स्वस्थ फेफड़ों के लिए आयुर्वेदिक उपचार
स्वस्थ फेफड़ों के लिए आयुर्वेदिक उपचार
फेफड़ों का काम वातावरण से ऑक्सीजन लेना और कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित कर उसे वातावरण में छोड़ना है। साथ ही यह शुद्ध रक्त धमनी द्वारा दिल में पहुंचता है, जहां से यह फिर से शरीर के विभिन्न अवयवों में पम्प किया जाता है, इसलिए फेफड़ों का स्वस्थ रहना जरूरी है। बहुत से हर्ब्स ऐसे है जिनके सेवन से फेफड़ों को स्वस्थ रखा जा सकता हैं। आगे के स्लाइड में उन्हीं के बारे में चर्चा की गई हैं।
स्वस्थ फेफड़ों के लिए अचूक आयुर्वेदिक उपाय
मुनक्का- मुनक्का के ताजे और साफ 15 दाने रात में 150 मिलीलिटर पानी में भिगो दें। सुबह बीज निकालकर फेंक दें। गूदे को खूब अच्छी तरह चबा-चबाकर खायें। बचे हुए पानी को पी लें। एक महीने तक इसका सेवन करने से फेफड़े मजबूत होते हैं।
अंगूर- अंगूर फेफड़े के सभी प्रकार के रोगों को दूर रखता है। खांसी और दमे जैसी बीमारियों में अंगूर कासेवन बहुत फायदा पहुंचाता है। हां अगर आपको डायबिटीज है तो इसका अधिक सेवन न करें।
शहद- रोजाना सुबह एक चम्मच शहद का सेवन करें। एक दो महीने तक इसका सेवन करने से फेफड़ों के रोग दूर होते हैं और फेफड़े मजबूत बनते हैं।
अंजीर- फेफड़े की परेशानियों को दूर करने में अंजीर काफी मदद करती है। 5 अंजीर को एक गिलास पानी में उबाल लीजिये। दिन में दो बार इसका सेवन करने से फेफड़ों की गंदगी साफ होती है और उन्हें शक्ति मिलती है।
मुलहठी- खांसी और खराश में मुलहठी के फायदे आप जानते ही हैं। यह फेफड़ों के लिए बहुत लाभदायक होती है। पान में डालकर मुलहठी का सेवन करने से कफ नाश होता है।
तुलसी- तुलसी के सूखे पत्ते, कत्था, कपूर और इलायची समान मात्रा में ले लीजिए। इसमें नौ गुना चीनी मिलाकर बराबर मात्रा में पीस लें। इस मिश्रण की चुटकी भर मात्रा दिन में दो बार खायें। इससे फेफड़ों में जमा कफ निकल जाता है।
शहतूत के पत्ते- शहतूत के पत्ते चबाने से फेफड़ों के रोग, फेफड़ों की जलन, सिरदर्द और खांसी आदि दूर होती है।
लहसुन- लहसुन को कफनाशक समझा जाता है। भोजन के बाद लहसुन का सेवन करने से छाती साफ रहती है और कई रोगों से रक्षा होती है।
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