प्राकृतिक सौंदर्य
सूर्य की किरणों का महत्व

सूर्य की किरणों का महत्व
सूर्य को ग्रहों का राजा माना जाता है और इसकी किरणें हर इंसान को एक नया जीवन देती है. भरी दोपहर में तपते हुए सूरज की किरणों में निकलना भले ही परेशानी का सबब बन जाता है लेकिन सुबह की गुनगुनी धूप बहुत फायदेमंद होती है. ये तो हर कोई जानता है कि सूरज की किरणों में विटामिन डी पाया जाता है जो हमारी हड्डियों को मजबूती प्रदान करता है. लेकिन विटामिन डी के अलावा सूर्य की किरणों से और भी कई सारे फायदे मिलते हैं. आइए हम आपको बताते हैं सूरज की किरणों के फायदे – सुबह के वक्त सूरज की रोशनी में कुछ देर बिताने से होनेवाले स्वास्थ्य संबंधी फायदों के बारे में.
सूरज की किरणों के फायदे
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है- सुबह के वक्त धूप में बैठने से सूरज की रोशनी से निकलनेवाली अल्ट्रा वॉयलेट किरणें इम्यून सिस्टम को हाइपरएक्टिव होने से रोकती है और इस तरह से हम सोराइसिस जैसी बीमारियों के खतरे से दूर रहते हैं. इतना ही नहीं ये शरीर को रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी इजाफा करता है.
हड्डियां मजबूत होती हैं- सूरज की किरणों में बैठने से शरीर को विटामिन डी भरपूर मात्रा में मिलता है. विटामिन डी शरीर की हड्डियों को मजबूत करने के साथ ही उसे स्वस्थ बनाए रखता है.
अनिद्रा से मिलती है मुक्ति- अगर आप अनिद्रा के शिकार हैं तो फिर हर रोज सुबह के वक्त हल्की सी धूप में बैठने की आदत डाल लीजिए. क्योंकि सूरज की किरणें शरीर में मेलाटोनिन नाम के हार्मोन का निर्माण करती हैं. जिससे अनिद्रा की शिकायत दूर होती है और अच्छी नींद आती है.
शरीर का वजन होता है कम- एक शोध में यह खुलासा हुआ है कि सुबह धूप में बैठने से आप अपने शरीर के वजन को कंट्रोल कर सकते हैं. सूरज की किरणों और बी एम आई के बीच एक गहरा रिश्ता है जो शरीर और वजन दोनों को कंट्रोल करने की क्षमता रखते हैं.
कई बीमारियों से मिलती है मुक्ति- सूरज की किरणें शरीर को बाहर और भीतर से स्वस्थ रखती हैं. सुबह के वक्त धूप में ना बैठने से शरीर में लौह तत्व की कमी होती है. जबकि सूर्य की किरणें हार्ट अटैक, डायबिटीज, शारीरिक थकान, चर्मरोग, कैंसर, इंफेक्शन, कमजोरी और मांसपेशियों के रोगों से बचाती है.
ये है सूरज की किरणों के फायदे- हम आपको बता दें कि सूरज की किरणों में बैठने पर अगर पसीना आ जाए तो वहां बैठने का कोई महत्व नहीं रह जाता है. वहीं अगर आप सूरज की किरणों के फायदे पाना चाहते हैं तो फिर हर रोज कुछ देर धूप में बैठने की आदत डाल लें.
