब्बो आदि को भी साफ करता है। टमाटर के रस के प्रतिदिन सेवन से त्वचा में निखार आ जाता है।


यह मधुमेह रोगियों के लिए अत्यधिक लाभकारी है। इसके अतिरिक्त कब्ज, मसूड़ों का दर्द, मुँह के छाले आदि में भी टमाटर का सेवन करने से फायदा मिलता है।


टमाटर उच्च रक्तचाप को भी नियंत्रित करता है। कच्चा टमाटर पीलिया, दाद, खाज, खुजली व शरीर की कमजोरी को भी खत्म करने में सहायक सिद्ध होता है।


इसके अलावा टमाटर पथरी जैसी खतरनाक बीमारी के इलाज में भी सहायक है। इसके सेवन से पित्त और गुर्दे में बनने वाली पथरी खत्म होने लगती है।


एनीमिया के रोगियों के लिए रोजाना टमाटर का सेवन लाभकारी है। इससे जोंडिस, पेट में कीड़े, पित्त रोग, दांतो में कीड़े आदि बीमारियों से भी राहत मिलती है।

प्याज़ के फायदे

प्याज़ के फायदे


मूल रूप से प्याज को सब्जी माना गया है। प्याज का इस्तेमाल खाना बनाने में किया जाता है। वहीं, इसे कच्चा भी खाया जा सकता है और इसकी चटनी व आचार भी बनता है। इसका स्वाद तीखा और तेज होता है। इसे किसी भी तरह के मौसम में आसानी से उगाया जा सकता है। अगर इसके पौधे की बात करें, तो वैज्ञानिक इसे तना मानते हैं, जो जमीन के अंदर रहता है। यह पौधे को ठीक तरह से बढ़ने में मदद करता है।

इसमें उपस्थित पोषक तत्व हमारे शरीर के लिए बहुत उपयोगी हैं। प्याज में बहुत से एंटीऑक्सीडेंट पाये जाते हैं जो शरीर में उपस्थित फ्री पार्टिकल्‍स को इनएक्टिव कर देते हैं। वैसे तो प्याज को खाने में स्वाद बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है लेकिन कई देशों जैसे मिस्र में इससे पूजा भी की जाती है। लोग अपने घरों में कई सदियों से प्याज का इस्तेमाल कर रहे हैं।

प्याज़ के औषधीय गुण

शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए प्याज बहुत फायदेमंद है। यह न केवल कई तरह की बीमारियों से आपको बचाता है, बल्कि सब्जियों में पकाने के दौरान इस्तेमाल होने के कारण विटामिन-सी के रूप में भी यह फायदेमंद होता है।


प्याज खाने से पाचन शक्ति बढ़ती है। प्याज अमाशय में पाचक जूसों के स्राव को बढ़ाने में मदद करता है, जिससे भोजन पचने में आसानी होता है।


प्याज खाने से हार्ट से जुड़ी बीमारियों में लाभ मिलता है। अगर रोज प्याज खाते हैं तो वह खराब कोलेस्ट्रॉल को खत्म कर देता है, जिससे हार्ट से जुड़ी समस्याएं नहीं होती हैं।


अर्थराइटिस के मरीजों को प्याज खाना चाहिए, इससे जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है।


अगर आपके चेहरे पर दाग-धब्बे हैं तो हल्दी और प्याज के जूस का मिश्रण लगाने से लाभ होगा। दाग-धब्बे हट जाएंगे।


कोई कीड़ा काट ले या मधुमक्खी डंक मार ले तो उस जगह पर प्याज का जूस लगाना अच्छा होता है। इसे लगाने से आपको जलन हो सकती है लेकिन जल्द ही राहत मिलेगी। 


प्याज खाने से चेहरे पर झुर्रियां नहीं पड़ती हैं क्योंकि इसमें एंटीऑक्सिडेंट पाया जाता है। इसमें पाए जाने वाले सल्फर और विटामिन त्वचा की रक्षा करते हैं।   


 ज्यादातर लोग अपच की समस्या से परेशान रहते हैं। अगर आपको भी यह समस्या परेशान करती है, तो आप भी प्याज का सेवन जरूर करें। प्याज के सेवन से शरीर में पाचक रस का प्रवाह ज्यादा होता है जो खाने को पचाने में सहायक होता है। 


वजन घटाने के लिए अगर आपकी कोशि‍श बरकरार है, तो इसके लिए हरा प्याज बेहद उपयोग साबित होगा। हरे प्याज का सेवन करने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम हो जाती है। 


सांस संबंधी रोग होने पर प्याज काफी लाभदायक है, इसके अलावा गठिया के इलाज में भी प्याज का उपयोग किया जाता है। गर्मी के दिनों में प्याज रोज खाने से लू लगने का खतरा नहीं होता। 


कान में किसी प्रकार की समस्या होने पर प्याज को राख में भूनकर उसका गुनगुना रस निकाल लें। अब इस रस को कान में डालने पर कान दर्द एवं अन्य समस्या समाप्त हो जाएगी।


अगर आपको भूलने की समस्या है तो रोज प्याज का सेवन करना चाहिए। इसके खाने से नर्वस सिस्टम भी मजबूत होता है।


इसके अलावा त्वचा व बालों के सौंदर्य को बढ़ाने के लिए भी प्याज के रस का प्रयोग किया जाता है। साथ चर्म रोग होने की स्थि‍ति में प्याज के रस को तिल्ली या अलसी का तेल मिलाकर लगाने से लाभ होता है।  


प्याज बुखार, सर्दी-खांसी, कफ, एलर्जी आदि में काफी फायदेमंद होता है। अगर आप प्याज का जूस शहद के साथ मिलाकर लें तो इन तकलीफों से जल्द आराम मिलेगा।


डाइबिटीज से पीड़ि‍त लोगों के लिए भी प्याज बहुत काम की चीज है। यह शरीर में इंसुलिन की मात्रा को बढ़ाने के साथ ही रक्त में शर्करा या शुगर के स्तर को नियंत्रित करता है। इससे डाइबिटीज के मरीजों को लाभ होता है।

लहसुन के फायदे

लहसुन के फायदे


लहसुन एक ऐसी खाद्य सामग्री है, जो कई सब्जियों का जायका बढ़ा देती है। लहसुन का तड़का बेजान से बेजान सब्जी के स्वाद को कई गुणा बढ़ा देता है। लगभग हर रसोई में पाई जाने वाली ये खाद्य सामाग्री सिर्फ सब्जियों का स्वाद ही नहीं बढ़ाती, बल्कि यह सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद है। आयुर्वेद में तो लहसुन को औषधि माना गया है। सुबह-सवेरे खाली पेट लहसुन खाने के बहुत फायदे होते है। लहसुन में एलिकिन नामक औषधीय तत्व पाया जाता है। एलिकिन में जीवाणुरोधी, एंटीवायरल, एंटीफंगल और एंटीऑक्सिडेंट गुण होते हैं।

लहसुन के औषधीय गुण

लहसुन खाने से हाई बीपी में आराम मिलता है। दरअसल लहसुन ब्लड सर्कुलेशन को कंट्रोल करने में काफी मददगार है। हाई बीपी की समस्या से जूझ रहे लोगों को रोजाना लहसुन खाने की सलाह दी जाती है।


पेट से जुड़ी बीमारियों जैसे डायरिया और कब्ज की रोकथाम में लहसुन बेहद उपयोगी है। पानी उबालकर उसमें लहसुन की कलियां डाल लें। खाली पेट इस पानी को पीने से डायरिया और कब्ज से आराम मिलेगा।


खाली पेट लहसुन की कलियां चबाने से आपका डाइजेशन अच्छा रहता है और भूख भी खुलती है।


लहसुन खाने से सर्दी-जुकाम, खांसी, अस्‍थमा, निमोनिया, ब्रोंकाइटिस के इलाज में फायदा है।


लहसुन दिल से संबंधित समस्याओं को भी दूर करता है। लहसुन खाने से खून का जमाव नहीं होता है और हार्ट अटैक होने का खतरा कम हो जाता है।


लहसुन को छीलकर उसका रस निकाल लीजिए। मुंहासों की जगह पर इस पेस्ट को लगाइए और 5 मिनट तक छोड़ने के बाद धुल लीजिए। इससे दाग-धब्बे हटाने में मदद मिलती है।


कुछ लोगों की स्किन पर लाल-लाल धब्बे हो जाते हैं। लहसुन पेस्ट लगाने से इन निशानों से भी छुटकारा मिल सकता है, क्योंकि लहसुन में एंटी इन्फ्लैमेटरी गुण होते हैं।


इसके अलावा लहसुन एंटी एजिंग का भी काम करता है। सुबह उठने के बाद लहसुन को शहद और नींबू के साथ खाने पर झुर्रियां जल्दी नहीं आती हैं।


लहसुन की एक कली को आधे टमाटर के साथ मिलाइए और इस पेस्ट को अपने चेहरे पर लगाइए। 10 मिनट पर चेहरा धुल लीजिए। इससे आपकी त्वचा के छिद्र खुलते हैं और आपकी त्वचा साफ होती है।


लहसुन में एंटीबैक्‍टीरियल और दर्द निवारक गुण मौजूद होते हैं । अगर आपके दांत में दर्द है तो लहसुन की एक कली पीसकर दर्द वाली जगह पर लगा दें । कुछ ही देर में आपको दांत दर्द से आराम मिल जाएगा। यही नहीं खाली पेट लहसुन का सेवन करने से नसों में झनझनाहट से भी आराम मिलता है ।

बीन्स के फायदे

बीन्स के फायदे


बीन्स हरे रंग की फलियां होती हैं। पोषण से भरपूर बींस में प्रोटीन तथा घुलनशील फाइबर प्रचुर मात्रा में होता है और इसमें वसा कम होता है। वसा मुक्त होने के कारण यह शरीर के लिए पोषक तत्वों का सबसे अच्छा स्त्रोत है खासकर विटामिंस और खनिज का। सूखी व हरी दोनों ही तरह की बीन्स हेल्थ के लिए बहुत अच्छी होती है।

हरी बीन्स में पर्याप्त मात्रा में विटामिन A, C, के और B6 पाया जाता है। इसके अलावा इनमें  कैल्शियम , सिलिकॉन, आयरन, मैगनीज, बीटा कैरोटीन, प्रोटीन, पोटैशियम और कॉपर की भी जरूरी मात्रा होती है। इसके सेवन से भी वजन कम करने में मदद मिलती है। यह एक ऐसी सब्जी है जिसे कहीं भी आसानी से उगाया जा सकता है और यह लगभग पूरे साल बाजार मिल जाती है। हरी बीन्स की फली हो या उसके अंदर बीज हमारे सेहत के लिए बहुत फायदे करती हैं। उच्च पौष्टिक तत्वों से भरपूर बीन्स हमारे स्वास्थ्य लाभ में काफी बेहतर होता है। यह शरीर में कोशिकओं की मरम्मत करने के अलावा आँखों के स्वास्थ्य में काफी लाभकारी होता है। बींस पूरी तरह से कोलेस्ट्रॉल मुक्त होती  हैं, इस वजह से इनके सेवन से किसी तरह की बीमारी का भी खतरा नहीं रहता है।

हरी बीन्स के औषधीय गुण

डायबिटीज रोकने में: हरी बीन्स में कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो डायबिटीज को बढ़ने से रोकते हैं। ग्रीन बीन्स में मौजूद फाइबर ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मदद करते हैं। इसमें पर्याप्त मात्रा में डायट्री फाइबर्स और कार्बोहाइड्रेट्स पाए जाते हैं। मधुमेह के मरीजों के लिए इसे आदर्श सब्जी मानी जाती  है।

