योग
सिर दर्द के लिए योग
सिर दर्द के लिए योग
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में सिरदर्द होना आम बात हो गई है। हर उम्र के लोग अक्सर इसकी शिकायत करते हैं। कभी कभी तो सिरदर्द ऑफिस में ही शुरु हो जाता है। लगातार कम्प्यूटर के सामने बैठ कर आंखें गड़ाए रखने के कारण ऐसा होता है। वैसे तो सिरदर्द थकान या भूख के वजह से होता है। लेकिन कई बार इसके पीछे की वजह आँखों की कमजोरी भी हो सकती है। इसलिए यदि आप अक्सर सिरदर्द से परेशान हैं तो यह योगासन आपके काम का है। इससे आपकी सिरदर्द की समस्या जड़ से खत्म हो जाएगी। तो आइये जानते है-
माइग्रेन को दूर करने के लिए योग
वज्रासन- वज्रासन की मदद से आप सिरदर्द से निजात पा सकते है। और यदि आपको माइग्रेन है, तब भी यह आपको आराम पहुँचाता है। वज्रासन करने से शरीर को मज़बूती मिलती है। वज्रासन को खाना खाने के कुछ देर बाद भी किया जा सकता है। इसे करने के लिए खाने के बाद कुछ देर रुकें। फिर समतल जगह पर आसन बिछा-कर उसपर घुटनों को मोड़कर बैठे।
आपके बैठने की स्तिथि इस तरह से होनी चाहिए की पैरों के पंजे पीछे की ओर हो जाएं और नितंब दोनों एड़ियों के बीच में रहे। अब अपने दोनों पैरों के अंगूठे आपस में मिलाकर रखें। इस बात का भी ध्यान रखें की एड़ियों के बीच अंतर रहे।
इसके पश्चात अपने दोनों हाथों को घुटनों पर रखें।
इस वक्त आपका शरीर बिल्कुल सीधा होना चाहिए। अब हाथों और शरीर को ढीला छोड़ दें।
इसके पश्चात आँखें बंद रखें और सांस लेने और छोड़ने का काम करे। इसी अवस्था में कुछ देर यूं ही बैठे रहें।
इस आसन को हर रोज खाने के बाद करें। यह आसन ना केवल सिरदर्द के लिए बल्कि पेट संबंधी बीमारियों के लिए भी फ़ायदेमंद है।
शीतली प्राणायाम- शीतली प्राणायाम भी सिरदर्द की समस्या से निजाद पाने का बेहतरीन तरीका है। इससे दिमाग शांत रहता है। इस आसन का अभ्यास करने के लिए-
सबसे पहले तो जमीन पर सुखासन की स्थिति में बैठ जाएं।
इसके बाद जीभ को बाहर निकालें और मुंह से गहरी सांस लीजिये। आपको सांस कुछ इस तरह से लेना है की जीभ से होकर हवा शरीर के भीतर प्रवेश करें।
इसके बाद मुंह बंद करें और नाक के छिद्रों से सांस छोड़ें। इस क्रिया को 8-10 बार तक दोहरायें।
सिर दर्द के लिए यह एक बहुत अच्छा उपाय माना जाता है।
अनुलोम विलोंम प्राणायाम- आपने अक्सर देखा होगा कई बार आपके सिरदर्द के साथ पेट और पीठ में भी दर्द बना रहता है। दरअसल यह दर्द पेट में होने वाली गैस के कारण होता है। यदि गैस के कारण आपको सिरदर्द है तो अनुलोम विलोंम प्राणायाम करे।
इसे करने के लिए सबसे पहले सुखासन या पद्मासन में बैठें। शुरुआत और अंत भी हमेशा बायें नथुने से ही करनी है।
पहले नाक का दाया नथुना बंद करें व बायें से लंबी सांस लें। फिर बायें को बंद करके, दाएं वाले से लंबी सांस छोडें। अब दाएं वाले से लंबी सांस लें व बायें वाले से उसे छोडें।
आपको यही दायां-दायां, बायां-बायां क्रम रखना है। यह प्रक्रिया 10-15 मिनट तक दोहराये।
तीन मिनिट से प्रारम्भ करके इस प्राणायाम को 10 मिनिट तक किया जा सकता है।
पेट के लिए आसान से योग आसन
पेट के लिए आसान से योग आसन
यदि हम कहें कि, आजकल की इस दौड़ती-भागती ज़िंदगी और खानपान के तरीक़ों ने पेट के लिए बहुत-सी परेशानियां खड़ी की हैं, तो ग़लत नहीं होगा. आप और हम पेट से संबंधित कई बीमारियों से परेशान रहते हैं, जिसमें एसिडिटी, अपचन, कब्ज़ तो बिल्कुल ही आम है, जिससे निपटने के लिए हम कई तरह की दवाओं निर्भर रहने लगे हैं. लगातार एसिडिटी होना और दवाइयों का सेवन करना महंगा साबित हो सकता है. लेकिन इसके इतर व्यायाम और कई योगासन आज़मा कर आप बिना किसी नुक़सान के इन परेशानियों पर लगाम लगा सकते हैं. हम आपको पांच ऐसे योगासन के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे आसानी से किया जा सकता है.
पेट की समस्याओं के लिए योगासन
पवनमुक्तासन- यह आसन पेट की समस्याओं से छुटकारा दिलाने के लिए सबसे कारगर आसनों में से एक है. यह गैस और पेट के भारीपन को कम करता है. इसे नियमित रूप से करने पर शरीर को मज़बूती मिलती है, मन शांत रहता है, आप दिनभर ऊर्जावान महसूस करते हैं और यह रीढ़ की हड्डी को मज़बूत और लचीली बनाने में भी मदद करता है. इसके अलावा बैली फ़ैट कम करने और ब्लड सर्कुलेशन अच्छा करने के लिए आप इस आसन को अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं.