ओस की बूंदों का महत्व

ओस की बूंदों का महत्व
ओस की बूंदो के फायदे ओस को हम सभी ने देखा है ओस रात पे पड़ती है और सुबह घास और पेड़ पौधों में लगी रहती है। हम में से कोई नहीं जनता की ओस हमारी कितनी बीमारियों में काम में आती है और कितनी बिमारियों को दूर भगाती है। ओस की बूंदे जितनी छोटी होती है उतनी ही लाभकारी होती हैं। ये छोटी छोटी बूंदे हमारे शरीर के अनेक रोगो को दूर करती हैं और हमारे शरीर को स्वस्थ रखती है। मुँह के छाले जब हमारा पेट खराब होता है तो हमारे मुँह में जीभ में हो तो पर मोटे मोटे छाले पद जाते हैं। जो हमे खाना खाने पानी पीने में बहुत परेशन करते हैं। और हम सही से बोल भी नहीं पाते। अपने मुँह के छालों को ठीक करने के लिए सुबह सुबह ओस की कुछ बूंदे मुँह पर लगाएं थोड़ी देर मुँह बंद करें और बाद में कुल्ला कर लें। तीन चार दिन तक ऐसा करने से छाले ठीक हो जाएंगे और बहुत जल्दी आराम भी मिलेगा।
ओस की बूंदों के फायदे
पैरों में सूजन- हमारा वजन ज्यादा बढ़ जाने पर या हमारे पैरों में दर्द होने पर हमारे पैरों में सूजन आ जाती है जो हमे चलने फिरने में बहुत परेशान करती है सुबह सुबह हरी घास पर ओस की बूंदे गिरी हो उस पर हमे नंगे पाँव चलना चाहिए हर रोज 20-25 मिनट ऐसा करने से हमारे पैरों की सूजन चली जाती है। और हमारे पैरों में जो दर्द होता है वह भी नहीं होता। हरी घास और उस पर पड़ी ओस की बूंदे हमारे शरीर को बहुत अच्छा लाभ देती है।
होंठों का फटना- अक्सर तेज हवा धूल धूल मिटटी के कारण हमारे होंठ फट जाते है और हमे बहुत परेशान करते हैं। उनमे दर्द भी होता है सुबह सुबह ओस की बूँद लेकर उसमे थोड़ी से मलाई मिलाकर होठो पर लगाने से होंठ कोमल बनते हैं और फटते भी नहीं हैं तथा मुलायम हो जाते हैं।
चेहरे के दाग धब्बे- अक्सर हमारे चेहरे पर कुछ पिम्पल्स निकल आते हैं जो ठीक हो जाते हैं लेकिन उनके निशान रह जाते हैं सुबह सुबह हरी घास या पेड़ो पर पड़ी ओस को लेकर उसमे थोड़ा सा बेसन और हल्दी मिलाकर चेहरे पर लेप लगाएं और 10-15 मिनट बाद चेहरे को धो दें। चेहरे पर चमक आएगी और दाग धब्बे दूर हो जाएंगे। हम चाहे तो उसको सीधे ही अपने चेहरे पर लगा सकते हैं इससे चेहरे की थकान भी दूर हो जाती है और चेहरे में चमक आती है।
थकान दूर करना- पुरे दिन काम करते करते चाहे घर हो या बाहर हमारे हाथ पैरों में दर्द होने लगता है और हमे नींद भी नहीं आती। पुरे शरीर में दर्द रहता है इससे बचने के लिए सुबह हरी घास पर पड़ी ओस पर सुबह 10-15 मिनट नंगे पाँव उस पर चलना चाहिए इससे हमारी थकान दूर होती है और रात में हमे अच्छी नींद भी आती है।
सुबह घास पर टहलने के फायदे

सुबह घास पर टहलने के फायदे
यह बात तो सभी जानते हैं कि सुबह की सैर हमारी सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होती है। हरी घास पर नंगे पैर चलने से शारीरिक और मानसिक तनाव दूर हो सकता है। चलने के फायदे सभी को पता होंगे और यह एक तरह का व्यायाम भी है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि नंगे पैर घास पर चलना आपके स्वास्थय के लिहाज से कितनी फायदेमंद है। तो क्यों न हर रोज घास पर चलकर इसका फायदा उठाएं।
हरी घास पर टहलने के फायदे
हरी घास पर चलना- अच्छे स्वास्थ्य के लिए टहलना बहुत महत्वपूर्ण होता है। सिर्फ वॉक कितनी देर की जाए, इस बात पर ध्यान देने से ही फायदा नहीं होता बल्कि ये भी सोचना चाहिए कि वॉक कहां की जाए। वॉक के लिए पार्क जाइये और हरियाली देखिये। हरियाली के बीच सुबह का टहलना न केवल तनाव से मुक्ति दिलाता है, बल्कि दिल के लिए भी अच्छा है। हृदय रोगियों को हरियाली के बीच टहलना चाहिए। घास पर टहलने के और भी कई लाभ होते हैं। आइये जानते हैं उनके बारे में।
आंखों की रोशनी तेज होती है- सुबह-सुबह ओस में भीगी घास पर चलने से आंखों की रोशनी भी तेज होती हैं। जो लोग चश्मा लगाते है कुछ दिन नंगे पैर हरी घास पर चलने से उनका चश्मा उतर जाता है या चश्मे का नंबर कम हो जाता है। ये भी ग्रीन थेरेपी का चमत्कार है।