हड्डियों की मजबूती के लिए: बीन्स में कैल्शियम पाया जाता है, जो हड्डियों के क्षरण को रोकता है। इसके अलावा इसमें मौजूद विटामिन ए, के और सिलिकॉन भी हड्डियों के लिए फायदेमंद होते हैं। इन पोषक तत्वों की कमी होने पर हड्डियां कमजोर हो जाती हैं।

इम्यून सिस्टम को बेहतर रखने के लिए: हरी बीन्स में पर्याप्त मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जिससे इम्यून सिस्टम बेहतर बनता है। ये कोशिकाओं की क्षति को ठीक करके नई कोशिकाओं के बनने को प्रोत्साहित करता है।

आंखों की रोशनी: हरी बीन्स में कैरोटीनॉएड्स मौजूद होते हैं जो आंखों के अंदरूनी हिस्से के तनाव को कम करने का काम करते हैं। इसके अलावा इसमें मौजूद कई तरह के लवणों से आंखों की रोशनी भी बेहतर बनती है।

दिल से जुड़ी बीमारियों के लिए: फ्लेवेनॉएड्स की मौजूदगी की वजह से बीन्स दिल के लिए भी काफी फायदेमंद होते हैं। इनके नियमित सेवन से दिल से जुड़ी बीमारियों के होने का खतरा कम हो जाता है।

पेट को रखते हैं स्वस्थ: बीन्स के नियमित सेवन से पेट भी स्वस्थ रहता है। इनके सेवन से पाचन संबंधी समस्याएं होने का खतरा कम हो जाता है और गैस, कब्ज और मरोड़ की परेशानी नहीं होती है।

कम कैलोरी: ताजे हरे बींस में कैलोरी की मात्रा बहुत कम होती है। इस वजह से जो लोग अपना वजन कम करना चाहते हैं उन्हें रोजाना अधिक मात्रा में बींस का सेवन करना चाहिये।

अधिक फाइबर: हरे बींस में फाइबर की मात्रा बहुत ज्यादा होती है और इसी वजह से इसके सेवन से पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है। इसके नियमित सेवन से कब्ज़ जैसी बीमारियों से आराम मिलता है।

हार्ट प्रॉब्लम करें दूर: फ्लेवेनॉएड्स की मौजूदगी की वजह से बीन्स दिल के लिए भी काफी फायदेमंद होते हैं। रोज बिन्स खाने से दिल की बीमारियों के होने का खतरा कम हो जाता है।

कब्ज की समस्या से मिलें राहत: भोजन को सही तरह पचाने के लिए फाइबर की पर्याप्त मात्रा होनी बहुत जरूरी है। इससे भोजन पाचन संबधी समस्याओं का खतरा नहीं होता क्योंकि यह फाइबर का बहुत अच्छा स्त्रोत है।

पालक के फायदे

पालक के फायदे


पालक लगभग हमेशा मिलने वाली सब्जी है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए बहुत से खनिज और विटामिन पालक से प्राप्त हो सकते हैं। नियमित रूप से पालक का उपयोग लाभदायक होता है । पालक में शारीरिक विकास के लिए लगभग सभी पोषक तत्व पाए जाते हैं। मिनरल्स, विटामिन और दूसरे कई न्यूट्रीएंट्स से भरपूर पालक एक सुपर-फूड है। पालक में विटामिन A, C, E, K और B कॉम्प्लेक्स अच्छी मात्रा में पाया जाता है। इसके अलावा इसमें मैगनीज, कैरोटीन, आयरन, आयोडीन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम, सोडियम, फॉस्फोरस और आवश्यक अमीनो एसिड भी पाए जाते हैं।

सर्दियों में मिलने वाली पालक सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होती है। लोग इसे सब्जी, सूप या सलाद के रूप में खाना पसंद करते हैं। विटामिन्स , कैलोरी, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फैट, फाइबर और खनिज लवण से भरपूर पालक कई हेल्थ प्रॉब्लम्स दूर करने में भी मददगार होती है। इतना ही नहीं, रोजाना इस सब्जी का सेवन खून की कमी भी दूर करता है।

पालक के औषधीय गुण

ब्लड प्रेशर: पोटेशियम की प्रचुर मात्रा होने के कारण यह ब्लड प्रेशर कम करता है। पालक से मिलने वाले फोलेट के कारण भी यह रक्त शिराओं को लचीला बनाकर रक्तचाप कम करता है। इससे हृदय पर भी अधिक भार नहीं पड़ता। यह कोलेस्ट्रॉल तथा फैट को कम करके हृदय रोग से बचाने में सहायक होता है।

दिल को रखें स्वस्थ्य: पालक दिल के लिए फायदेमंद होता है। आधा चम्मच चौलाई का रस, एक चम्मच पालक का रस और एक चम्मच नींबू का रस तीनों को मिलाकर रोज सुबह पीने से खुन साफ रहता है और दिल अच्छे से काम करता है। पालक "एनीमिया" में दवाइयों से ज्यादा फायदा पहुंचाता है।

हृदय रोग में लाभ: पालक का सेवन करने से हृदय रोग में भी फायदा होता है। इसके लिए आधा चम्मच चौलाई का रस, एक चम्मच पालक का रस और एक चम्मच नींबू का रस तीनों को मिलाकर सुबह  नियमित रूप से सेवन करने से हृदय रोगी को लाभ होने लगेगा।

खून की कमी दूर करें: पालक में आयरन की मात्रा बहुत अधिक होती है और इसमें मौजूद आयरन शरीर आसानी से सोख लेता है। इसलिए पालक खाने से हिमोग्लोबिन बढ़ता है। खून की कमी से पीड़ित व्यक्तियों को पालक खाने से काफी फायदा पहुंचता है।

पाचन तंत्र के रोग: आधा गिलास कच्‍चे पालक का रस सुबह उठकर नियमित रूप से पीने से कुछ ही दिनों में कब्ज की समस्या दूर हो जाती है। आंतों के रोगों में पालक की सब्जी खाने से लाभ मिलता है। साथ ही पालक के पत्तों का काढ़ा बनाकर पीने से पथरी पिघल जाती है।

आंखों के लिये लाभकारी: पालक आंखो के लिए काफी अच्छी होती है। इसके सेवन से आंखों की रोशनी बढ़ती हैं। ऐसे लोग जो रतौंधी से परेशान है और उन्‍हें हल्के प्रकाश में स्पष्ट दिखाई नहीं देता उनके लिए पालक किसी चमत्कार से कम नहीं होता है। ऐसे लोगों को गाजर व टमाटर के रस में बराबर मात्रा में पालक का जूस मिलाकर लेना चाहिए।

स्किन प्रॉबल्म करें कम: पालक झाइयां और झुर्रियों को दूर करने में भी आपकी मदद करता हैं। पालक और नीबू के रस में कुछ बूंदे ग्लिसरीन की मिलाकर सोते समय तव्चा पर लगाने से लाभ होता है या फिर पालक का पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाने से चेहरे से झाइयां दूर हो जाती है। यह पेट के हाजमे को ठीक रखता है और  ऐसिड भी दूर करता है।

बालों के लिए उपयोगी: पालक हेल्थ के साथ-साथ बालों के लिए भी बहत अच्छा होता है। जो लोग हेयर फॉल से परेशान हैं उन्हें पालक को अपने आहार में शामिल करना चाहिए। क्‍योकि पालक शरीर में आयरन की कमी को पूरा करके हेयर फॉल को कम करता है।

पायरिया से छुटकारा: पालक में फोलिक एसिड और कैल्शियम की मात्रा काफी ज्यादा होती है। दांतो के लिए यह बहुत जरूरी होती है। कच्चे पालक के पत्ते चबाने से पायरिया की तकलीफ से निजात मिल जाती है।

मोटापा करे कम: पालक के रस में गाजर का रस मिलाकर पीने से चर्बी कम होने लगती है या फिर पालक के रस में नींबू का रस मिलाकर पीने से मोटापा दूर होता है। मिट्टी खाने की वजह से बच्चों का पेट बढ़ जाता है ऐसे में दिन में दो बार पालक खिलाने से पेट हल्का रहता है और बच्चा चुस्त रहता है।

गर्मी से राहत: गर्मी में होने वाले नजले, सीने और फेफड़े की जलन में भी यह लाभप्रद होता है। साथ ही पित्त को शांत करता है और गर्मी के कारण होने वाले पीलिया और खांसी में भी बहुत लाभदायक होता है।

आर्थराइटिस में फायदेमंद: शरीर के जोड़ों में होने वाली बीमारी जैसे आर्थराइटिस, ओस्टियोपोरोसिस की भी संभावना को भी घटाता है। साथ ही जोड़ों के दर्द को दूर करने में भी सहायक होता है। जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए पालक, टमाटर और खीरा आदि सब्जियों को सेवन करना चाहिए या इनका सलाद बनाकर खाना चाहिए।

मेथी के फायदे

मेथी के फायदे


सर्दी का मौसम शुरू होते ही, बाजार में हरी-भरी, पत्तेदार सब्जियों की बहार आ जाती है। इनमें एक हरी सब्जी मेथी भी है, जो अपने सेहत भरे गुणों के कारण बेहद लाभदायक होती है। पौष्टि‍क और स्वास्थ्यवर्धक मेथी आपकी कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान कर सकती है। मेथी के पत्तों में आइरन, कैल्शियम, फास्फोरस तथा प्रोटीन, विटामिन K अत्यधिक मात्रा में पाया जाता है। मेथी आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक है।

मेथी साग के सेवन से आपका शरीर गर्म रहता है। मेथी स्वाद में थोड़ी कड़वी होती है। मेथी (कसूरी मेथी) का इस्तेमाल आप सब्जी या पराठे के रूप में कर सकते हैं। मेथी में पोटेशियम, कैल्शियम, सेलेनियम, जस्ता, मैंगनीज और मैग्नीशियम जैसे खनिजों का एक भरपूर सगंम है। इसमें कई महत्वपूर्ण विटामिन भी मौजूद है। आलू मेथी की सब्जी हमारे घरों में अक्सर बनती है, लेकिन इसके फायदों के बारे में शायद आप नहीं जानते । स्वास्थ के लिए मेथी के बीज और हरी मेथी दोनों ही फायदेमंद हैं । अक्सर आपने किचन में मसाले के रूप में मेथी के दानों का इस्तेमाल करते देखा होगा। लेकिन यह कई बीमारियों से भी बचाने का काम करती है । हरी मेथी सर्दियों के मौसम में आती है।

मेथी के औषधीय गुण

ज्यादातर लोगों को पेट संबंधी समस्याएं परेशान करती हैं, जिनमें कब्ज और गैस भी शामिल है। मेथी की हरी सब्जी को खाने से आपका पाचन तंत्र सुचारू रूप से कार्य करता है और कब्ज व गैस की समस्या से आपको निजात मिलती है।


हाई बीपी, डायबिटीज, अपच आदि बीमारियों में मेथी के बीज का उपयोग लाभकारी होता है।


पेट में कीड़े होने पर भी मेथी आपके लिए एक सटीक उपचार है।


मेथी की सब्जी में अदरक, गर्म मसाला रखकर खाने से निम्न रक्तचाप, कब्ज में फायदा होता है।


सुबह-शाम मेथी का रस पीने से डायबिटीज में लाभ होता है।


मेथी में मौजूद पाचक एंजाइम अग्नाशय को अधिक क्रियाशील बना देते हैं। इससे पाचन क्रिया अत्यंत सरल हो जाती है।


हरी मेथी रक्त में शकर को कम कर देती हैं। इस कारण डायबिटीज रोगियों के लिए भी यह फायदेमंद होती है।


मेथी का सेवन आपको जोड़ों के दर्द की परेशानी से भी मुक्ति दिलाता है। इसके बीज हों या फिर पत्ति‍यां, दोनों ही जोड़ों के दर्द में समान रूप से फायदेमंद है। 