कैसे करें- मैट पर हाथ व पैरों को फैलाकर पीठ के बल सीधा लेट जाएं और अपने शरीर को पूरी तरह से ढीला छोड़ दें. अब धीरे-धीरे सांस लेते हुए दोनों पैरों को घुटने से मोड़ते हुए छाती की तरफ़ लाएं और अपने सिर को हल्का उठाकर घुटनों को छूने की कोशिश करें. इस दौरान कुछ सेकेंड के लिए अपनी सांसों को रोके रखें और फिर धीरे-धीरे पैर फैलाते हुए सांस छोड़ें. इस आसन को आठ से दस बार करने की कोशिश करें. जब आप इस पोज़िशन में हों तो, ध्यान रखें कि आपकी एड़िया जांघों से सटी हुई हों.
नौकासन- इस आसन में शरीर को नौका के आकार का बनाया जाता है, इसलिए इसे नौकासन नाम दिया गया है. यह आसन पेट की समस्याओं, जैसे-कब्ज़ व एसिडिटी की परेशानी से छुटकारा पाने या उन्हें कम करने के लिए किया जाता है. यह बैली फ़ैट को घटाने और कमर दर्द, रीढ़ की हड्डी, डाइजेस्टिव सिस्टम को मज़बूत करने में फ़ायदेमंद साबित होता है.
कैसे करें- पीठ के बल सीधा लेट कर सांस अंदर भरें और सिर, हाथ व पैर को 30 डिग्री के ऐंगल में एक साथ उठाएं. अगर सांस रोकने में परेशानी हो रही हो तो बीच-बीच में सांस धीरे-धीरे लें और छोड़ें. क़रीब 30 सेंकेंड तक इसी स्थिति में बने रहें. नीचे आते समय लंबी सांस छोड़ें और फिर धीरे से ज़मीन पर आएं. इस आसन को 3 से 5 बारे करने की कोशिश करें.
कंधरासन- यह आसन मूलत: आंतों को साफ़ व शुद्ध रखने के लिए किया जाता है, क्योंकि पेट की बहुत- सी समस्याएं आंत से जुड़ी होती हैं. इस आसन से पाचन क्रिया ठीक रखने में मदद मिलती है. यह आसन महिलाओं के लिए अधिक फ़ायदेमंद है, क्योंकि इससे गर्भाशय मज़बूत होता है और वाइट डिस्चार्ज़ घटता है.
आसन करने का तरीक़ा- योग मैट या चटाई पर पीठ के बल सीधे लेट जाएं और लंबी सांस लेकर दोनों पैरों को घुटनों से मोड़ें. सिर को ज़मीन से टिकाए रखें और कमर के पास से ऊपर उठें. पैरों को सर्पोट देने के लिए दोनों हाथों से एड़ी को पकड़ें. इसी स्थिति में कम से कम 2 मिनट तक बने रहें और ज़रूरत लगे तो बीच-बीच सांस लेते और छोड़ते रहें. आसन करते समय ध्यान रखें कि पूरे शरीर का वज़न कंधों और पैरों के पंजों पर होना चाहिए.
कमर दर्द के लिए योग
कमर दर्द के लिए योग
आजकल कमर दर्द की समस्या आम हो गई है। देर तक खड़े रहने या बैठे रहने से कमर में दर्द होने लगता है। अगर इसे अनदेखा किया जाए तो यह गंभीर रूप ले सकता है। कमर में दर्द होते ही हम डॉक्टर और दवाइयों को रुख करने लगते हैं, लेकिन योग के जरिए भी कमर दर्द से छुटकारा पाया जा सकता है। यहां कुछ योग आसन बताए जा रहे हैं जिनके जरिए कमर दर्द से निजात पाई जा सकती है। आइए जानते हैं-
कमर दर्द के लिए आसान योगासन
कंधरासन- इस आसन में सबसे पहले एक चटाई पर सीधे लेट जाइए और फिर अपने घुटनों को मोड़कर अपने बट्स के पास ले आएं। बाजुओं को सीधा कर कमर के पास रखिए। अब इसी अवस्था में अपने बट्स को ऊपर की दिशा में उठाएं। इस दौरान सांस को रोके रखें। अब धीरे-धीरे पुरानी अवस्था में लौटें और सांस छोड़ते रहें। इस आसन को रोजाना 4 से 5 बार करें।
भुजंग आसन- इस आसन के लिए सबसे पहले सीधे लेट जाएं। पैरों को सीधा रखें और हाथों को कंधों की सीध में लाएं। अब हाथों की सहायता से अपने शरीर के अगले हिस्से को ऊंचा उठाएं। ध्यान रहे कि शरीर का पिछला हिस्सा जमीन से ही टच रहे। इस अवस्था में 3 से 4 मिनट रहें, लेकिन यह भी ध्यान रहे कि इस दौरान मांसपेशियों में खिंचाव न आ जाए। अब धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए पुरानी अवस्था में आ जाएं।