तनाव होता है कम- आप जितनी देर और जितना अधिक हरियाली के बीच रहेंगे, उतने ही स्वस्थ और तनावरहित रहेंगे। हरियाली का प्रभाव हमें सुरक्षा का एहसास दिलाता है, जो धीरे-धीरे मांसपेशियों का खिंचाव कम करता है और तनावरहित बनाता है। ग्रीन थेरेपी से मस्तिष्क की शक्ति भी बढ़ती है।
मधुमेह में उपयोगी- मधुमेह रोगियों के लिए हरियाली के बीच बैठना, टहलना और उसे देखना बहुत अच्छा माना जाता है। ऐसे लोगों में कोई भी घाव आसानी से नहीं भरता, परंतु मधुमेह रोगी यदि हरियाली के बीच रह कर नियमित गहरी सांस लेते हुए टहले तो शरीर में ऑक्सीजन की पूर्ति होने से समस्या से निजात पाया जा सकता है।
छींक, एलर्जी का इलाज- ग्रीन थेरेपी का मुख्य अंग है हरी-भरी घास पर नंगे पैर चलना या बैठना। सुबह-सुबह ओस में भीगी घास पर चलना बहुत बेहतर माना जाता है। जो पांवों के नीचे की कोमल कोशिकाओं से जुड़ी तंत्रिकाओं द्वारा मस्तिष्क तक राहत पहुंचाता है।
प्रदूषित वायु से बचाव- जो लोग देर तक प्रदूषित वायु के संपर्क में रहते है, उनमें सांस रोग होने की संभावना ज्यादा होती है, यह वायु उनके मस्तिष्क पर भी असर डालती है। व्यक्ति में याद रखने की क्षमता घटने लगती है। यहां भी ग्रीन थेरेपी काम आती है। यदि आप अपने कार्यस्थल के आस-पास हरियाली रखेंगे, तो प्रदूषणकारी तत्व आप तक नहीं पहुंच पाएंगी।
उच्च रक्तचाप में लाभदायक- उच्च रक्तचाप के सभी रोगियों को प्रतिदिन सूर्योदय के समय भ्रमण के लिये किसी पार्क में जाकर एक घंटे शुद्ध वायु के वातावरण में प्रतिदिन बैठने व इसी अवधि में ओस पड़ी हरी घास पर कुछ समय नंगे पैर नियमित चलने से पर्याप्त लाभ मिलता है।
पेड़ पौधों का महत्व

पेड़ पौधों का महत्व
पेड़ हमारे जीवन के लिए कितने महत्वपूर्ण हैं, इसके बारे में तो तीसरी क्लास के बच्चे हमसे बेहतर बता सकते हैं. लेकिन इन दिनों पूरे देश में जिस तेजी से पेड़ काटे जा रहे हैं, ऐसा लगता है कि बचपन में पढ़ा हुआ वो पाठ हम बड़े होकर भूल गए हैं. पत्ती से लेकर जड़ तक, पेड़ों के फायदे अगर हम गिनने बैठें तो शायद हमें समझ में आए कि कहीं बाढ़ और कहीं सूखे की वजह पेड़ों को बेतरतीब काटना ही है. इसीलिए हम आपको याद दिला देते हैं कि पेड़ हमारे और आपके जीवन के लिए कितने जरूरी हैं. पृथ्वी पर इंसानों के आने से करीब 2 लाख साल पहले दुनिया में पेड़ों और हरी-भरी वनस्पति का राज था. छोटे शैवाल से लेकर रेगिस्तान में उगने वाले कैक्टस जैसे पौधे पूरी दुनिया में अपनी जगह बना रहे थे. आदिमानवों ने भी इन हरे-भरे साथियों से दोस्ती कर ली थी. खाना, पहनना, रहना, ओढ़ना, सबकुछ उन्हें ये पेड़ ही उपलब्ध कराते थे. पेड़ों की खासियत यह है कि इसका कोई भी हिस्सा अनुपयोगी नहीं होता. चाहे पत्तियां हों, तने, बीज, फल, फूल, सबकुछ इंसानों और प्रकृति के लिए बहुत से फायदों से भरा होता है.
पेड़ पौधों के औषधीय गुण
जड़- पेड़ की बॉडी का तीसरा सबसे जरूरी अंग है उसकी जड़ें. ये हिस्सा जमीन के अन्दर रहता है. जमीन के भीतर यह हिस्सा मिट्टी को पकड़कर रखता है. इससे यह भूस्खलन को रोकने और बाढ़ में मिट्टी के बह जाने को रोकता है. इसी तरह बहुत सी जड़ें जैसे मूली, गाजर, शकरकंद वगैरह खाने के काम आते हैं.
पत्ती- अधिकतर पेड़ों की पत्तियां हरे रंग की होती हैं. ये पत्तियां मुख्य रूप से पेड़ के लिए सूर्य की रौशनी की उपस्थिति में भोजन बनाती हैं. इसके लिए ये वातावरण से कार्बन डाईऑक्साइड रुपी जहरीली गैस लेती हैं और ऑक्सीजन बाहर निकालती हैं. इस तरह से ये पत्तियां ऑक्सीजन के रूप में जीवों को प्राणवायु देती हैं. इसी के साथ इन पत्तियों की सतह पर पानी की बूंदें होती हैं जो पेड़ के भीतर होने वाली बहुत सी रासायनिक क्रियाओं से निकला हुआ वेस्ट होता है. लेकिन यही पानी की बूंदें आस-पास की हवा को ठंडा रखती हैं और मौसम में नमी बनाए रखती हैं. इसी तरह ये पत्तियां बारिश के लिए बादल बनाने के लिए भी फायदेमंद हैं. बहुत से पौधों जैसे पालक और दूसरी साग की पत्तियां भोजन के भी काम आती हैं.