मेथी की पत्ति‍यां भी आपके बालों के लिए बहुत लाभकारी साबित होंगे। इसकी पत्तियां पीसकर बालों में लगाने से बाल काले, घने व चमकदार होते हैं। साथ ही बालों का झड़ना भी रूक जाता है।


मेथी आपको सर्दी लगने से भी बचाती है। इसका प्रतिदिन किसी न किसी रूप में सेवन करने से सर्दी का बचाव होता है और आप इस मौसम की आम स्वास्थ्य समस्याओं से बच जाते हैं।


मधुमेह के मरीजों के लिए मेथी का सेवन अत्यधिक फायदेमंद होता है। अगर आप चाहें तो प्रतिदिन मेथी की पत्तियों का रस निकालकर पिएं, इससे बढ़ी हुई शर्करा नियंत्रण में हो जाएगी।


चेहरे की खूबसूरती बढ़ाने में भी यह मेथी कुछ कम गुणवान नहीं है। इसे पीसकर चेहरे पर लगाने से त्वचा में चमक के साथ कसाव आता है। इसके अलावा रूखी त्वचा वालों के लिए यह बहुत लाभप्रद है, क्योंकि यह त्वचा को नमी प्रदान करती है।

पुदीने के फायदे

पुदीने के फायदे


पुदीना एक औषधीय जड़ी बूटी है जिसके अनेक फायदे हैं यह पाचन तंत्र में सुधार करना और वजन घटाना, मतली (जी मचलना), थकान और सिरदर्द आदि में आराम प्रदान करने में सहायता करता है। इसके अलावा भी पुदीना की पत्तियों के फायदे व स्वास्थ्य लाभ अनेक है, जैसे कि अस्थमा, स्मरण शक्ति की क्षति और त्वचा की देखभाल संबंधित कई परेशानियों से निजात दिलाने में अहम भूमिका निभाता है।

पुदीना का वैज्ञानिक नाम मेन्था है, इसका इस्तेमाल मुँह और सांसों की बदबू को दूर करने के लिए भी किया जाता है। इस जड़ी बूटी का उपयोग सैकड़ों वर्षों पूर्व से इसके औषधीय गुणों के लिए किया जाता रहा है। पुदीने की खुशबू और स्वाद ताजगी भरने के लिए काफी होता है। इसमें विटामिन A की भरपूर मात्रा होती है। जो हमारी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होती है। इसके साथ ही इसमें कई अन्य स्वस्थ्य लाभ भी हैं। भोजन का जायका बढ़ाने में भी पुदीने का इस्तेमाल किया जाता है। पेट की तकलीफ में भी पुदीने का जवाब नहीं।

पुदीने के औषधीय गुण

बीपी को करे काबू: पुदीना उच्च और निम्न दोनों प्रकार के बीपी में मददगार होता है। हाई बीपी से पीड़ित व्यक्ति को बिना चीनी एवं नमक डाले ही पुदीने का सेवन करना चाहिए। जबकि लो बीपी के रोगी को पुदीने की चटनी या रस में सेंधा नमक, काली मिर्च, किशमिश डालकर सेवन करना चाहिए।

पेट के लिए अमृत: पुदीना पेट की कई बीमारियों को ठीक करने में मदद करता है। पेट की समस्याओं से बचने के लिए पुदीने का किसी न किसी रूप में प्रतिदिन सेवन अवश्य करना चाहिए। पुदीने की पत्तियों का ताजा रस नीबू और शहद के साथ समान मात्रा में लेने से पेट की हर बीमारियों में आराम दिलाता है।

सांस संबंधी रोगों में फायदेमंद: पुदीने में फेफड़ों में जमा हुए बलगम को शरीर से बाहर का विलक्षण गुण पाया जाता है। इसी कारण कफ से होने वाली खांसी और अस्थमा को दूर करता है। पुदीने को सुखाकर, इसे कपड़े से छानकर बारीक चूर्ण बना लें। इस चूर्ण की एक चम्मच दिन में दो बार पानी के साथ लें।

डिहाइड्रेशन के लिए उपयोगी: डिहाइड्रेशन यानि पानी की कमी की घातक अवस्था से बचने के लिए पुदीना बहुत ही लाभकारी है। डिहाइड्रेशन में पुदीना, प्याज और नींबू का रस बराबर-बराबर मात्रा में मिलाकर पिलाने से लाभ होता है। उल्टी-दस्त, डिहाइड्रेशन हो तो आधा कप पुदीने का रस हर दो घंटे के अन्तर में रोगी को पिलाएं।

सिरदर्द से दिलाये राहत पुदीने की चाय: अक्सर देखा गया है की पाचन शक्ति ख़राब होने के कारण सर में दर्द होता है । पुदीने की चाय ऐसे में बहुत फायदेमंद सिद्ध हो सकती है, क्योंकि यह अपने दीपन – पाचन गुण के कारण खाने को अच्छी प्रकार से हजम करने में मदद करती है, जिससे आपका पाचन तंत्र मजबूत होता है ।

मुंह के छाले की परेशानी: मुंह के छाले की परेशानी में पुदीने के पत्ते का काढ़ा बना लें। इससे गरारा करने से मुंह के छाले की समस्या ठीक होती है।

सांसें महकाये: सांसों की दुर्गंध को दूर करने के लिए पुदीने की सूखी पत्तियों के चूर्ण से मंजन करें। यह न केवल आपकी सांसों को ताजा बनाता है, बल्कि साथ कई अन्य दंत समस्याओं से भी छुटकारा दिलाता है। इसके साथ ही इससे मसूड़े भी मजबूत होते हैं।

पिंपल दूर भगायें: पुदीने की कुछ पत्तियां लेकर पीस लें। उसमें 2-3 बूंदे नींबू का रस मिलाकर इसे चेहरे पर कुछ देर के लिए लगाएं। फिर ठंडे पानी से चेहरा धो लें। कुछ दिन ऐसा करने से मुंहासे ठीक हो जाएंगे और चेहरे पर चमक भी आ जाएगी।

बाल झड़ना रोकने में फायदेमंद पुदीना: पुदीना अपने वातशामक गुण के कारण बालों के रूखेपन को कम करने में सहयोग देता है । ऐसा होने से बालों की रूसी एवं उनका बेजान होकर झड़ना या टूटना कम होता है, जिससे बाल प्राकृतिक रूप से बढ़ने लगते हैं।

दांतों के दर्द में पुदीना के फायदे: दाँत दर्द की समस्या किसे नहीं होती।  पुदीने के पत्ते का चूर्ण बनाकर दांत को मांजने से दांतों का दर्द कम होता है। पुदीने के औषधीय गुण दाँत दर्द को कम करने में मदद करते हैं। पुदीना के लाभ दर्द से राहत दिलाने में बहुत मदद करता है।

कान के दर्द में पुदीने के फायदे: कान संबंधी समस्याओं जैसे कान दर्द आदि में पुदीना के लाभ से जल्दी आराम मिलता है। कभी-कभी ठंड लगने पर या कान में पानी चले जाने पर कान में दर्द होने लगता है। ऐसे में पुदीना का रस कान में डालने से आराम मिलता है।

गर्मी, लू लगने पर: गर्मी में लू से बचने के लिए पुदीने और प्‍याज की चटनी बनाकर सेवन करें। अगर इसका सेवन नियमित रूप से किया जाए तो लू लगने की आशंका खत्म हो जाती है। अधिक गर्मी या उमस के मौसम में जी मिचलाने पर एक चम्मच सूखे पुदीने की पत्तियों का चूर्ण और आधी छोटी इलायची के चूर्ण को एक गिलास पानी में उबालकर पीने से लाभ होता है।

मेथी की सब्जी का नित्य सेवन करना, दिल की बीमारियों को भी दूर रखने में मदद करता है। यह दिल का दौरा पड़ने की संभावना को बेहद कम कर देता है, और आप अपने हृदय को रख सकते हैं बिल्कुल स्वस्थ।


हरे धनिये के फायदे

हरे धनिये के फायदे


धनिया एक जड़ी-बूंटी के रुप में उगने वाला प्राकृतिक पौधा  है इसकी पत्तियों और बीजों का इस्तेमाल हमारे रसोइ घरों में किया जाता है। खाना बनाने के लिए साबुत धनिया, धनिये के बीज, धनिये के पाउडर और धनिए की पत्तियों का काफी इस्तेमाल करते हैं। धनिये का पानी भी सेहत के लिए बहुत उपयोगी होता है। इसमें एंटी-बैक्टीरियल गुणों के साथ ही बहुत सारे विटामिन और मिनरल भी होते हैं इसलिए धनिया सेहत के लिए उपयोगी होता है। इसके अलावा हरे धनिया में कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन, कैरोटीन, थियामीन, पोटोशियम और विटामिन सी भी पाया जाता हैं।

हरे धनिये की पत्तियां और बीज दोनों ही खाने का स्वाद बढ़ा देते हैं । खाने में भले ही मिर्च-मसाला न हो लेकिन अगर धनिया पत्ती से गार्निशिंग की जाए तो उसकी खूबसूरती और स्वाद में चार चांद लग जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि धनिया सिर्फ खाने की खूबसूरती और स्वाद ही नहीं बढ़ाता बल्‍कि इसका पानी आपके स्वास्थय के लिए बेहद गुणकारी है । धनिया के पानी में पोटैशियम, कैल्शियम, विटामिन C  और मॅग्नीज़ियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है और ये सभी तत्व बीमारियों को कोसों दूर रखते हैं। धनिये का पानी पीने के ढेरों फायदे हैं जिनमें से कुछ के बारे में हम आपको यहां पर जानकारी दे रहे हैं ।

हरे धनिये के औषधीय गुण

वजन कम करने में असरदार: अगर आप वजन कम करना चाहते हैं तो धनिये के बीज का इस्तेमाल करने से फायदा होगा । इसके लिए आप तीन बड़े चम्मच धनिये के बीज एक गिलास पानी में उबालें। जब पानी आधे से कम हो जाए तो इसे छान लीजिए । इस पानी को रोजाना दो बार पीने से वजन घटने लगेगा।

कॉलेस्ट्रोल से छुटकारा: धनिया में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो शरीर से कॉलेस्ट्रॉल कम कर उसे कंट्रोल में रखते हैं । रिसर्च के अनुसार अगर किसी को हाई कॉलेस्ट्रॉल की शिकायत है तो उसे धनिया के बीज उबालकर उस पानी को पीना चाहिए।

भगाए पेट की बीमरियां: अगर आपको पेट से संबंधित कोई समस्या है तो दो कप पानी में धनिये के बीज, जीरा, चाय पत्ती और शक्कर डालकर अच्छे से मिला ले । इस पानी को पीने से एसिडिटी में आराम मिलता है । पेट में दर्द होने पर आधा गिलास पानी में दो चम्मच धनिया के बीज डालकर पीने से पेट दर्द से राहत मिलती है।

बढ़ाए डाइजेशन: हरा धनिया पेट की समस्याओं को दूर कर पाचनशक्ति बढ़ाता है। धनिये के ताजे पत्तों को छाछ में मिलाकर पीने से बदहजमी, मतली, पेचिश और कोलाइटिस में आराम मिलता है। 

डायबिटीज से आराम: धनिये को मधुमेह नाशी यानी कि डायबिटीज को दूर भगाने वाला माना जाता है। इसका पानी पीने से खून में इंसुलिन की मात्रा नियंत्रित रहती है।

एनीमिया दूर करें: धनिये में आयरन भरपूर मात्रा में होता है। इसके नियमित सेवन से एनीमिया को दूर करने में मदद मिलती है।

आंखों की रोशनी बढ़ाएं: रोजाना हरे धनिये का प्रयोग अपने खाने में करने से आंखों की रोशनी बढऩे लगती है। क्योंकि हरे धनिये में विटामिन A भरपूर मात्रा में होता है जो आंखों के लिए बहुत आवश्यक होता है।