चक्रासन- यह आसन कमर दर्द में काफी आरामदायक है। इसे करने के लिए एक चटाई पर सीधे लेट जाएं और फिर अपने हाथों और पंजों के बल पर अपने शरीर को ऊंचा उठाएं। इस दौरान कमर को जितना हो सकता है उतना ऊंचा उठाएं। 1 या 2 मिनट तक इसी अवस्था में रहने के बाद धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए नॉर्मल अवस्था में आ जाएं। इस आसन से कमर की मांसपेशियां लचीली हो जाती हैं और उन्हें मजबूती भी मिलती है।
गर्दन दर्द के लिए योग
गर्दन दर्द के लिए योग
काफी देर तक एक ही मुद्रा में बैठकर काम करने से गर्दन दर्द हो सकती है. आज के आर्थिक युग में हर कोई अधिक से अधिक धन कमाना चाहता है. इस अधिक कमाने के लिए ऑफिस में भी अधिक समय तक काम करना पड़ता है. फिर आज के डिजिटल युग में ऑफिस के अधिकांश कार्य कम्प्युटर पर हो रहे हैं. जिस कारण कम्प्युटर पर काफी देर तक एक ही मुद्रा में बैठकर काम करना पड़ता है. इस कारण से गर्दन दर्द की यह समस्या कम्प्युटर पर काम करने वालों में ज्यादा पायी जाती है. वैसे अन्य लोगों में भी यह समस्या किसी अन्य कारण से हो जाती है. रात को सही ढंग से नहीं सो पाने के कारण भी गर्दन दर्द की समस्या होती है. इस प्रकार की समस्या कभी भी हो जाती है. जब इस प्रकार से गर्दन दर्द की समस्या किसी को भी होती है उसे सिर घुमाने या गर्दन हिलाने में दर्द होती है, जिससे वह परेशान रहता है. अतः लोगों को इस समस्या से छुटकारा पाने का उपाय जान लेना बेहद जरूरी है. यहाँ हम गर्दन दर्द से छुटकारा पाने के लिए कुछ योग (व्यायाम) की चर्चा कर रहे हैं.
गर्दन दर्द के लिए आसान योगासन
त्रिकोण आसन- त्रिकोण आसन करने के लिए पहले सीधे खड़े हो जाएँ. अब अपने दोनों पैरों को जितना हो सके उतना फैला लें. अपनी पीठ को सीधा रखें और दोनों बाहों को दोनों तरफ बगल में फैला लें. अब एक श्वांस भरें और धीरे-धीरे अपने दाहिने ओर झुक जाएँ. आपका दाहिना हाथ आपके दाहिने घुटने को स्पर्श करे व बायाँ हाथ सीधा ऊपर की ओर रहे. इस स्थिति में आप अपने बाएँ हाथ की तरफ देखते रहें. इस मुद्रा में अपनी क्षमता के अनुसार जितनी देर हो सके उतनी देर रहें. फिर बाएँ तरफ झुककर इसी प्रकार का मुद्रा बनाएँ जिसमें आपका बायाँ हाथा आपके बाएँ घुटने को स्पर्श करे व आपका दाहिना हाथ ऊपर की ओर रहे व आप अपने दाहिने हाथ की तरफ देखते रहें.
नटराज आसन- अपनी पीठ को सीधा रखते हुये जमीन पर सीधा लेट जाएँ. धीरे से अपने दाहिने पैर को उठाकर बाएँ पैर के ऊपर ले जाएँ. बाएँ पैर को सीधा ही रखें और ध्यान रखें कि दाहिना पैर जमीन पर एक सीधा कोण बनाए. अपने दोनों हाथों को शरीर के दोनों तरफ फैला कर रखें. सिर को दाहिनी तरफ मोड़ लें. कुछ गहरा श्वांस लें व छोड़ें तथा इसी मुद्रा में तीस सेकंड तक रहें. फिर बाएँ पैर से इसी आसन की पुनरावृत्ति करें.
विपरीत कर्णी आसन- यह आसन करने के लिए पीठ के बल लेट जाएँ. अब अपने दोनों टाँगों को दीवार का सहारा देते हुये पैरों को छत के तरफ उठा दें. अपने दोनों बाहों को फैलाकर शरीर के दोनों तरफ जमीन पर इस तरह रख दें कि हथेली ऊपर की ओर खुला रहे. कुछ सेकंड तक इसी मुद्रा में रहें और गहरा लंबा श्वांस लें और छोड़ें.
मत्स्यासन (फिश पोज)- किसी समतल जगह पर चादर बिछाकर लेट जाएँ. अपनी कुहनियों के सहारे सर तथा धड़ के भाग को जमीन पर रखें. अब इस स्थिति में पीठ का ऊपरी हिस्सा व गर्दन जमीन से ऊपर उठाएँ. हाथों को सीधा कर पेट पर रखें. अब इस स्थिति में जितना देर हो सके उतना देर तक रहें फिर वापस पूर्व के स्थिति में आ जाएँ.