तना- हर पेड़ का तना अलग किस्म का होता है. किसी पेड़ का हरा तो किसी का भूरा, किसी का चिकना तो किसी का छाल से भरा हुआ. सभी किस्म के तनों के अपने-अपने फायदे हैं. हरे तने पत्तियों की ही तरह भोजन बनाते हैं. वहीं भूरे और मजबूत तने इंसानों की जरूरत के लगभग सभी सामान बनाने के काम आते हैं. चीड़, देवदार, शीशम आदि की लकड़ियों से फर्नीचर वगैरह बनाए जाते हैं.
ग्लोइंग स्किन के लिए प्राकृतिक उपाय

ग्लोइंग स्किन के लिए प्राकृतिक उपाय
हमें अपनी त्वचा की देखभाल भी प्राकृतिक तरीके से ही करना चाहिए क्योंकि प्रकृति में ही छिपा है हमारी सुंदरता का राज। बस हमें इसके असर और इस्तेमाल की जानकारी होनी चाहिए। इसमें न तो कोई साइड इफेक्ट का डर है और न ही किसी रिएक्शन का खतरा। चेहरे और त्वचा का सौन्दर्य, रंगत और कोमलता बढ़ाना चाहते हैं तो हमें प्राकृतिक सौन्दर्य प्रसाधन का इस्तेमाल इसलिए भी करना चाहिए क्योंकि इससे हमारे चेहरे और त्वचा में कुदरती आभा आएगी और यह सुंदरता टिकाऊ भी होगी। त्वचा को सबसे ज्यादा नुकसान सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणों, धूप, प्रदूषण, तनाव, नींद की कमी, से होती है। बाजार में बिकने वाले महंगे सौंदर्य उत्पाद पर यकीन करने की बजाय अगर हम घरेलू और आयुर्वेदिक नुस्खों को आजमाएं तो त्वचा में निखार और चमक आने के साथ-साथ त्वचा स्वस्थ भी रहेगी।
चमकदार त्वचा के लिए प्राकृतिक उपाय
हल्दी से हटते हैं मुहांसे- हल्दी एक प्राकृतिक एंटीसेप्टिक एंटी-फंगल है। इसके लेप लगाने से त्वचा पर मुहांसे, पिंपल और पिग्मेंटेशन नहीं होते हैं।
चंदन से स्किन में आता ग्लो- बाजार में त्वचा की देखभाल के लिए बिकने बनने वाले ज्यादातर कॉस्मेटिक में चंदन का इस्तेमाल होता है। चंदन से त्वचा में निखार आता है। चंदन त्वचा को ठंडक भी पहुंचाता है। इसके इस्तेमाल से त्वचा पर दाने और मुहांसे नहीं होते हैं।
एलोवेरा- एलोवेरा एक नेचुरल एंटी क्लिंजर है। इससे त्वचा चमकदार बनती है। इसमें पाए जाने वाले एंटी इंफ्लेमटरी गुण से त्वचा की बाहरी परत को सुरक्षा मिलती है। इसके इस्तेमाल से स्किन इंफेक्शन होने पर होने वाली जलन भी कम होती है।
नीम की पत्ती से- त्वचा के लिए नीम की पत्ती काफी कारगर होती है। इससे त्वचा में प्राकृतिक निखार आता है। नीम की पत्ती के पाउडर और पिसी हुई गुलाब की पंखुड़ी को नींबू के रस के साथ मिलाकर लगाने से त्वचा में चमक आती है।
एवाकाडो से स्किन को मिलता प्रोटीन- एवाकाडो से त्वचा में प्राकृतिक चमक आती है। यह ड्राय स्किन वालों के लिए काफी कारगर है। एवाकाडो में प्रोटीन होता है, जो त्वचा के लिए काफी फायदेमंद है।
नींबू से मिटती हैं झुर्रियां- चेहरे पर नींबू का रस लगाएं। निचोड़े गए नींबू के छिलके भी चेहरे पर कुछ दिन तक मल सकते हैं। इससे चेहरे की झुर्रियां मिटेंगी। मुंह धोते समय गालों को हथेलियों से थपथपाकर सुखाएं, इससे गालों में रक्त का संचार बढ़ता है और झुर्रियां मिट जाती हैं।
मॉर्निंग वॉक के फायदे

मॉर्निंग वॉक के फायदे
मॉर्निंग वॉक करना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है। लेकिन मॉर्निंग वॉक के असल फायदे आपको तभी मिलते हैं जब आप सही समय पर और सही तरीके से वॉक करते हैं। अगर आप सुबह 4 या 5 बजे उठकर मॉर्निंग वॉक करते हैं, तो आपको इसका फायदा उन लोगों की अपेक्षा कम मिलता है, जो सुबह सूरज निकलते समय मॉर्निंग वॉक करते हैं। जी हां, सुबह की सैर पर जाते समय अगर आपको हल्की-हल्की धूप का आनंद भी मिलता है, तो सेहत के लिहाज से आपको इसके अधिक फायदे होते हैं। अगर आप नहीं जानते, तो अभी जानिए यह 5 फायदे-