मुहांसों का रामबाण इलाज: धनिया त्वचा के लिए भी फायदेमंद है। धनिये के जूस में हल्दी पाउडर मिलाकर चेहरे पर लगाएं और कुछ देर बाद धो लें। दिन में दो बार इस लेप का इस्तेमाल करने से बहुत जल्दी मुहांसों और दाग-धब्बों से छुटकारा मिलेगा और चेहरे की सुंदरता भी बढ़ेगी। घमौरियां होने पर धनिया के पानी से नहाना चाहिए।

पाचनशक्ति बढ़ाएं: हरा धनिया पेट की समस्याओं का निवारण करता है, यह पाचनशक्ति बढ़ाता है। धनिये के ताजे पत्तों को छाछ में मिलाकर पीने से बदहजमी में आराम मिलता है। हरा धनिया, हरी मिर्च, कसा हुआ नारियल और अदरक की चटनी बनाकर खाने से अपच के कारण पेट में होने वाले दर्द से आराम मिलता है। पेट में दर्द होने आधा गिलास पानी में दो चम्मच धनिया डालकर पीने से पेट दर्द से राहत मिलती है।

बथुआ के फायदे

बथुआ के फायदे


बथुआ एक ऐसी सब्जी है जिसके गुणों से ज्यादातर लोग अपरिचित हैं। ये छोटा-सा दिखने वाला हराभरा पौधा काफी फायदेमंद है, सर्दियों में इसका सेवन कई बीमारियों को दूर रखने में मदद करता है। बथुए में आयरन प्रचुर मात्रा में होता है, बथुआ न सिर्फ पाचनशक्ति बढ़ाता बल्कि अन्य कई बीमारियों से भी छुटकारा दिलाता है। बथुआ एक ऐसी सब्जी या साग है, जो गुणों की खान होने पर भी बिना किसी विशेष परिश्रम और देखभाल के खेतों में स्वत: ही उग जाता है। एक डेढ़ फुट का यह हराभरा पौधा कितने ही गुणों से भरपूर है।

यह एक वार्षिक खरपतवार पौधा है जो खेतों में फसलों के साथ-साथ बढ़ता है। इसे अन्‍य नामों जैसे व्‍हाइट हंसफुट, पिगवेड आदि से भी जाना जाता है। यह भारतीय खरपतवारों की सबसे व्यापक रूप फैलने वाली प्रजातीयों में से एक है। बथुआ को भारत में पत्तेदार सब्‍जी के रूप में उबाल कर उपयोग किया जाता है। भारत में तैयार किये जाने वाले अन्य व्यंजनों में जैसे रायता, पराठा में भी इसका उपयोग किया जाता है। साथ ही बथुआ के बीज भी स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं। बथुआ एक ऐसा साग है, जिसमें आयरन, मैग्नेसियम, फाइबर, विटामिन A, C और B काम्प्लेक्स आदि प्रचुर मात्रा में पाया जाता है । इसलिए इसका सेवन जाड़े में अच्छा होता है।

बथुए के औषधीय गुण

कब्ज से राहत दिलाने में बथुआ बेहद कारगर है। गठिया, लकवा, गैस की समस्या में यह काफी फायदेमंद है।


बथुआ के पत्ते मुंह के छाले को कम करती है।


बथुए को कच्चा चबाने से मुँह की बदबू, पायरिया में फायदा होता है |


बथुए को पानी में उबालकर उसके पानी से सर धोने पर केशों में मोयास्चराइजर बढ़ती है


भूख में कमी आना, खाना देर से पचना, खट्टी डकार आना जैसी स्वास्थ्य समस्याओं के लिए भी बथुआ खाना फायदेमंद है।


बथुए की पत्तियों को कच्चा चबाने से सांस की बदबू, पायरिया और दांतों से जुड़ी अन्य समस्याओं में फायदा होता है।


बथुआ और गिलोय का रस लेकर एक सीमित मात्रा में दोनों को मिलाएं, फिर इस मिश्रण का 25-30 ग्राम रोज दिन में दो बार लें। फायदा होगा।


बथुए को 4-5 नीम की पत्तियों के रस के साथ खाया जाए तो खून अंदर से शुद्ध हो जाता है। साथ ही ब्लड सर्कुलेशन भी ठीक रहता है।


बच्चों को कुछ दिनों तक लगातार बथुआ खिलाया जाए तो उनके पेट के कीड़े मर जाते हैं। बथुआ पेट दर्द में भी फायदेमंद है।


बथुए को उबालकर इसका रस पीने और सब्जी बनाकर खाने से चर्म रोग जैसे सफेद दाग, फोड़े-फुंसी, खुजली में भी आराम मिलता है। इसके अलावा बथुए के पत्तों को पीसकर इसका रस निकालें। अब 2 कप रस में आधा कप तिल का तेल मिलाएं और इसे धीमी आंच पर पकाएं। इसके पानी को पिएं।


चकुंदर के फायदे

चकुंदर के फायदे


चुकंदर एक मूसला जड़ वाला वनस्पति है। इसकी मूसला जड़ अक्सर हलकी-मीठी होती है और उसका रंग लाल, जामुनी, पीला या श्वेत होता है। चुकंदर खाना स्वास्थ्य के नजरिए से बेहद फायदेमंद होता है। कुछ लोग जहां सलाद के रूप में चुकंदर का सेवन करना पसंद करते हैं तो कुछ लोग इसे जूस के रूप में अपनी डाइट में शामिल करते हैं। चुकंदर खाने से शरीर में खून की कमी नहीं होती है और आपका शुगर लेवल भी सही रहता है। चुकंदर में मौजूद आयरन, सोडियम, पोटेशियम, फास्फोरस आपके शरीर  को ताकत तो देते ही हैं साथ ही आपको बीमारियों से भी दूर रखते हैं। चुकंदर का जूस पीने से ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है।

अपने गहरे लाल रंग के लिए लोकप्रिय चुकंदर स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना जाता है। शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ानी हो या सौंदर्यता बरकरार रखनी हो, चुकंदर हर तरीके से फायदा पहुंचाता है। चुकंदर को ज्यादातर लोग इसके लाल रंग के कारण खून बढ़ाने के लिए उपयोग करते हैं लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि चुकंदर जो कि एक सुपरफूड है, कई तरह की बीमारियों को ठीक करने का कार्य करता है। चुकंदर का सेवन अक्सर लोग सलाद और जूस के रूप में करते हैं।

चुकंदर के औषधीय गुण

एनीमिया की शिकायत है तो खाएं चुकंदर: एनीमिया की बीमारी को दूर करने के लिए चुकंदर का इस्तेमाल सबसे ज्यादा लाभदायक है। चुकंदर में पर्याप्त मात्रा में आयरन, विटामिन और मिनरल्स होते हैं, जो खून को बढ़ाने और उसे साफ करने का काम करते हैं। महिलाओं को खून की कमी ज्यादा होती है। इसलिए महिलाओं को डाइट में चुकंदर जरुर लेना चाहिए।

खराब कोलेस्टॉल को कम करता है चुकंदर: चुकंदर में फाइबर,फ्लेवोनॉयड्स और बेटासायनिन काफी मात्रा में मौजूद होता है। इसलिए इसका रंग लाल और बैंगनी होता है। यह एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है। इसको खाने से दिल के दौरे आने की समस्या में भी फायदा होता है।

ब्लड शुगर लेवल को कम करें: चुकंदर में नाइट्रेट्स की मात्रा खूब होती है। जिस वजह से इसको खाने से नाइट्राइट्स और गैस नाइट्रिक ऑक्साइड में बदल जाता है। ये दोनों ही चीजें हमारी धमनियों को चौड़ा करने और ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करती हैं।

शरीर में उर्जा बढ़ाता है और थकान दूर करता है: जो लोग जिम में काफी वर्कआउट करते है, और सारा दिन काम कर के थक जाते है उनके लिए चुकंदर खाना बहुत फायदेमंद होता है। चुकंदर खाने से एनर्जी लेवल बढ़ता है। इसके साथ ही इसमें मौजूद नाइट्रेट तत्व धमनियों का विस्तार करने में मदद करता है।

कब्ज से राहत दिलाए और वजन भी करे कम: चुकंदर में फाइबर होता है इसलिए यह कब्ज को दूर करने के लिए दवाई का काम करता है। यह कब्ज को दूर करने के लिए सबसे अच्छा उपाय है। इससे खाना भी जल्दी पच जाता है। चुकंदर में कैलोरी काफी कम होती है और एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर अधिक होता है, जिससे आप आसानी से अपना वज़न कम कर सकते हैं।

लिवर को रखता है स्वस्थ: लिवर से जुड़ी समस्याओं से बचने के लिए आप चुकंदर का रोजाना सेवन कर सकते हैं। बीटरूट हाई फैट वाले भोजन से होने वाली लिवर की क्षति को कम करने में मदद करता है। इसमें फ्लेवोनॉयड्स भी पाया जाता है, जो मेटाबॉलिज्म को बनाए रखने में सहायता करता है।

उच्च रक्तचाप: उच्च रक्तचाप एक गंभीर शारीरिक समस्या है, जिसमें धमनियों में रक्त का दबाव सामान्य से अधिक बढ़ जाता है। स्ट्रोक, हृदय रोग, आंखों की समस्या होना आदि हाई ब्लड प्रेशर के घातक परिणाम हो सकते हैं। सही स्वास्थ्य के लिए धमनियों में रक्त का प्रवाह सामान्य रहना बहुत जरूरी है। उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए चुकंदर का सेवन कर सकते हैं। उच्च रक्तचाप के देसी उपचार के रूप में आप रोजाना चुकंदर का जूस या इसे सलाद के रूप में ले सकते हैं।

पाचन क्रिया: शरीर को पोषित रखने के लिए पाचन क्रिया का मजबूत रहना बहुत जरूरी है। जब पोषक तत्व आंत द्वारा अवशोषित हो जाते हैं, तो वो रक्त प्रवाह के जरिए लिवर तक पहुंचते हैं। फिर लिवर का काम होता है सभी पोषक तत्वों और विटामिन्स की प्रोसेसिंग करना, जिससे शरीर में ऊर्जा का प्रवाह होता है। पाचन क्रिया की मजबूती के लिए आप चुकंदर का सेवन कर सकते हैं। साथ ही ये इम्यून सिस्टम को भी ठीक रखता है।

खीरे के फायदे

खीरे के फायदे


खीरा या ककड़ी एक ऐसा खाद्द पदार्थ है जो लगभग पूरे भारतवर्ष में पाया जाता है। खीरा शरीर को शीतलता और ताजगी प्रदान करता है। इसको आप कई तरह से खा सकते हैं, जैसे- सलाद, सैंडवीच, या यूं ही नमक छिड़क कर भी खा सकते हैं। खीरे के स्वास्थ्यवर्द्धक और सौन्दर्यवर्द्धक गुण दोनों अनगिनत होते हैं

खीरा खाने के फायदे अनेक है ककड़ी खाना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। खीरे में पोषक तत्व की मात्रा अधिक होती है साथ ही इसमें एंटीआक्सीडेंट भी पाए जाते हैं जो आपको कई बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं खीरा में बहुत कम कैलोरी होती है लेकिन इस में पानी की मात्रा और सॉल्युबल फाइबर अधिक होते हैं जिससे यह वजन कम करने का कारगर तरीका मानी जाती है। गर्मियों में खीरा सभी घरों में आसानी से मिल जाता है। इसके अलावा खीरा चेहरे के लिए यानि कि चेहरे की सुंदरता बढ़ाने के लिए भी काम आता है। खीरे में विटामिन-के,विटामिन सी और मैगनीज पाया जाता है जो त्वचा और बालों के लिए काफी फायदेमंद है। गर्मियों में अक्सर त्वचा पर कई तरह की समस्याएं हो जाती है तो ऐसे में खीरे का इस्तेमाल करके त्वचा को सुंदर और स्वस्थ बनाया जा सकता है।