एसिडिटी के लिए योगासन
एसिडिटी के लिए योगासन
गैस और एसिडिटी की समस्या बेहद आम समस्या है, जिससे न केवल वृद्ध लोग, बल्कि युवा भी परेशान होते हैं। इसके कई कारण हो सकते हैं, लेकिन खान-पान में गड़बड़ी या समय पर न खाने आदि कारणों से लगभग हर उम्र के लोगों को यह परेशानी होती ही है। ऐसे में कोई लोग फौरन दवाई लेते हैं, या फिर कई तो गैस की समस्या के चलते लंबे समय तक खाना ही नहीं खाते, जोकि इसका सही उपाय कतई नहीं है। हालांकि योग की मदद से इस समस्या से स्थाई तौर पर भी निपटा जा सकता है। तो चलिये जानें, गैस और एसिडिटी से छुटकारा पाने के लिए कौन-कौन से योग फायदेमंद हो सकते हैं।
एसिडिटी के लिए आसान योग
मत्स्यासन- मत्स्य का मतलब होता है मछली। क्योंकि इस आसन को करने पर शरीर को मछली की तरह रखना होता है, इसलिए इसे मत्स्यासन कहा जाता है। मत्स्यासन करने के लिये सबसे पहले जमीन पर चटाई बिछाकर पद्मासन लगाकर बैठ जाएं। अब पीठ को जमीन से उठाएं तथा सिर को इतना पीछे ले जाएं कि सिर की चोटी का भाग जमीन से सट जाए। इसके बाद दाएं हाथ से बाएं पैर का अंगूठा और फिर बाएं हाथ से दाएं पैर का अंगूठा पक लें। अपने घुटनों को जमीन से लगाकर पीठ के हिस्से को ऊपर उठाएं ताकि शरीर का केवल घुटने और सिर का हिस्सा ही जमीन को छूए। इस आसन का नियमित छोड़ी देर अभ्यास करने से गैस और असिडिटी की समस्या दूर होती है और कब्ज का नाष होकर भूख बढ़ती है। इससे पाचन शक्ति भी बेहतर बनती है।
सर्वांगासन- सर्वांगासन में शरीर के सारे अंगों का व्यायाम एक साथ ही हो जाता है, इसलिये भी इस आसन को सर्वांगासन नाम दिया गया है। इसे करने के लिये सपाट जमीन पर बिछी चटाई पर पीठ के बल लेट जाएं और अपने दोनों हाथों को शरीर के सटा कर रख लें। और इसके बाद दोनों पैरो को धीरे-धीरे ऊपर को उठाएं। पूरे शरीर को गर्दन से समकोण बनाते हुए सीधा लगाएं और ठोड़ी को सीने से लगा लें। इस स्थिति आने के बाद कम से कम दस बार गहरी सांस लें और फिर धीरे-धीरे से पैरों को नीचे ले आएं। सर्वांगासन को करने से शरीर का पूर्ण विकास होता है और थायरॉयड ग्रंथियों की क्रियाशीलता बढ़ती है। साथ ही इस आसन के नियमित अभ्यास से रक्त का संचार भी बढ़ता है और पाचन शक्ति बढ़ती है। जिससे गैस और असिडिटी की समस्या से राहत मिलती है।
भुजंगासन- भुजंगासन करने के लिये सबसे पहले मुंह को नीचे की ओर करके पेट के बल लेट जाएं और फिर शरीर को बिल्कुल ढीला छोड़ दें। इसके बाद हथेलियों को कंधों और कुहनियों के बीच वाली जगह पर जमीन के ऊपर रख लें और नाभि से आगे तक के भाग को धीरे-धीरे सांप के फन की तरह ऊपर उठाएं। अब पैर की उंगलियों को पीछे की तरफ खींचकर रखें, ताकि उंगलियां जमीन को छूने लगें। इस पोजीशन में कुछ देर के लिये रुकें और इसे कम से कम चार बार करें। भुजंगासन का नियमित अभ्यास करने से पेट में गैस, कब्ज आदि नहीं होते हैं। इसके अलावा इस आसन से गर्दन, कंधे, मेरुदंड से जुड़ी समस्याएं से भी निजात मिलती है।
ग्लोइंग स्किन के लिए योग
ग्लोइंग स्किन के लिए योग
योग के माध्यम से त्वचा की चमक (ग्लोइंग स्किन) बढ़ायी जा सकती है और उसे चमकदार बनाया जा सकता है। सुंदर, कोमल, चमकती त्वचा हर व्यक्ति का सपना होता है। अपनी त्वचा की चमक बनाये रखने और बढ़ाने के लिए लोग क्या-क्या उपचार नहीं करते हैं। योग के माध्यम से ग्लोइंग स्किन आसानी से पायी जा सकती हैं। जो बदले में, त्वचा में सुधार करता है क्योंकि यह कोशिकाओं को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है। खूबसूरत और ग्लोइंग स्किन पाने के लिए हम सभी को कुछ योगासन करने की जरूरत है। अगर आप ग्लोइंग स्किन और चमकदार फेस पाने के लिए कुछ योगा पोज की तलाश में हैं तो हम यहां कुछ सरल योग आसान के बारे में बता रहें जो आपको निखरी और चमकदार त्वचा प्रदान करेगें। इन योग आसन को करने से स्किन को ग्लो करने के अलावा और भी बहुत सारे फायदे होते हैं। आइये इन योगासन को विस्तार से जानते हैं।
चमकदार त्वचा के लिए योगासन