सुबह की सैर के फायदे
अगर आप सुबह सूरज निकलते समय या उसके कुछ देर बाद तक सुबह की सैर करते हैं, तो आपको भरपूर मात्रा में विटामिन-डी मिलता है जबकि अंधेरे में या सूरज निकलने के पहले सैर करने पर आप विटामिन-डी से वंचित रह
भरपूर मात्रा में ऑक्सीजन ग्रहण करना, सुबह की सैर का एक महत्वपूर्ण कारण होता है। लेकिन अगर आप अंधेरे में सैर करने जाते हैं, तो उस समय आपको ऑक्सीजन का फायदा नहीं मिल पाता, क्यों उस वक्त पेड़-पौधे कार्बन-डाई- ऑक्साइड छोड़ते हैं।
हड्डियों को मजबूत करने के लिए कैल्शियम के साथ-साथ विटामिन-डी बेहद आवश्यक होता है। अगर आप सही मात्रा में धूप नहीं लेते तो आापको विटामिन डी नहीं मिल पाता और आपके शरीर को कैल्शियम का कोई लाभ नहीं मिलता। हल्की धूप में सैर करने से आपका शरीर कैल्शियम का सही उपयोग कर पाता है।
अगर आप मानसिक तनाव या डिप्रेशन के शिकार हैं, तो हल्की धूप में सैर करना आपके लिए बेहद जरूरी है। इससे आपको सैर करने के फायदे भी मिलेंगे और धहल्की धूप आपको डिप्रेशन से भी बचाती है।
अगर आप डाइबिटीज को कंट्रोल करना चाहते हैं, तो यह आपके लिए सबसे बेहतर तरीका है। हल्की धूप में सुबह की सैर आपको डाइबिटीज, हृदय रोग और दिमागी समस्याओं से दूर रखती है।
शाम को टहलने के फायदे

शाम को टहलने के फायदे
सुबह टहलने के साथ-साथ शाम को टहलना भी आपके स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है क्योंकि यह आपके शरीर को रिलैक्स करने में मदद करता है और साथ ही आपके मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर करता है।
लोग अक्सर ऐसा सोचते हैं कि सुबह में टहलना फिट रहने का सबसे अच्छा तरीका होता है। हालांकि, एक व्यस्त दैनिक दिनचर्या या फिर सुबह काम पर जल्दी जाने की वजह से आप सुबह में टहलने नहीं जा पाते हैं। इसलिए बहुत से लोग शाम को टहलने जाना पसंद करते हैं। शाम को टहलने के कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं। यह आपके शरीर को कई प्रकार से लाभ पहुंचाता है। शाम को टहलने से आपके शरीर का रक्त संचार बेहतर होता है जिससे आपका शरीर स्वस्थ रहता है। इसके अलावा आपके शरीर का वजन भी नियंत्रित रहता है और साथ ही आपको मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को भी बेहतर रखता है। आइए जानते हैं शाम को टहलने के क्या स्वास्थ्य लाभ होते हैं।
शाम की सैर के लाभ
एक्सरसाइज करने में मदद करता है- दैनिक दिनचर्या में एक्सरसाइज करना बहुत जरूरी होता है। इसलिए, यदि आप सुबह में एक्सरसाइज करने में असमर्थ होते हैं, तो आप इसे शाम को प्राप्त कर सकते हैं। यह शरीर को रिलैक्स करने में मदद करता है और साथ ही शरीर का कुछ कैलोरी भी बर्न करता है।
दिमाग को स्वस्थ रखता है- पूरे दिन व्यस्त रहने के बाद शाम को आपको खुद के लिए समय चाहिए होता है। इसलिए शाम को टहलना आपके लिए एक बेहतर विकल्प होता है। यह आपको थोड़ी देर खुद के साथ समय व्यतीत करने में मदद करता है और साथ ही आपके दिमाग को भी रिलैक्स करता है।
अच्छी तरह से सोने में मदद करता है- जब आप हर दिन शाम में टहलते हैं तो आपका दिमाग रिलैक्स हो जाता है और आपका शरीर एक्सरसाइज करने के मोड में आ जाता है। आप चलने के बाद थका हुआ महसूस करते हैं और फिर आप रात में अच्छी तरह से सो पाते हैं।