खीरे के औषधीय गुण

खीरा का सबसे पहला गुण है आंखों को शीतलता प्रदान करना। खीरे को स्लाइस की तरह काटकर आंखों की पलक के ऊपर पर रखने से आंखों को ठंडक मिलती है। खीरा की तासीर जलन कम करने की होती है।


खीरा प्यास बुझाता है। पानी की कमी को पूरा करता है। खीरे में 80 प्रतिशत पानी होता है। खीरा खाने के बाद शरीर को पर्याप्त मात्रा में पानी मिल जाता है।


खीरा वजन भी कम करता है। जो लोग अपना वजन घटाना चाहते हैं वे सूप और सलाद में खीरा का सेवन करें। क्योंकि खीरा में जल की मात्रा ज्यादा होती है जबकि कैलोरी नहीं। इसलिए यह जल्दी पेट को तृप्त करती है।


खीरा में फाइबर होते हैं जो खाना पचाने में मददगार होते हैं। आप कब्ज से परेशान हैं तो रोजाना खीरा खाएं। यह कब्ज के लिए कारगर दवाई है।


खीरा एक ऐसा सब्ज़ी है जिसमें कोलेस्ट्रोल बिल्कुल नहीं होता है। जिन लोगों को दिल की बीमारी होती है उनको तो खीरा रोज खाना चाहिए। अध्ययन के अनुसार खीरा में जो स्ट्रेरोल नाम का यौगिक होता है वह कोलेस्ट्रोल को कम करने में मदद करता है।


आजकल के भागदौड़ भरे जिंदगी में तनाव जिंदगी का अंग बन गया है जिससे शरीर को बहुत क्षति पहुँचती है। खीरा में जो विटामिन बी होता है वह अधिवृक्क ग्रंथि को नियंत्रित करके तनाव से हुए क्षति को कम करने में बहुत मदद करता है।


हमें प्रतिदिन कुछ विटामिन्स लेना बेहद जरूरी होता है। जैसे विटामिन A, B और C हमें नियमित लेना चाहिए। खीरा अकेला हमें प्रतिदिन के विटामिन्स देता है। खीरे के छिलके में विटामिन C होता है। इसे खाना भी लाभदायक होता है।


काम के प्रेशर, तनाव और नींद की पूरी न होने से आंखों के नीचे होने वाले डार्क सर्कल्स को दूर करने में भी खीरा बेहद कारगर होता है। इसके लिए खीर के टुकड़ों को आंखों पर 15 मिनट तक रखें। इससे आंखों के डार्क सर्कल्स दूर होने के साथ ही ठंडक मिलती है।


ऑयली स्किन के कारण त्वचा पर मुंहासे हो जाते हैं ऐसे में खीरे को पीसकर उसमें हल्दी और नींबू की कुछ बूंदे मिलाएं और उसे मुंहासों पर कुछ देर तक लगाकर रखें। इसके बाद चेहरा धो लें। दिन में 2-3 बार ऐसा करने से मुंहासों की समस्या दूर होती है।


अगर मुँह से बदबू निकल रहा है कि कुछ मिनटों के लिए मुँह में खीरे का टुकड़ा रख लें क्योंकि यह जीवाणुओं को मारकर धीरे-धीरे बदबू निकलना कम कर देता है। आयुर्वेद के अनुसार पेट में गर्मी होने के कारण मुँह से बदबू निकलता है, खीरा पेट को शीतलता प्रदान करने में मदद करता है।


गाजर के फायदे

गाजर के फायदे


गाजर एक ऐसी सब्जी है जो कि और सब्जियों से बिल्कुल अलग होती है। भारत में वैसे तो बहुत सी सब्जियों की खेती की जाती है लेकिन गाजर की बात अलग है वैसे तो गाजर सब्जी में ही आती है लेकिन हम इसे कच्चा भी खा सकते हैं और सब्जी बना कर भी खा सकते हैं गाजर हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होती है इसमें अनेक पौष्टिक गुणों से भरपूर है। इसमें  विटामिन सी, के और बी8, फोलेट, पोटेशियम, लौह, तांबा और मैंगनीज जैसे और भी खनिज व विटामिन्स गाजर हमारे पूरे शरीर में फायदा ही फायदा करती है।

गाजर ऐसी सब्जी है, जिसमें पौष्टिक तत्वों की कमी नहीं है। गाजर खाने से न सिर्फ शरीर को पोषक तत्व मिलते हैं, बल्कि कई शारीरिक बीमारियों से भी छुटकारा मिलता है। आपको बता दें कि गाजर विटामिन A, विटामिन C, विटामिन K, पोटैशियम व आयरन आदि से समृद्ध होती है। रोजाना इसका सेवन करने से कब्ज व एसिडिटी से लेकर कील-मुंहासों से छुटकारा मिल सकता है। यह एक सब्जी है जो सर्दियों के मौसम में मिलती है। इसके स्वाद में हल्की सी मिठास होती है, और  इसमें कैलोरी की मात्रा काम होती है। गाजर न ही ज़्यादा मीठा होता है, और न ही फीका। इसमें सही मात्रा में मिठास पायी जाती है। गाजर की खेती की जाती है,और इसके जड़ को खाया जाता है। यह कई प्रकार के रंग में पायी जाती है। कभी ये लाल होती है, कभी बैगनी, और कभी नारंगी।

गाजर के औषधीय गुण

कोलेस्ट्रॉल दूर करे: गाजर शरीर में कोलेस्‍ट्रॉल लेवल को कम करती है। रात को डिनर करने के बाद एक गिलास गाजर का जूस पीना जरुरी है।

आंखों के लिए लाभदायक: यह आंखों के लिए इसलिए फायदेमंद होता है क्‍योंकि इसमें बीटा केरोटीन पाया जाता है जो कि लीवर में जा कर विटामिन ए में बदल जाता है। विटामिन ए रेटीना के अंदर ट्रासंफॉम होता है और फिर यह बैगनी से दिखने वाले पिग्मेंट में इतनी शक्ति होती है कि रतौंधी जैसा रोक दूर-दूर तक नहीं हो पाता।

पाचनशक्ति: गाजर का जूस पीने से शरीर में हिमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ जाती हैं, और गाजर में अधिक मात्रा में फाइबर पाया जाता हैं जो शरीर की पाचनशक्ति को बढ़ाता हैं।

हृदय रोगी भी खा सकते हैं गाजर: गाजर में कैरोटीनायड होता है, जो हृदय रोगियों के लिए अच्छा होता है। यह माना जाता है कि गाजर का प्रतिदिन सेवन कालेस्ट्राल के स्तर को कम करता है।

दिल की बीमारी रहेंगी दूर: अगर आप हफ्ते में छह गाजर खाते हैं तो आपको दिल का रोग नहीं होगा। ह्दय की कमजोरी अथवा घड़कनें बढ़ जाने पर गाजर को भूनकर खाने पर लाभ होता है।

रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाए: अगर आपका रेाग प्रतिरोधक क्षमता कम है तो आप हमेशा बीमार पड़ते रहेंगे। पर अगर आप गाजर का जूस पिएगें तो आप हमेशा हेल्थी बने रहेंगे।

डायबिटीज़ के मरीजों के लिए: गाज़र के प्रतिदिन सेवन से रक्त में शर्करा का स्तर ठीक रहता है।

कब्ज होगा दूर: गाजर मे बहुत सारा फाइबर होता है, जिसे नियमित खाने पर पेट सही रहता है और कब्ज की शिकायत नहीं होती। पेट साफ हो जाता है।

पाचन के लिये: अगर आपको पाचन सम्बन्धी समस्या है तो आप दिन में दो लाल गाजर खाएं, इससे आपका पेट एक दम सही रहेगा।

त्वचा निखार के लिए: प्रतिदिन गाजर का सलाद खाने से या गाज़र का जूस पीने से चेहरे पर चमक आती है। गाजर रक्त की विषाक्ता कम करता है और इसके सेवन से कील-मुहासों से भी छुटकारा मिलता है।

दांतों की बढ़ेगी चमक: इसे खाने से मसूड़ों से ब्लड आना बंद हो जाता है और दांतों की चमक बढ़ती है।

खाँसी में राहत: गाजर के रस में मिश्री व काली मिर्च मिलाकर पीने से खाँसी ठीक हो जाती है तथा कफ कि समस्या में भी आराम मिलता है।

खून की होगी बढ़ोतरी: शरीर में खून की कमी को दूर करने गाजर का उपयोग काफी असरदार माना गया हैं। गाजर का जूस पीने से शरीर में खून बढ़ता हैं।

मुंह के छालो से राहत: मुंह में छाले होने पर गाजर का रस पीने से आराम मिलता है।

सफेद दाग होंगे दूर: गाजर का सेवन करने से सफेद दाग दूर किए जा सकते हैं।

गठिया: गठिया रोग हर किसी को हो जाता है लेकिन इसे दूर रखने के लिये आपको दिन में 1 गाजर रोज खानी चाहिये। गाजर खाने से हड्डियां मजबूत होती हैं क्योकि इमसें बहुत सारा विटामिन सी होता है।

मूली के फायदे

मूली के फायदे


मूली वा मूलक भूमी के अन्दर पैदा होने वाली सब्ज़ी है। वस्तुतः यह एक रूपान्तिरत प्रधान जड़ है जो बीच में मोटी और दोनों सिरों की ओर क्रमशः पतली होती है। मूली पूरे विश्व में उगायी एवं खायी जाती है। मूली का इस्तेमाल हर घर में सलाद या फिर पराठे बनाने के लिए किया जाता है। वहीं इसके कई स्वास्थ्य और ब्यूटी संबंधी फायदे भी हैं। मूली के अलावा इसके पत्ते भी बेहद लाभदायक होते हैं। मूली खाने से पेट संबंधी प्रॉ समस्याएं जैसे कमजोर पाचनशक्ति मजबूत रहती है। मूली में कई पोषक तत्व प्रोटीन, कैल्शियम, आयोडीन और आयरन भरपूर मात्रा में होते हैं

सर्दियों में सलाद, पराठे और सब्जी के रूप में लगभग हर घर में मूली खाई जाती है। मूली सिर्फ खाने में ही स्वादिस्ट नहीं होती बल्कि आपकी हेल्थ के लिए भी बहुत फायदेमंद है। मूली में क्लोरीन, फास्फोरस, सोडियम और मैग्नीशियम पाया जाता है। इसके अलावा इसमें विटामिन A, B और C भी होता है।

मूली के औषधीय गुण

मूली में एंटी बैक्टेरियल गुण पाए जाते हैं, जो कई बीमारियों के होने संभावना कम कर देते हैं । मूली खाने से सर्दी-जुकाम जैसे रोग नहीं होते है, लेकिन मूली सुबह और दिन में खानी चाहिए । तभी इसका फायदा ज्यादा होगा ।


रक्तसंचार को नियंत्रित करने के मामले में भी मूली पीछे नहीं है। यह कोलेस्ट्रॉल भी कम करती है और ब्लडप्रेशर भी नियंत्रित करती है। डाइबिटीज के मरीजों के लिए मूली बेहतरीन दवा है।


कैल्शियम  की भरपूर मात्रा होने से मूली आपकी हड्डियों को मजबूत करने में सहायक है। इसे खाने से जोड़ों में दर्द से भी राहत मिलती है और सूजन से भी।


मूली खाने से लिवर की क्रिया बेहतर होती है। लिवर की परेशानी होने पर रेगुलर अपने भोजन में मूली का सेवन करना चाहिए। साथ ही पीलिया रोग में भी ताजी मूली का प्रयोग बहुत ही उपयोगी होता है। रेगुलर रूप से 1 कच्ची मूली सुबह खाने से कुछ ही दिनों में पीलिया रोग ठीक हो जाता है।