धनुरासन योग- त्वचा की चमक बढ़ाने के लिए धनुरासन योग बहुत ही लाभदायक होता है। धनुरासन एक संस्क्रत शब्द हैं, इसमें “धनुर” का अर्थ “धनुष” हैं। इस आसन में आपकी स्थिति ऊपर उठे हुए धनुष के सामान दिखाई देती हैं। यह आसन आपके शरीर के सामने की सभी मांसपेशियों को फैलाने में मदद करता है। इस आसन को करने के लिए आप एक योगा मैट बिछा के उस पर पेट के बल लेट जाएं, दोनों हाथों को शरीर के समान्तर रखें और पैरों को पीछे की ओर मोड़ लें। अब अपने हाथों को पीछे ले जाएं और दोनों पैरों को दोनों हाथों से पकड़ लें। इस आसन में 20 से 30 सेकंड तक रुकने का प्रयास करें। अंत में दोनों हाथों को खोल के अपनी प्रारंभिक स्थिति में आयें। यह योग आसन आपकी त्वचा की चमक बढ़ाता हैं।
हलासन- सुंदरता के लिए हलासन योग लाभदायक माना जाता है। हलासन में आपके शरीर की स्थिति एक हल के समान दिखाई देती हैं। यह आसन रीढ़ हड्डी को मजबूत हैं इसे अलावा यह अन्य बीमारियां जैसे दमा, कफ, मधुमेह और पाचन सम्बन्धी समस्या को खत्म करता हैं। इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट बिछा के सीधे हाथ पैर कर के लेट जाएं। अब अपने दोनों पैरों को कमर के यहां से मोड़ें और उनकों ऊपर करें। अपने दोनों हाथों को सीधा जमीन पर ही रखें रहने दें। अब दोनों पैरों को धीरे-धीरे अपने सिर के पीछे की ओर जमीन से लगाने की कोशिश करें। इस स्थिति में अपने क्षमता के अनुसार करने ओर अपनी प्रारंभिक अवस्था में आयें। चेहरे पर चमक लाने के लिए यह योग काफी लाभदायक माना जाता है।
उत्तानासन- इस आसन को करने के लिए आपको खड़े रहते हुए आगे की ओर झुकना पड़ता हैं इसलिए इसे स्टैंडिंग फॉरवर्ड बेंड पोज़ के नाम से जाना जाता है। इस आसन को संस्कृत में उत्तानासन के नाम से भी जाना जाता है यह आसन पैरों, कूल्हों और पीठ को खोलता हैं जो आपको आकर्षक दिखने में मदद करता है। यह आगे-झुकने वाला पोज़ चेहरे पर रक्त के प्रवाह को बढ़ावा देता है जो अपनी त्वचा को चमकाने के लिए यह बहुत ही अच्छा योग आसन हैं। स्टैंडिंग फॉरवर्ड बेंड पोज़ को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। अपने दोनों पैरों को पास-पास रखें और दोनों हाथों को ऊपर की ओर सीधा कर लें, अब धीरे-धीरे कमर से नीचे झुकते जाएं और अपने दोनों हाथों से पैर के पंजों को पकड़ें। उत्तानासन मुद्रा में आप 60 से 90 सेकंड के लिए रहें।
त्रिकोणासन- त्रिकोणासन को करने वाले व्यक्ति की स्थिति एक त्रिकोण के समान दिखाई देती हैं। यह वास्तव में चमकती त्वचा के लिए सबसे अच्छा योग आसन है जो फेफड़ों, छाती और हृदय को खोलता है। यह त्वचा को अधिक ऑक्सीजन की आपूर्ति करता है इसलिए त्वचा निखरी और फिर से युवा महसूस करती है। इस आसन को करने के लिए आप एक स्थान पर योगा मैट को बिछा के दोनों पैरों को दूर-दूर करके सीधे खड़े हो जाएं, अपने दाएं पैर की तरफ झुकें और अपने हाथ को फर्श पर रखें। दूसरे हाथ को ऊपर सीधा करें जिससे दोनों हाथ एक सीधी रेखा में हो जाएं। इस आसन में कुछ सेकंड से एक मिनिट के लिए रहें।
कब्ज के लिए योगासन
कब्ज के लिए योगासन
आजकल कब्ज आम समस्या बन गयी है। जिसे प्रत्येक व्यक्ति ने अनुभव किया होगा। कब्ज की समस्या से बच्चे से लेकर बड़े तक परेशान रहते है। यदि आप इसकी दवाई ले भी ले तो उस समय आपको आराम मिल जाता है लेकिन कुछ दिन बाद वापिस आपको समस्या हो जाती है। कब्ज होने पर पेट में दर्द होता है, पेट फूलता है या फिर जी मचलाना जैसी समस्या होती है। योग के जरिये आप कब्ज का स्थाई इलाज पा सकते है। इसके द्वारा आप पुराने से पुराने कब्ज को दूर कर सकते है।
कब्ज की समस्या के लिए योग
पवनमुक्तासन- पवनमुक्तासन सबसे आसान और सबसे प्रभावशाली योग मुद्रा में से एक है। यदि आप कब्ज की समस्या से ग्रसित है तो इस आसन का अभ्यास जरूर करे।
पीठ के बल लेट जाए और अपने पैरों को अपने छाती के पास ले आये।
सिर को भी ऊपर की और खींचे तथा घुटने और सर को नजदीक लेन का प्रयास करे।
कुछ सेकण्ड्स इसी स्तिथि में बने रहे और फिर सामान्य अवस्था में आ जाये।
कपालभाति- इससे पेट की कई समस्याए खासतौर पर कब्ज में विशेष लाभ मिलता है।
इसे करने के लिए दोनों नोस्ट्रिल से सांस लें, जिससे पेट फूल जाए फिर जोर लगाते हुए सांस छोड़ दें।
अगली बार सांस स्वतः ही खींच ली जाएगी और पेट की पेशियां भी स्वतः ही फैल जाएंगी।
धनुरासन- इससे पेट की कई समस्याए खासतौर पर कब्ज में विशेष लाभ मिलता है।
धनुरासन करने के लिए पेट के बल लेट जाएं और ठुड्डी ज़मीन पर टिकाएँ।
अब पैरों को घुटनों से मोड़ें कर दोनों हाथों से पैरों के पंजो को पकड़ें।फिर सांस लीजिये और बाजू सीधे रखते हुए सिर, कंधे, छाती को जमीन से ऊपर उठा ले।