पाचन में मदद करता है- यदि आप रात के खाने के बाद टहलने जाते हैं तो आपका खाना आसानी से पच सकता है और आपको एसिडिटी की समस्या भी नहीं होती है। खाने के आधे घंटे के बाद टहलने जाना आपके पाचन शक्ति को भी बेहतर करता है।
पीठ दर्द कम करता है- कुछ लोग ऑफिस में पूरे दिन बैठे रहते हैं जिसकी वजह से उनके पीठ और रीढ़ की हड्डी में दर्द हो जाता है। तो ऐसे में यदि आप शाम को टहलने जाते हैं तो आपके शरीर का मुद्रा बेहतर होता है और साथ ही दर्द से भी राहत मिलती है।
पानी का महत्व

पानी का महत्व
जल ही जीवन है’, यह कहावत ऐसे ही नहीं बन गई है। पानी ऐसी चीज है, जिसके बिना जीवन की कल्पना तक नहीं कर सकते। यह न सिर्फ हमारी प्यास बुझाता है, बल्कि पाचन को दुरुस्त करता है, मस्तिष्क को फायदा पहुंचाता है और शरीर को हाइड्रेट रखता है। कई तरह की शारीरिक समस्याएं केवल भरपूर मात्रा में पानी पीने से ही दूर हो जाती हैं। यही कारण है कि आपको दिनभर में भरपूर मात्रा में पानी पीने की सलाह दी जाती है। ऐसे में सुबह-सुबह खाली पेट पानी पीने के फायदे भी कई देखे गए हैं। कई लोग अपनी दिनचर्या की शुरुआत सुबह उठकर पानी पीने से करते हैं। बात शुरू हुई है पानी की, तो स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम पानी के फायदे के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। इस लेख में सिर्फ स्वास्थ्य के लिए पानी के फायदे ही नहीं है, बल्कि बालों और त्वचा के लिए भी पानी के फायदे बताए गए हैं। साथ ही पानी को शुद्ध करने के आसान और कारगर उपाय जानेंगे।
सेहत के लिए पानी के फायदे
सिर दर्द से राहत दिलाए पानी- जब आपका शरीर डिहाइड्रेट होने लगता है, तो सिर में दर्द हो सकता है। ऐसे में सिर दर्द से बचने के लिए जरूरी है कि आप खुद को पूरी तरह हाइड्रेट रखें। सिर दर्द में पानी पीने से राहत मिल सकती है। इसलिए, दिन में आठ से 10 गिलास पानी जरूर पिएं।
मांसपेशियों को मजबूत बनाए पानी- हमारी मांसपेशियों में 75 प्रतिशत पानी होता है। मांसपेशियां ठीक से काम करें इसके लिए जरूरी है कि इन्हें उचित मात्रा में पानी मिले। पानी की कमी होने से आपको मांसपेशियों में दर्द और ऐंठन हो सकती है। इसलिए, जरूरी है कि आप भरपूर मात्रा में पानी पिएं।
वजन कम करे पानी- जब आपके शरीर में पानी की कमी होने लगती है, तो किडनी ठीक से काम करना बंद कर देती है, जिससे लिवर पर प्रभाव पड़ सकता है। वहीं, लिवर आपके फैट से ऊर्जा बनाता है। ऐसे में जब लिवर प्रभावित होता है और शरीर में फैट बनने लगता है, तो मोटापा बढ़ता है। ऐसे में भरपूर मात्रा में पानी पीना चाहिए। भरपूर पानी पीने से किडनी व लिवर ठीक से काम करेंगे और मोटापा दूर होगा।
त्वचा के लिए पानी के फायदे
त्वचा की लालिमा को कम करे- जिन लोगों की त्वता बहुत अधिक गोरी या फिर संवेदनशील होती है उनके साधारण सक्रब कर करने या फिर चेहरे पर थोड़ा दबाव डालने से ही त्वचा लाल हो जाती है। इसे दूर करने के लिए पानी का इस्तेमाल किया जा सकता है। बर्फ के पानी में रूई भिगोएं और अपने चेहरे पर लगाएं। एक दो मिनट ऐसा करने से ही चेहरे की लालिमा कम होने लगती है।
त्वचा को बनाए चमकदार- हर किसी को चमकदार त्वचा पाने की चाहत होती है। ऐसे में रूखी और बेजान त्वचा को चमकदार बनाने के लिए पानी एक बेहतरीन उपाय माना जाता है। जैसा कि हमने बताया पानी शरीर को हाइड्रेट रखता है और आपके शरीर से टॉक्सिन दूर भी करता है। इस वजह से आपको ग्लोइंग त्वचा मिलती है।