मूली में एंटी हाइपरटेंसिव गुण पाया जाता है, जो ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में हेल्प करती है। इसके अलावा मूली में पर्याप्त मात्रा में पोटैशियम भी होता है, जो बॉडी में सोडियम और पोटैशियम के अनुपात को बैलेंस करते हुए ब्लड प्रेशर बिगड़ने नहीं देता।


पायरिया से परेशान लोग मूली के रस से दिन में 2-3 बार कुल्ले करें और इसका रस पिएं तो बहुत फायदा होगा । मूली के रस से कुल्ला करना, मसूड़ों-दांतों पर मलना और पीना दांतों के लिये बहुत लाभकारी है। मूली को चबा-चबा कर खाने से दांतों और मसूड़ों की बीमारियां दूर होती हैं ।


मूली आपकी भूख को बढ़ाती है और आपके पाचन तंत्र को बेहतर कार्य करने के लिए प्रेरित करती है। गैस की परेशानी में खाली पेट मूली के टुकड़ों का सेवन फायदेमंद होता है।


मोटापे के मरीजों के लिए मूली लाभकारी है। इसके लिए मूली के रस में नींबू और सेंधा नमक मिलाकर पिएं। इसके सेवन से धीरे-धीरे मोटापा कम होने लगता है। दमा के मरीजों के लिए भी मूली के रस का काढ़ा पीना बहुत फायदेमंद होता है।


दांतों की समस्या या पीलापन खत्म करना हो तो मूली के छोटे-छोटे टुकड़ों में नींबू का रस डालकर दांतों पर रगड़ें या कुछ देर तक चबाते रहें और थूक दें। इस तरह से दांतों का पीलापन कम होगा। मूली के रस का कुल्ला करने पर भी दांत मजबूत होंगे।


अगर आपको नींद नहीं आती, तो मूली खाना आपके लिए बेहद जरूरी है। यह न केवल नींद न आने की समस्या से छुटकारा दिलाएगी बल्कि नींद लेने के लिए प्रेरित करेगी।


त्वचा को बेदाग, नर्म और मुलायम बनाने के लिए मूली के पत्तों का रस त्वचा पर लगाएं। इसके अलावा इसका पेस्ट बनाकर भी लगा सकते हैं। यह रूखी और खुश्क त्वचा से निजात दिलाएगा और त्वचा को बेदाग बनाएगा।


शारीरिक थकान या दर्द होने पर मूली खाना या इसका रस पीना फायदेमंद है। अगर गले में दर्द या सूजन हो तो मूली के रस में सेंधा नमक मिलाकर गरम करें और इस गुनगुने पानी से गरारे करें। इससे गले की सिकाई होगी और सूजन दूर होगी।


करेले के फायदे

करेले के फायदे


करेला बेल पर लगने वाली सब्जी है। यह आम तौर पर मार्च के अंत में और अप्रैल के शुरू में उत्तर भारत के सब्जी मंडियों में दिखने लगता है। प्राकृतिक रूप से करेला जायद की फसल का हिस्सा है। इसका रंग हरा होता है। इसकी सतह करेला  पर उभरे हुए दाने होते हैं। इसके अंदर बीज होते हैं। करेला पक जाये तो बीज लाल हो जाते हैं। जब तक पकता नहीं तब तक बीज सफेद रहते हैं। सब्जी और औषधि के रूप में इस्तेमाल करने के लिए कच्चा करेला ही ज्यादा फायदेमंद होता है।

करेले के फायदे सेहत के लिहाज से बहुत ज्यादा होते हैं। करेला स्वाद में भले ही कड़वा हो लेकिन करेले के फायदे बहुत होते हैं। ज्यादातर लोगों को कड़वा होने के कारण करेले का जूस या करेले की सब्जी पसंद नहीं होती, लेकिन कई बीमारियों के लिए करेले के फायदे बहुत होते हैं। करेला कई बीमारियों के लिए दवा के रूप में काम करता है। गर्मी में करेले खाने के बहुत फायदे मिलते हैं। करेले में मौजूद कई प्रकार के औषधीय तत्व हमार शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं और हमे कई समस्याओं से निजात दिलाते हैं।

करेला कई बीमारियों के लिए दवा के रूप में काम आ सकता है। करेले खाने के बहुत फायदे होते हैं। करेले में कई औषधीय तत्व मौजूद होते हैं, जो बेहद फायदेमंद होते हैं। करेले का उपयोग करना आपकी सेहत के लिए फायदेमंद होगा। कई बार लोग सवाल करते हैं, कि करेला कड़वा क्यों होता है, तो बता दें, कि ऐसा करेले के औषधीय गुण के कारण होता है। करेले में भरपूर मात्रा में मिनरल्स, विटमिन्स, फाइबर और ऐंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं, जो उसे एक सेहतमंद और फायदेमंद फल बनाता है। करेले में भरपूर मात्रा में विटामिन A, B और C पाए जाते हैं। करेले में बीटाकैरोटीन, आइरन, जिंक, पोटैशियम, कैरोटीन, लूटीन, मैग्नीशियम और मैगनीज जैसे फ्लावोन्वाइड होते हैं।

करेले के औषधीय गुण

सिरदर्द दूर करता है: करेले की ताजी पत्तियों को पीस कर माथे पर लगाने से सिरदर्द से आराम मिलता है।

घुटने के दर्द में फायदेमंद: कच्चे करेले को आग में भूनकर, फिर मसल कर रुई में लपेट कर घुटने में बांधने से घुटने के दर्द में आराम मिलता है।

पथरी में भी लाभदायक: करेले के रस को पीने से पथरी में आराम मिलता है।

बालों के लिए करेले का जूस: करेले का जूस आपके बालों के लिए भी बहुत अच्छा है। करेले के जूस में  करेले में भरपूर मात्रा में विटामिन ए, बी और सी भरपूर मात्रा में होते हैं। जो आपके बालों के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकते हैं।

चोट लग जाने से पर: चोट लग जाने से घाव हो जाते हैं। इनको भरने के लिए करेला काफी उपयोगी साबित होगा। इसके लिए करेले की पत्तियों को घाव पर पीस कर लगाने से घाव ठीक हो जाएगा। इसके लिए करेले की पिसी हुई पत्तियों को हल्का सा गर्म कर लें और फिर घाव पर लगाकर पट्टी बांध लें।

मुंह के छालों से निजात दिलाता है: करेला मुंह के छालों के लिए अचूक दवा है। करेले की पत्तियों का रस निकालकर उसमें थोड़ मुलतानी मिट्टी मिलाकर पेस्ट बना लें और मुंह के छालों पर लगाएं। मुलतानी मिट्टी ना मिले तो करेले के रस में रूई को डुबोकर छाले वाली जगह पर लगाएं और लार को बाहर आने दें। इससे मुंह के छाले ठीक हो जाएंगे।

ब्रोकली के फायदे

ब्रोकली के फायदे


ब्रोकली एक तरह की सब्जी है, जिसे हम खाने के लिए उपयोग करते हैं। यह सब्जी फूलगोभी प्रजाति की होती है, लेकिन इसका स्वाद फूलगोभी से अलग होता है। ब्रोकली नाम इटेलियन शब्द ब्रोक्कोलो से आया है, जिसका मतलब होता है गोभी के फूल की शिखाI ब्रोकली के लाभ अनेक हैं। इसके सेवन से शरीर में पोषक तत्वों की कमी को पूरा किया जा सकता है। ब्रोकली देखने में फूलगोभी जैसी होती है, लेकिन रंग में अंतर होता है। फूलगोभी सफ़ेद रंग की होती है जबकि ब्रोकली गाढ़े हरे रंग, बैंगनी और सफ़ेद रंगों में पायी जाती है। यह कच्ची और उबाल कर दोनों रूप में खाई जा सकती है।

ब्रोकली में प्रोटीन, कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट, आयरन, विटामिन A, C और कई दूसरे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसमें फ़ाइटोकेमिकल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स भी प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो आपके शरीर के इम्यून सिस्टम को स्ट्रांग बनाते हैं। इसमें कई प्रकार के लवण भी पाए जाते हैं जो शुगर लेवल को संतुलित बनाए रखने में मददगार साबित होते हैं। भारत के मैदानी इलाकों में जाड़ों में और ठंडे क्षेत्र जैसे उत्तरांचल, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर में इसकी खेती होती है। ब्रोकली गोभी साधारण गोभी से थोड़ा महंगी मिलती है। बड़े महानगरों, होटलों में इनकी काफी मांग है.

ब्रोकली की सब्जी खाने वालों को ख़ूब सारा न्यूट्रीशन मिलता है। ब्रोकोली को पकाकर खाने की अपेक्षा उसे उबालकर खाना कहीं अधिक फ़ायदेमंद होता है। ब्रोकली की सब्जी अनेक पोषक तत्त्वों का स्रोत है। आप ब्रोकली का सलाद, करी, सूप या तल-भूनकर खा सकते हैं। इससे आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

ब्रोकली के औषधीय गुण

दिल से जुड़ी बीमारियों से बचाव के लिए: ब्रोकोली में कैरेटेनॉयड्स ल्यूटिन पाया जाता है। ये दिल की धमनियों को स्वस्थ बनाए रखता है। इसके सेवन से दिल का दौरा पड़ने और अन्य बीमारियों के होने की आशंका कम हो जाती है। इसमें मौजूद पोटैशि‍यम कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ने नहीं देता है।

इम्यूनिटी को बूस्ट करने में मददगार: ब्रोकोली में विटामिन सी की पर्याप्त मात्रा पायी जाती है। विटामिन सी शरीर में इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने और संक्रमण से बचाव में मदद करता है।

इम्यून पॉवर: रोगों से लड़ने के लिए आपके शरीर में इम्यूनिटी अधिक होनी चाहिए। ब्रोकोली में उपस्थित विटामिन सी इम्यूनिटी बढ़ाता है।

मधुमेह: मधुमेह और हड्डियों का कैल्शियम खोना आज एक आम बात हो चली है, ब्रोकोली में पाया जाने वाला क्रोमियम आपको इन समस्याओं से बचाने में कारगर हो सकता है।

आंखों की देखभाल: मोतियाबिंद और मस्कुलर डीजेनरेशन जैसी समस्याओं से बचना है, तो ब्रोकली खाएं, क्योंकि इसमें बीटा-कैटरीन नामक पोषक तत्त्व होता है। साथ ही आंखों की रोशनी बढ़ती है।

त्वचा की देखभाल: अपनी त्वचा पर यूवी रेडिएशन और सूजन के प्रभाव को कम करने के लिए ब्रोकली का सेवन करना चाहिए क्योंकि इसमें सल्फ़ोरापेन पाया जाता है।

पोषण: ब्रोकली में कैल्शियम, फ़ास्फ़ोरस, मैग्नीशियम और ज़िंक होता है जिससे हड्डियां मजबूत होती हैं। इसी कारण वृद्धों और गर्भवती महिलाओं को ब्रोकली का सेवन करना चाहिए। ब्रोकोली खाने से बोन डेंसिटी बढ़ती है।

एनीमिया: आयरन और फ़ोलेट पाये जाने के कारण ब्रोकोली आपको एनीमिया और एल्ज़ाइमर से बचा सकता है।

रक्तचाप: ब्रोकली खाने से फ़ाइबर, क्रोमियम और पोटेशियम पोषक तत्व मिलते हैं। इसलिए ब्रोकली की सब्जी खाकर ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित किया जा सकता है।

वजन नियंत्रण: वजन घटाने की चाह रखने वालों के लिए ब्रोकोली वरदान है क्योंकि इसमें लो कैलोरी होती है।