इस स्थिति में सांस सामान्य रखें और चार से पाँच सेकेंड रुकने के बाद सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे पहले छाती, कंधे और ठुड्डी को जमीन की ओर लाएं।
पंजों को छोड़ दें और कुछ देर आराम करें। इस प्रक्रिया को कम से कम 3 बार दोहराएं।
फिट रहने के लिए योग
फिट रहने के लिए योग
फिट रहने के लिए योग एक सरल और आसन उपाय है। आज के समय में हर व्यक्ति फिट दिखना चाहता है। एक फिट शरीर सभी प्रकार से रोग मुक्त रहता हैं। इसके साथ सुन्दर और आकर्षक दिखने के लिए फिट शरीर महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं। यदि आप फिट रहने के लिए जिम में प्रयास करते-करते थक गए हैं और फिर भी कोई परिणाम नहीं मिला हैं तो आज का लेख आपके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। अपने शरीर को फिट रखने के लिए योग बहुत ही अच्छा माध्यम है। कुछ समय पहले योग को केवल संतों और उन लोगों के लिए प्रचलित माना जाता था जो अपने बुढ़ापे तक पहुँच चुके हैं। लेकिन अब योग ने युवा वर्ग के दिल में भी एक व्यापक जगह ले ली है। महिला हो या पुरूष योगा तो सबके लिए ही महत्वपूर्ण हैं। योगा के फायदे अनगिनत और अध्बुध हैं, इसीलिए हर किसी को योग को अपनी लाइफ स्टाइल में जरूर शामिल करना चाहिए।
फिटनेस के लिए आसान योगासन
उत्तानासन- फिट रहने के लिए उत्तानासन योग एक बहुत ही अच्छा माध्यम है। यह आसन आपको मानसिक तनाव और चिंता से छुटकारा दिलाता है, मस्तिष्क को शांत करता है और हल्के अवसाद से पीड़ित रोगियों को भी ठीक करता है। उत्तानासन करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। अपने दोनों पैरों को पास-पास रखें और अपने दोनों हाथों को ऊपर सीधा कर लें। अब धीरे-धीरे सामने को ओर कमर से नीचे झुकते जाएं और अपने दोनों हाथों से पैर के पंजों को छूने की कोशिश करें। इस आसन में आप 60 से 90 सेकंड के लिए रहें फिर आसन से बाहर आयें।
पश्चिमोत्तानासन- पश्चिमोत्तानासन योग आपके तंत्रिका तंत्र को पुनर्जीवित करने, रक्त की आपूर्ति को बढ़ावा देने और आपके दिमाग को शांत करने में मदद करता है। पश्चिमोत्तानासन करने के लिए आप किसी साफ स्थान पर योगा मैट को बिछा के दोनों पैरों को सामने की ओर सीधा करके दण्डासन में बैठ जाएं। अपने दोनों हाथों को ऊपर उठा के सीधे कर लें। अब धीरे-धीरे आगे की ओर झुके और अपने दोनों हाथों से पैर के पंजे पकड़ लें। अपने सिर को घुटनों पर रख दें। इस आसन को 20 से 60 सेकंड के लिए करें।
धनुरासन- धनुरासन पेट की मांसपेशियो को खींचता हैं जो इस क्षेत्र में रक्त के प्रवाह को बढ़ाता है और पाचन संबंधी विकारों और समस्याओं को दूर करता है। यह आसन पीठ की मांशपेशियों को भी मजबूत करता हैं। इस आसन में आपकी स्थिति ऊपर उठे हुए धनुष के सामान दिखाई देती हैं। इस आसन को करने के लिए आप एक योगा मैट बिछा के उस पर पेट के बल लेट जाएं, दोनों हाथों को शरीर के समान्तर रखें और पैरों को पीछे की ओर मोड़ लें। अब अपने हाथों को पीछे ले जाएं और दोनों पैरों को दोनों हाथों से पकड़ लें। इस आसन में 20 से 30 सेकंड तक रुकने का प्रयास करें। अंत में दोनों हाथों को खोल के अपनी प्रारंभिक स्थिति में आयें।
वृक्षासन- वृक्षासन योग आपका परीक्षण करने लिए होता हैं कि आप कितनी देर तक अपने संतुलन बना के रख सकते हैं। यह आसन आपके पैरों की मांसपेशियों को मजबूत करता हैं। यह एक पेड़ के समान दिखने वाली स्थिति होती हैं। इस आसन को करने के लिए आप एक योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं, अब अपने दाएं पैर को उठा के बाएं पैर की जांघ पर रखें। अपने दोनों हाथों को ऊपर की ओर उठायें और ऊपर ही जोड़ लें। इस स्थति में आप अपनी क्षमता के अनुसार खड़े रहने का प्रयास करें।
स्वस्थ आँखों के लिए योग
स्वस्थ आँखों के लिए योग