पेट साफ चेहरा साफ- आपके पेट की सेहत आपके चेहरे से दिखती है। अगर आपका पेट साफ होता है तो आपका चेहरा चमकता है। पेट साफ रखने के लिए गर्म पानी ऐसे तो बहुत सारे फायदे देता है लेकिन इन सब में सबसे ज्यादा फायदा हमारे पाचन तंत्र को मिलता है। गर्म पानी पीने से आंतों में जमा मल आसानी से निकल जाता है। जिससे आपका पेट साफ रहता है। और अगर आपको कब्ज की परेशानी है तो यह उसे भी आराम दिलाता है।
संगीत सुनने के फायदे

संगीत सुनने के फायदे
आइये जानते हैं संगीत सुनने के फायदे। अगर आप संगीत सुनने के शौकीन है तो यह आपके लिए बहुत बड़ी खुश-खबरी है क्योंकि संगीत सुनने से तन और मन दोनों ही बहुत स्वस्थ होते हैं। रिसर्च यह बताती है अगर आप अपने पसंद का म्यूज़िक सुनते है तो आपका मूड खुश-मिजाज़ रहता है और सोचने-समझने की शक्ति भी बढ़ती है। इंसान की जिंदगी से संगीत का रिश्ता हमेशा से अटूट रहा है। ऐसे में अगर आप जीवनभर खुशहाल रहना चाहते हैं तो जितनी जल्दी हो सके संगीत से रिश्ता कायम कर लीजिए। कहने का मतलब अगर आप संगीत सुनना पसंद करते हैं, मतलब आप हमेशा खुश रहना चाहते हैं। संगीत की खूबी भी यही है कि जब चाहें, जैसा चाहें सुने और फिर अपना मूड बदल लें।
संगीत सुनने का महत्व
चिंता दूर करे- संगीत सुनने से इम्यून सिस्टम मजबूत होता हैं। कोर्टीसोल के स्तर को कम करके यह तनावग्रस्त मांसपेशियों के आराम को बढ़ावा देता है। जिससे आप पहले की तुलना में अधिक आशावादी और सकारात्मक महसूस करते हैं। कई अध्ययनों से यह साबित हुआ है की म्यूज़िक सुनने से दिमाग रिलैक्स मोड़ में चला जाता है जिससे मसल्स को आराम मिलता है। क्लासिकल म्यूजिक इसमें ज्यादा फायदेमंद हैं। रेग्युलर म्यूजिक सुनने से ब्रेन फंक्शन बेहतर होते हैं। इससे क्रिएटिविटी बढ़ती है।
इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता हैं- संगीत से आपके शरीर में इम्मुनोग्लोबुलिन ए में वृद्धि होती हैं। यह एंटीबॉडी श्लेष्म प्रणाली में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है और कोशिकाओं को स्वस्थ रखती है। जिससे आपका इम्यून सिस्टम मजबूत बनता हैं। अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने और बार-बार बीमार होने से अपने आपको रोकने के लिए पसंदीदा म्यूज़िक सुनना जल्द शुरू करें।
बैक पेन को कम करे- ओटोनोमिक, नर्वस सिस्टम का एक पार्ट होता हैं। जो उच्च-रक्तचाप, दिल की धड़कन और दिमाग की कार्य-प्रणाली को कंट्रोल करता हैं। संगीत सुनने का सबसे ज्यादा असर भी इसी भाग पर पड़ता है वो भी सकारात्मक। जब कोई धीमा संगीत सुना जाता है तो उच्च-रक्तचाप और दिल की धड़कन भी धीमी हो जाती है। जिस वजह से हम आराम से और बेहतर सांस ले पाते हैं। बेहतर और पर्याप्त सांस लेने की वजह से पेट, कंधे, गले और बैक में मांसपेशियों का खिचाव कम हो जाता है जिससे हम बैकपैन यानी पीठ दर्द से बच जाते हैं।
वर्कआउट बेहतर होता है- संगीत आपकी थकान को दूर करके साइकोलॉजिकल उत्तेजना में वृद्धि करता है जिससे व्यायाम में सहायता मिलती है। इसलिए व्यायाम के वक्त उत्साहित संगीत सुनना ना भूले। वर्कआउट के समय संगीत सुनने से हमारी कसरत के वक्त मूड अच्छा रहता हैं और हमें लंबे समय तक व्यायाम करने को प्रेरित करता हैं। इसलिए ही जिम में स्लो म्यूज़िक को प्ले किया जाता हैं।
मेमोरी तेज होती है- कुछ भी पढ़ते वक्त अगर आप अपनी पसंद का स्लो म्यूज़िक सुनते है तो पढ़ा हुआ बेहतर याद रहता है। संगीत सीखने की गति को तेज करता है क्योंकि संगीत डोपामाइन रिहाई को बढ़ाता है जो सीखने में मदद करता है. संगीत दिमागी रोगों से पीड़ित लोगों की भी मदद करता हैं। कमजोर याददास्त वाले लोग शब्द भले ही भूल जायें लेकिन संगीत नहीं भूलते। ऐसा इसलिए होता है दिमाग का जो पार्ट संगीत प्रोसेस करता है ठीक उसके पास वाला पार्ट ही याददास्त से जुड़ा होता है। इसलिए मेमोरी का संगीत से अटूट संबंध हैं।