कोलाइटिस: आंतों में सूजन और इंफेक्शन होना कोलाइटिस कहलाता है। ब्रोकली का सेवन करने से आंतें स्वस्थ रहती हैं। ब्रोकली में पाए जाने वाले घुलनशील तंतु और रेशे आहारनली में हानिकारक बैक्टीरिया को पनपने नहीं देते हैं। जिससे कोलाइटिस खत्म हो जाती है।

लौकी के फायदे

लौकी के फायदे


हर घरों में लौकी सब्जी के रूप में बनाई जाती है। इसमें पाये जाने वाले पौष्टिक गुणों के कारण लौकी का उपयोग अब हर घरों में किया जाने लगा है। लौकी में महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की मात्रा पाई जाती है, जो शरीर को कई खतरनाक बीमारियों से बचाती है। इसमें फाइबर और पानी की मात्रा अधिक होने से लोग गर्मियों के समय में इसका सेवन अधिक करते है। यह शरीर में ठंडाहट देने के साथ स्वास्थ्य एंव सौंदर्य क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।

लौकी में 12 प्रतिशत तक पानी होता है, और बाकी फाइबर होता है। भारत में लाखों लोग स्वस्थ्य रहने के लिये रोज़ लौकी का जूस पीते हैं। गर्मियों में इसका जूस पीने से शरीर को काफी लाभ मिलते हैं। लौकी का जूस पीने से मोटापा दूर होता है, दिल की बीमारी और हाई बीपी की समस्या से छुटकारा मिलता है। लौकी में भरपूर मात्रा में डायट्री फायबर, विटामिन A, विटामिन C, थायमिन, राइबोफ्लेविन, विटामिन B3, B6, मिनरल्स, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशि‍यम, फास्फोरस, पोटेशि‍यम, सोडियम और जिंक पाया जाता है, जो आपको स्वस्थ बनाए रखता है। 

लौकी के औषधीय गुण

वजन कम करने में मददगार: कुछ ही लोगों को ये पता होगा कि लौकी खाने से वजन कम होता है। आपको शायद इस बात पर यकीन न हो लेकिन किसी भी दूसरी चीज की तुलना में लौकी ज्यादा तेजी से वजन कम करती है। आप चाहें तो लौकी का जूस नियमित रूप से पी सकते हैं। इसके अलावा आप चाहें तो इसे उबालकर, नमक डालकर भी इस्तेमाल में ला सकते हैं।

मधुमेह रोगियों के लिए: मधुमेह के रोगियों के लिए लौकी किसी वरदान से कम नहीं है। प्रतिदिन सुबह उठकर खाली पेट लौकी का जूस पीना मधुमेह के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद होता है।

पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने के लिए: अगर आपको पाचन क्रिया से जुड़ी कोई समस्या है, तो लौकी का जूस आपके लिए बेहतरीन उपाय है। लौकी का जूस काफी हल्का होता है और इसमें कई ऐसे तत्व होते हैं, जो कब्ज और गैस की समस्या में राहत देने का काम करते हैं। लौकी को अपने भोजन में शामिल करने से पाचन क्रिया को बेहतर किया जा सकता है।

पोषक तत्वों से भरपूर: लौकी में कई तरह के प्रोटीन, विटामिन और लवण पाए जाते हैं। इसमें विटामिन A, विटामिन C, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम पोटेशियम और जिंक पाया जाता है। ये पोषक तत्व शरीर की कई आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं और शरीर को बीमारियों से सुरक्षित भी रखते हैं।

कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए: लौकी का इस्तेमाल करना दिल के लिए बेहद फायदेमंद होता है। इसके इस्तेमाल से हानिकारक कोलेस्ट्रॉल कम हो जाता है। कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अधिक होने से दिल से जुड़ी कई बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है।

डाइबिटीज: डाइबिटीज के मरीजों के लिए लौकी का सेवन एक प्रभावकारी उपाय है। डाइबि‍टीज में खाली पेट लौकी का सेवन करना बेहतर होगा।

दिल के रोग को दूर करने में: लौकी का रस शरीर के कोलेस्ट्राल को नियत्रित कर रक्तचाप को नियंत्रित करता है और इस प्रकार हृदय रोग को ठीक कर स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है।

कब्ज और पाचन में सुधार: लौकी के रस में घुलनशील फाइबर, अघुलनशील फाइबर दोनों पाये जाते है जो शरीर को फिट रखने में सहयोग करते हैं और पाचन क्रिया को बेहतर बनाने में मदद करते है। इसके अलावा उच्च फाइबर ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर, हार्ट हेल्थ और वजन को नियंत्रित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते है। इसके नियमित रूप से सेवन करने से अनियमित कब्ज के साथ ही पेट फूलना जैसी पेट की बीमारिया दूर होती है।

शरीर को ठंड़ाहट प्रदान करने में: लौकी में फाइबर के साथ पानी की अधिक मात्रा पाई जाती है जो शरीर की गर्मी को शांत कर कई समस्याओं से छुटकारा दिलाते है गर्मीं के दिनों में इसका सेवन करने से लू ,डायरिया जैसी खतरनाक बीमारियों से बचा जा सकता है। यह शरीर को शीतलता प्रदान करता है और पानी की कमी को दूर कर त्वचा को नमी प्रदान करता है।

पानी की कमी को दूर करता है: गर्मी के समय में शरीर से अत्याधिक मात्रा में पसीना बह जाने से या फिर लगातार हो रहे दस्त से शरीर में पानी की कमी होने लगती है इससे शरीर काफी कमजोर हो जाता है ऐसे समय में लौकी का रस शरीर के लिये अमृत के समान काम करता है, इसके रस में वो सभी तत्व पाये जाते है, जो पानी की कमी को दूर कर सकते है।

नेचुरल ग्लो के लिए: लौकी में नेचुरल वॉटर होता है। ऐसे में इसके नियमित इस्तेमाल से प्राकृ‍तिक रूप से चेहरे की रंगत निखरती है। आप चाहें तो इसके जूस का सेवन कर सकते हैं या फिर उसकी कुछ मात्रा हथेली में लेकर चेहरे पर मसाज कर सकते हैं। इसके अलावा लौकी की एक स्लाइस को काटकर चेहरे पर मसाज करने से भी चेहरे पर निखार आता है।

मटर के फायदे

मटर के फायदे


मटर एक फूल धारण करने वाला द्विबीजपत्री पौधा है। इसकी जड़ में गांठे मिलती हैं। इसकी फली लम्बी, चपटी एवं अनेक बीजों वाली होती है। मटर सर्दी में मिलने वाली एक मुख्य सब्जी है। वैसे तो पूरे साल फ्रोजन मटर उपलब्ध हो जाते हैं लेकिन ताजे मटर सर्दी में ही आते हैं। यह प्रोटीन और कई प्रकार के खनिज का बहुत अच्छा स्रोत है। मटर में ऐसे कई पोषक तत्व हैं, जो गंभीर से गंभीर बीमारियों का इलाज करने में सक्षम हैं।

हरी मटर का उपयोग हम विशेष रूप से सब्‍जी के रूप में करते हैं। मटर हमारे स्वास्थ के लिए बहुत ही फायदेमंद होता हैं। इनमें बहुत से पोषक तत्‍व होते हैं। मटर के फायदे हमें हृदय रोग से बचाने, मधुमेह को रोकने, वजन कम करने, पाचन को ठीक रखने, आंखों को स्वस्थ रखने और त्‍वचा संबंधी समस्याओं को कम करने में मदद करते हैं। सर्दियों के मौसम में रंग-बिरंगी सब्जियों के साथ ही हरी मटर को काफी पसंद किया जाता है। इसमें प्रोटीन, फाइबर, विटामिन्स, फास्फोरस, पोटेशियम, आयरन, मैग्नीशियम, कॉपर और जिंक जैसे पोषक तत्व पाएं जाते हैं। इससे आंखों की रोशनी तेज होने के साथ-साथ दिल को भी मजबूत बनाते हैं। शाकाहारी लोगों को मटर से अच्छा प्रोटीन प्राप्त होता है।

मटर के औषधीय गुण

कोलेस्ट्रॉल लेवल कम: हरी मटर खाने से जो सबसे बड़ा फायदा  ये  है, वो कि वो शरीर से बीमारियों को बाहर निकालती है। मटर खाने का सबसे बड़ा फायदा है, कि यह कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करता है और आपको मोटापे के साथ-साथ अन्य कई बीमारियों से बचाता है। यह ब्लड कोलेस्ट्रॉल को भी कम करता है। यह शरीर में ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को कम करके ब्लड में कोलेस्‍ट्रॉल संतुलित बनाए रखते है।

तेज दिमाग: हरे मटर खाने से याददाश्त तेज होती है। इसके अलावा इससे दिमाग संबंधी कई छोटी-छोटी प्रॉबल्म दूर रहती है इसलिए अपनी डाइट में इसे जरूर शामिल करें।

दिल को रखे स्वस्थ: हरी मटर एक ऐसी चीज है जिसको खाने से आपको दिल की बीमारी का खतरा नहीं होता है। इसके सेवन से दिल की बीमारियों का खतरा भी कम होता है। प्रतिदिन हरी मटर का सेवन करना आपके दिल को स्वस्थ रखने में सहायक होता है।

हड्डियों के लिए खास है: हड्डियों का मजबूत होना शरीर के लिए बहुत जरूरी है। क्योंकि शरीर का आधार यहीं होती है। हरी मटर में प्रोटीन के साथ ही विटामिन-के की मात्रा भरपूर होती है, जो हड्डियों की बीमारियों और खासतौर से ऑस्टियोपोरोसिस से बचाव करने में सहायक होती है।

मेमोरी पावर बढ़ाती है: मटर अगर आपको भूलने की बीमारी है तो आपको हरी मटर मदद करने वाली है। इसलिए आप रोजाना की छोटी-छोटी चीजें याद नहीं रख पाते, तो हरी मटर का नियमित सेवन कीजिए। यह आपकी स्मरण शक्ति को बढ़ाने में मदद करेगी।

दुरूस्त पाचन क्रिया: मटर में फाइबर्स होते हैं जो खाने को पचाने वाले जीवाणुओं को एक्टिव रखते हैं और डाइजेशन को दुरूस्त बनाए रखते है।

डायबिटीज में फायदेमंद: इसमें बहुत अधिक मात्रा में फाइबर और प्रोटीन पाया जाता है, जोकि ब्लड में शर्करा की मात्रा को नियंत्रित करता है। इससे डायबिटीज में आराम मिलता है।

इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए: विटामिन्स, फास्फोरस, लोहा, जिंक, मैंगनीज, कॉपर की भी अधिक मात्रा होने के कारण इसका सेवन इम्यूनिटी बढ़ाने में भी मदद करता है। इससे शरीर को बीमारियों से लड़ने की ताकत मिलती है।

आंखों के लिए फायदेमंद: मटर में विटामिन A, अल्फा-कैरोटीन और बीटा-कैरोटीन की अच्छी मात्रा होती है, जो आंखों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। रोज कच्चे मटर का सेवन आंखों की रोशनी तेज करता है।

फाइबर होता है मटर में: हमारे शरीर को ऊर्जा के लिए फाइबर की जरूरत होती है और मटर में फाइबर की मात्रा अधिक पाई जाती है। हरी मटर को नियमित खाने से आप लंबे समय तक जवां नजर आते हैं और बढ़ती उम्र का असर जल्दी दिखाई नहीं देता।

मोटापा घटाएं: मोटापा घटाने के लिए सबसे बेहतर उपाय है, कि रोजाना मुट्ठीभर मटर का सेवन करें। इनमें मौजूद फाइबर्स फैट घटाने में मदद करते हैं, जिससे वजन तेजी से कम होता है।