आँखे हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है। आँखो की जरिये ही हम इस खूबसूरत दुनिया को देख सकते है, रंगो को पहचान सकते है। अगर हमारी आँखे खूबसूरत हो तो हमारा चेहरा भी आकर्षित लगता है। लेकिन यदि हमारी आँखों की रौशनी कम हो जाये तो हमें दिखाई भी कम देने लगता है, साथ ही मोटे मोटे चश्मे लगाने की वजह से चेहरे की सुंदरता भी फीकी पड़ जाती है। आँखों के जरिये ही हम सारे कामो को ठीक तरह से कर सकते है। इसलिए हमें इसका सही तरह से ख्याल रखना बेहद जरुरी है। दिन भर कंप्यूटर पर काम करना, ज्यादा देर टीवी देखना, या देर तक पढ़ाई करने के कारन हमारी आँखे सिर्फ थकती है नहीं, बल्कि स्ट्रेस का असर हमारी आँखों की रौशनी पर ही पड़ता है। कई बार ऐसा होता है की पैसे कमाने की जरुरत के लिए देर रात तक जागना, या फिर घंटो काम करना हमारी मज़बूरी बन जाती है। ऐसे में हमारी आंखों के आसपास की माश्पेसिया अपने लचीलेपन को खो देती हैं और कठोर हो जाती हैं। नतीजनत् कम उम्र में ही दृष्टि दोष हो जाता है। आपने हमेशा सुना होगा की योग से हमें कई स्वास्थ्य लाभ मिलते है। हम आपको बता दे की आँखों के लिए भी योग बेहद फायदेमंद है। आइये जानते है किस तरह आँखों के लिए फायदेमंद है योग।
स्वस्थ आँखों के लिये योगासन
शवासन से बढ़ाये आँखों की रौशनी- शवासन को करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं। आसान करते वक्त अपने मन को शांत स्तिथि में रखे। इसके पश्चात पैरों को ढीला छोडकर हाथों को शरीर से सटाकर कर बगल में रख लिजिए। आपका पूरा शरीर फर्श पर स्थिर होना चाहिए। इस आसन को नियमित रूप से करने से शरीर की थकान दूर होती है और आंखों को आराम मिलता है और आँखों की रोशनी भी बढती है।
अनुलोम विलोम भी फायदेमंद- अनुलोम विलोम प्राणायाम को करने के लिए पालकी मांढ़कर बैठ जाये| आपकी कमर और गर्दन दोनों सीधी होनी चाहिए। अब अपनी आंखें बंद कर लें। अब अपने सीधे हाथ को नासारन्ध्रों पर ले जाएं। अब अपनी बीच की अंगुलियों को सीधा रखते हुए अंगूठे से दाएं नासारन्ध्र(नाक के छिद्र) को बंद कर लें। और बाएं नासारन्ध्र से धीरे-धीरे सांस को बाहर की ओर निकालें। सांस छोड़ने के बाद अब बाएं नासारन्ध्र से ही सांस भरना प्रारंभ करें। अधिक से अधिक सांस भरने के बाद बाएं नासारन्ध्र को अंगुलियों की मदद से बंद कर लें व अंगूठे को दाएं नासारन्ध्र से हटाकर दाईं नासिका से सांस को धीरे-धीरे बाहर निकालें। इस प्रक्रिया 3 से 5 मिनट दोहराये। इस आसान को करने से मानसिक तनाव दूर होता है। आँखों की थकावट दूर होती है और रौशनी बढ़ती है।
चश्मा लगा है तो करे त्राटक आसन- अगर आपको काफी ज्यादा पावर के चश्मे लगे है और नंबर लगातार बढ़ता जा रहा है, तो त्राटक आसन करना आपके लिए फायदेमंद होगा। और यदि आपको चश्मा नहीं भी लगा हे तो त्राटक आसान करने के बाद आपको चश्मा लगाने की नौबत ही नहीं आएगी। इस आसन को अंधेरे में किया जाता है, इसलिए रात का समय बेहतर है। यदि आप इसे दिन में करते है तो कमरे को बंद कर अंधेरा कर लें। कमरे में एक मोमबत्ती जलाकर मोमबत्ती के सामने प्राणायाम की मुद्रा में बैठ जाएं। अब बिना पलकें झपकाए एकटक से मोमबत्ती को देखते रहें। इसके बाद आँखे बंद करके ओम का उच्चारण करें और फिर आंख खोल लें। इस प्रक्रिया को कम से कम 3 बार करें। आखिर में अपनी हथेलियों को आपस में रगड़ें और फिर उस गर्म हथेली से आंखों को स्पर्श करते हुए आंख खोलें। ध्यान रखें कि आंख खोलने के दौरान आपकी नजर आपकी नाक पर ही होनी चाहिए। इस आसान को सप्ताह में कम से कम 3 बार जरूर करें।
चेहरे की झुर्रियों के लिए योगासन
चेहरे की झुर्रियों के लिए योगासन
चेहरे को लेकर हर कोई सतर्क रहता है क्योकि यह आकर्षण को बढ़ाता है। चेहरे का फैट किसी को पसंद नहीं होता है और न ही चेहरे से जुडी कोई समस्या जैसे झुर्रियां या फाइन लाइंस। लोग झुर्रियों और चेहरे के फैट को कम करने के लिए अनेंको प्रयास करते हैं लेकिन कई बार सही तरीके पता न होने के कारण इस प्रयास में असफल हो जाते हैं। ऐसे में कई ऐसे आसन होते हैं जो चेहरे के फैट और झुर्रियों को कम करने के लिए लाभकारी होते हैं। ये आसन आपके शरीर को और भी बहुत से लाभ प्रदान करते हैं और शरीर को स्वस्थ और हेल्दी रखते हैं।
झुर्रियों के लिए आसान योग
सुखासन- इस आसन को करने में सुखासन की अवस्था में बैठ जाएं और फिर दोनों हाथों की अँगुलियों से चेहरे को थपथपाएं। इस प्रकिर्या को रोजाना लगभग 10 मिनट तक करें। इससे आपके चेहरे की त्वचा में कसाव आएगा और झुर्रियों के साथ साथ चेहरा भी पतला होगा।