फूलों का महत्व

फूलों का महत्व
अलग-अलग प्रकार के फूल अलग तरह का प्रभाव पैदा करते हैं हालांकि बहुत कम लोगों को पता होगा कि पूजा में वास्तविक फूल के अलावा मानसिक फूल भी अर्पित किए जा सकते हैं आइए जानते हैं कौन से फूल से क्या लाभ मिलता है। फूल हमारी श्रद्धा और भावना का प्रतीक होते हैं इसके साथ ही ये हमारी मानसिक स्थितियों को भी बताते हैं ज्योतिष के अनुसार हर फूल के रंग और सुगंध का एक मतलब होता है।
फूलों के लाभ
गेंदे के फूल का महत्व-
गेंदा वास्तव में एक फूल नहीं होता, यह छोटे-छोटे फूलों का एक गुच्छा है।
गेंदा कई प्रकार का होता है, परन्तु सबसे ज्यादा उपयोगी और महत्वपूर्ण, पीले गेंदे का फूल होता है।
गेंदे के फूल का सम्बन्ध, बृहस्पति नामक ग्रह से होता है।
इसके प्रयोग से ज्ञान, विद्या और आकर्षण की प्राप्ति होती है।
गेंदे के फूल के प्रयोग से आकर्षण क्षमता बढ़ जाती है।
भगवान विष्णु को नियमित रूप से पीले गेंदे के फूल की माला चढ़ाएं, इससे आपको संतान सम्बन्धी समस्याओं से मुक्ति मिलेगी।
गुलाब के फूल का महत्व-
गुलाब का फूल एक अद्भुत और चमत्कारी फूल है, जो रिश्तों पर सीधा असर डालता है।
गुलाब के फूल की ढेर सारी किस्में पाई जाती हैं परन्तु ज्योतिष और पूजा में लाल गुलाब का ही प्रयोग किया जाता है।
लाल गुलाब मंगल से सम्बन्ध रखता है और इसकी खुश्बू का सम्बन्ध शुक्र से होता है।
इसके प्रयोग से प्रेम, आकर्षण, रिश्तों और आत्मविश्वास का वरदान मिलता है।
लक्ष्मी जी को नियमित गुलाब अर्पित करने से आर्थिक स्थिति अच्छी हो जाती है।
गुलाब देने से रिश्ते मजबूत होते हैं, प्रेम और वैवाहिक जीवन सुखद हो जाता है।
कमल का फूल-
कमल का फूल शुद्ध रूप से दैवीय और आध्यात्मिक फूल माना जाता है।
सफेद रंग का कमल अत्यंत पवित्र और ऊर्जा में सर्वश्रेष्ठ होता है
इसका सम्बन्ध नौ ग्रहों से और दुनिया की समस्त ऊर्जा से है।
कमल का फूल अर्पित करने का अर्थ, ईश्वर के चरणों में स्वयं को अर्पित कर देने से है।
शिव जी या कृष्ण जी की स्थापना कमल के फूल के आसन पर करें, ईश्वर आपको गुरु रूप में प्राप्त होंगे।
किसी भी एकादशी को कृष्ण जी को दो कमल के फूल अर्पित करें, आपकी संतान प्राप्ति की अभिलाषा पूरी होगी।
अगर 27 दिन तक रोज एक कमल का फूल लक्ष्मी जी को अर्पित किया जाय तो अखंड राज्य सुख की प्राप्ति होती है।
गुड़हल का फूल-
गुड़हल का फूल अत्यंत ऊर्जावान माना जाता है।
देवी और सूर्य देव की उपासना में इसका विशेष प्रयोग होता है।
नियमित रूप से देवी को गुड़हल अर्पित करने से शत्रु और विरोधियों से राहत मिलती है।
सूर्य जो, गुड़हल का फूल डालकर जल अर्पित करने से सूर्य की कृपा मिलती है।
हर तरह की शारीरिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
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मानसिक पुष्प-
हर तरह के फूल से बढ़कर मानसिक फूल होता है।
इसमें भी कमल का मानसिक फूल सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है।
अलग अलग रंग के मानसिक फूल चढ़ाकर अलग अलग समस्याओं से राहत मिलती है।
इस फूल को बनाने को जितना समय लगाएंगे, उतना ही अच्छा होगा।
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