चेहरे की झाइयों से राहत: आपका चेहरा ही आपकी खूबसूरती कि पहचान होता है। अगर आपके चेहरे पर झाइयां आ गई हो तो आपको हरी मटर का सेवन करना चाहिए। अगर आप चेहरे पर झाइयों से परेशान हैं, तो मटर के पेस्ट को चेहरे पर लगाकर आधे घंटे के बाद धो लें। प्रतिदिन इस प्रयोग को करें। अन्य दिनों में मटर के आटे का प्रयोग भी कर सकते हैं।

फूलगोभी के फायदे

फूलगोभी के फायदे


फूल गोभी एक प्रकार का फूल है जो अक्सर गुच्छों के रूप में मिलता है। यह सब्जी जंगली प्रकार की गोभी से उत्पन्न होती है जिसमें बहुत से पोषक तत्व और खनिज पदार्थ होते हैं। इसलिए ही फूल गोभी खाने के फायदे अच्छे स्वास्थ्य के लिए जाने जाते हैं। फूलगोभी की सब्जी खाने में बहुत स्वादिष्ट होती हैं। इसमें फाइबर, विटामिन, एंटीऑक्सीडेंट और मिनरल्स भरपूर मात्रा में पाया जाता है। फूलगोभी मैंगनीज, तांबा, लोहा, कैल्शियम और पोटेशियम जैसे खनिजों का एक अच्छा स्रोत है। यह सब्जी भले ही बेहद आम हो, लेकिन इससे मिलने वाले फायदे बहुत खास और अनमोल हैं।

फूल गोभी के फायदे हृदय रोग, मस्तिष्‍क विकारों आदि के खतरे को कम करते हैं। फूल गोभी का उपयोग आपकी आंखों के लिए भी फायदेमंद होता है। इसके अलावा फूल गोभी के औषधीय गुण शरीर में हार्मोन संतुलन को बनाए रखने में भी सहायक होते हैं। गोभी का फूल महज एक सब्जी ही नहीं है, बल्कि इसमें आपकी सेहत अछा रखने के कई गुण मौजूद होते हैं। गोभी को अपने आहार में शामिल कर आप कई बीमारियों से बच सकते हैं। साथ ही कई रोग होने पर आप गोभी के जरिये उनका उपचार भी कर सकते ।

फूलगोभी के औषधीय गुण

कब्ज से राहत दिलाना: फूल गोभी में फाइबर अधिक होता है, जिससे हमारे पेट का पाचन सही रहता है। इसी के साथ यह फाइबर कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी कम करने में मदद करता है। फूल गोभी का सेवन करने से कब्ज दूर हो जाता है और पाचन क्रिया भी सही रहती है।

दिल के लिए लाभदायक: फूल गोभी का सेवन करने से हमारे दिल को भी काफी लाभ होता है। इतना ही नहीं इसका सेवन करने से कार्डियोवस्क्युलर सिस्टम भी एकदम सही रहता है।

लिवर के लिए बेहतरीन: गोभी में पाए जाने वाले तत्व हमारे लिवर के एंजाइम्स के लिए काफी मददगार होते हैं। यह लिवर को बेहतर तरीके से काम करने में मदद करता है। इससे आप अपने शरीर के सभी अंगों को नुकसान से बचा सकती हैं।

पेट दर्द में लाभदायक: पेट दर्द होने पर गोभी की जड़, पत्‍ती, तना फल और फूल को चावल के पानी में पकाकर सुबह-शाम लेने से पेट का दर्द ठीक हो जाता है।

शरीर पर मौजूद तिल को करें साफ: फूलगोभी ना सिर्फ खाने में बल्कि तिल को साफ करने में भी काफी मददगार होती है। घर में इसका रस तैयार करें और रोज तिल वाली जगह पर लगाए। इससे कुछ ही दिनों में पुरानी तव्चा धीरे धीरे साफ होने लगेगी और तिल गायब हो जाएगा।

मधुमेह में भी असरदार: फूलगोभी खाना मधुमेह के रोगियों के लिए भी काफी फायदेमंद होता है। इसमें कम कार्बोहाइड्रेट और कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स पाया जाता है।

पीलिया में भी लाभदायक: पीलिया के लिए भी गोभी का रस बहुत फायदेमंद है। गाजर और गोभी का रस मिलाकर पीने से पीलिया ठीक होता है।

कोलेस्‍ट्रॉल का स्तर होगा कम: गोभी फाइबर का उच्च स्रोत होती है। फाइबर हमारी पाचन क्रिया को दुरुस्त रखता है और साथ कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी कम करता है।

हड्डियों के विकास लिए: फूलगोभी में विटामिन सी होता है, जो कोलेजन के उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो सूजन से होने वाली क्षति से जोड़ों और हड्डियों की सुरक्षा करता है। इसके अलावा, इसमें विटामिन K होता है, जो पुरुषों और महिलाओं दोनों में हड्डियों की हानि को रोकने में मदद कर सकता है।

वजन कम करने में: फूलगोभी में स्वस्थ घटक होते हैं, जैसे कि इंडोल्स जिसमें एंटी-ओबेसिटी वाले प्रभाव होते हैं। फूलगोभी की खपत शरीर में विभिन्न सूजन और चयापचय संबंधी विकारों को रोकने में फायदेमंद है। यह वसा जलने वाले उष्म जनन उत्तेजना में भी मदद करती है और मोटापा को रोकती है।

हृदय के लिए: इसमें मौजूद ग्लूकोराफेनिन की उपस्थिति के कारण स्वस्थ्य रक्त परिसंचरण सुनिश्चित करती है। ये रक्त वाहिकाओं को बनाए रखने में मदद करती है। यह रक्त के अबाधित प्रवाह में सहायता करके एथारोस्क्लेरोसिस जैसी स्थितियों के जोखिम को कम करता है और हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है।

पाचन के लिए: फूलगोभी में ग्लूकोसिनॉल, ग्लूकोराफेनिन और सल्फोराफेन की उपस्थिति पेट की दीवारों को बचाती है, और हेलिओबैक्टर पाइलोरी बैक्टीरिया के विकास का विरोध करने में मदद करती है। इस रक्षा तंत्र के अलावा, फूलगोभी में मौजूद आहार आइसोथियोसाइनेट पेट के अल्सर जैसे विभिन्न पेट विकारों के जोखिम को रोकते हैं।

पत्तागोभी के फायदे

पत्तागोभी के फायदे


पत्ता गोभी एक अकेली ऐसी सब्जी है जिसके अंदर आपको सिर्फ पत्ते ही पत्ते मिलेंगे। पत्ता गोभी का इस्तेमाल आप अलग अलग तरीकों से कर सकते हैं, जैसे कि इसे आप सब्जी बना कर भी खा सकते हैं। इसे आप सलाद में भी ले सकते हैं और आप इसे कच्चा भी खा सकते हैं। यह कई किस्म के होते हैं और इसकी हर एक किस्म बाजार में आसानी से आपको मिल जाती हैं। इसे अंग्रेजी में कैबेज बोला जाता है।

पत्ता गोभी को बंद गोभी के नाम से भी जाना जाता है। खाने में मजेदार यह हमारे सेहत को भी कई स्वास्थ्यवर्धक फायदे देती है। पत्ते गोभी में आयरन, विटामिन और पेटेशियम जैसे कई पौष्टिक पोषक तत्व होते हैं। अपने कई सारे पोषक तत्व वाले गुण के कारण यह हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है। फायबर, बिटा केरोटिन, विटामिंस B1, B6, K, E, C से भरपूर पत्ता गोभी त्वचा और बालों के लिए बहुत ही उपयोगी है। पत्ता गोभी एक बहुत ही फायदेमंद सब्जी है जिसके सेवन से हमारी कई सारी बीमारियाँ दूर हो जाती हैं, क्योकि इसमें आयरन , फाइबर और विटामिन जैसे पोषक तत्व पाए जाते है, जो की शरीर को फिट रखते है |

पत्तागोभी के औषधीय गुण

वजन कम करने में सहायक: आज के समय में बढ़ता वजन हर किसी के लिए समस्या बना हुआ है, और अगर आप अपना वजन कम करना चाहते है तो पत्ता गोभी को अपनी डाइट में जरूर शामिल करे | रोजाना पत्ता गोभी का सूप और इसकी सब्जी का सेवन बहुत जल्दी आपका वजन कम कर सकते है|

पेट को साफ़ रखे: पेट में चल रही कई सारी समस्याएं जैसे की पेट का साफ ना होना, कब्ज या एसिडिटी के लिए पत्ता गोभी बहुत फायदेमंद है | इसमें सल्फर और क्लोरीन जैसे पोषक तत्व होते है, जो की पेट की बिमारियों को दूर करते है|

खून की कमी दूर करे: जो लोग खून की कमी से परेशान रहते हैं, उन्हें विशेषकर नियमित रूप से पत्ता गोभी का सलाद का सेवन जरूर करना चाहिए। पत्तागोभी में फोलिक एसिड होता है, जो खून की कमी को दूर करने में मददगार होता है। फोलिक एसिड शरीर में नए ब्लड सेल्स का निर्माण कर खून की कमी दूर करता है।

मांसपेशियों का दर्द: लगातार काम करने से अक्सर हमारे शरीर में दर्द होने लगता है,  जिसके लिए मासपेशियों में अकडन होने लगती है जिसके लिए पत्ता गोभी का रस फायदेमंद होता है | ऐसी स्थिति में पत्ते गोभी का रस का सेवन करना और इसकी सब्जी खाना फायदेमंद होता है |

बालो के लिए फायदेमंद: इसमें पर्याप्त मात्रा में विटामिन्स और सिलिकॉन पाए जाते है जो की बालों के लिए बहुत फायदेमंद होते है | अगर आप सफ़ेद बाल ,बालों का झड़ना और बालो के टूटने जैसी समस्यायों से परेशान है तो आप रोजाना पत्ता गोभी का सेवन करे जिससे आपको बहुत जल्दी आराम मिलेगा |

स्किन के लिए: पत्ता गोभी में फाइटो केमिकल्स और एंटी ओक्सिडेंट पाए जाते है, जो की हमारे शरीर के रक्त संचार को सही करते है | जिससे स्किन में रंगत आती है, और कील मुंहासे और कालेपन जैसी समस्या दूर होती है। आप पत्ता गोभी का सेवन कीजिए और साथ साथ इसके रस को भी अपने चहरे में लगायें जिससे आपको जल्दी और बढ़िया फायदा होगा।

आँखों के लिए: बढ़ती उम्र के साथ आँखों में मोतियाबिंद की समस्या होने लगती है, जिसे पत्ता गोभी से दूर किया जा सकता है। इसमें बीटा कैरेटिन पाया जाता है, जो की आँखों के लिए बहुत फायदेमंद है और आँखों को स्वस्थ बनाता है।

तव्चा को स्वस्थ्य बनाये: वातावरण के बदलाव और धुल प्रदुषण से त्वचा पर बुरा असर पड़ता है।  जिससे त्वचा शुष्क और डीहाइड्रेट हो जाती है। इसलिए अगर आप त्वचा को स्वस्थ और मुलायम बनाना चाहते हैं। पत्ता गोभी में एंटीऑक्सीडेंट्स पाया जाता है। पत्तागोभी को अच्छी तरह से धोकर खाने से त्वचा स्वस्थ बने रहती है और चेहरे की चमक बरकरार रहती है।

शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता: पत्ता गोभी विटामिन C से भरपूर होती है। विटामिन C एक उपयोगी एंटीऑक्सीडेंट है, जो रोगों के खिलाफ शरीर की इम्यूनिटी को बूस्ट करने का काम करता है। इसके अलावा, पत्ता गोभी विटामिन A से भी समृद्ध होती है, जिस कारण यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा देकर रोगों से लड़ने में मदद कर सकती है।


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