वज्रासन- इस आसन का अभ्यास करने के लिए घुटनों को थोड़ा खोलकर बैठ जाएं। अब दोनों पंजो को खोलकर घुटनो पर रखें और सांस खींचकर जीभ को बाहर निकालें। जीभ बाहर रखते हुए सांस छोडे और शेर जैसी गर्दन करें। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान जीभ बाहर होनी चाहिए। इस आसन को आप रोजाना 3 से 4 बार कर सकते हैं।
उदान मुद्रा- इस आसन का अभ्यास करने के लिए पद्मासन की अवस्था में बैठ जाएं। अब तजर्नी अंगुली को छोड़ बाकी तीनो अँगुलियों को अंगूठे की टिप से मिलाएं और इस अवस्था में थोड़ी देर रहें। इस आसन का अभ्यास रोजाना 5 मिनट तक जरूर करें।
पद्यासन- इस आसन को करने के लिए आपको अपने मुँह को जितना हो सके चलाएं। ऐसे चलाएं जैसे आप च्विंगम खाते वक्त अपना मुँह चलाते हैं। इससे आपके चेहरे की मांसपेशियों में खिंचाव आता है। पद्यासन का अभ्यास आप रोजाना 2 मिनट कर सकते हैं।
दिमाग तेज करने के लिए योग
दिमाग तेज करने के लिए योग
योग आपके स्मरण शक्ति को बढ़ाने के लिए एक आश्चर्यजनक रूप से प्रभावी तरीका है। कोई भी व्यक्ति चाहे वह छात्र हो या कोई बिजनेसमैन हर किसी के लिए एक अच्छी स्मरण शक्ति बहुत ही आवश्यक होती है और प्रत्येक व्यक्ति अपनी स्मरण शक्ति बढ़ाने के तरीके को खोजता है। योग न केवल ध्यान केन्द्रित करने में मदद करते हैं बल्कि चिंता कम करने के लिए भी लाभदायक हैं। दिमाग तेज करने के लिए योग मस्तिष्क में रक्त संचार और ऑक्सीजन के प्रवाह को बढ़ाने के लिए बहुत ही लाभदायक हैं। अपने मस्तिष्क को फिट और स्वस्थ रखना आपके जीवन के लिए महत्वपूर्ण है। योग मस्तिष्क के कार्य को बढ़ावा देने में भी मदद करता है। शोध में पाया गया है कि योग का नियमित अभ्यास मस्तिष्क में बुद्धि और स्मृति केंद्रों के आकार को बढ़ाता है। यह समग्र मस्तिष्क तरंग गतिविधि को बढ़ाता है और अनुभूति में सुधार करता है साथ में आपके मूड में सुधार, अवसाद और चिंता से राहत देता है, और तनाव प्रतिक्रिया में सुधार करता है। आइये ब्रेन पावर बढ़ाने के लिए योगासन को विस्तार से जानते है।
ब्रेन पावर बढ़ाने के आसान योगासन
पादहस्तासन- स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए पादहस्तासन एक बहुत ही फायदेमंद आसन है। पादहस्तासन आपके तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित करता है और आपके मस्तिष्क को रक्त की आपूर्ति बढ़ाता है। इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। अपने दोनों पैरों को पास-पास रखें और अपने दोनों हाथों को ऊपर सीधा कर लें। अब धीरे-धीरे सामने की ओर कमर से नीचे झुकते जाएं और अपने दोनों हाथों से पैर के पंजों को छूने की कोशिश करें। इस आसन में आप 60 से 90 सेकंड के लिए रहें फिर आसन से बाहर आयें।
हलासन- हलासन आपकी याद करने की शक्ति बढ़ाने के लिए अच्छा आसन है। यह आपके तंत्रिका तंत्र को शांत करता है, तनाव और थकान को कम करता है। हल मुद्रा रक्त परिसंचरण और जीवन शक्ति में सुधार करती है। इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट बिछा के सीधे हाथ पैर करके पीठ के बल लेट जाएं। अब अपने दोनों पैरों को कमर के यहाँ से मोड़े और उनकों ऊपर करें। अपने दोनों हाथों को सीधा जमीन पर ही रखें रहने दें। अब दोनों पैरों को धीरे-धीरे अपने सिर के पीछे की ओर जमीन से लगाने की कोशिश करें। इस स्थिति में अपने क्षमता के अनुसार करें और फिर अपनी प्रारंभिक अवस्था में आयें।
पद्मासन- पद्मासन एक ध्यान की मुद्रा हैं यह तनाव और थकान को दूर करके हमारे मन को शांत रखती हैं जो हमारी मेमोरी पावर को बढ़ाने में हमारी मदद करती हैं। यह आराम की एक अच्छी स्थिति है। पद्मासन करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट को बिछा के उस पर दण्डासन की मुद्रा में बैठ जाएं। अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें। अब अपने दायं पैर को मोड़े और उसे बाएं पैर की जांघ पर रखे लें। अब बाएं पैर को मोड़े और उसे दायं पैर की जांघ पर रख लें। अपने दोनों हाथों को सीधा करके दोनों घुटनों पर रखे लें। आँखों को बंद करके ध्यान लगायें।
पश्चिमोत्तानासन- पश्चिमोत्तानासन आपके मस्तिष्क के लिए वास्तव में अच्छा आसन है। इस आसन को करने के लिए आगे की ओर झुकना होता है जो आपके तंत्रिका तंत्र को पुनर्जीवित करने, रक्त की आपूर्ति को बढ़ावा देने और आपके दिमाग को शांत करने में मदद करता है। पश्चिमोत्तानासन करने के लिए आप किसी साफ स्थान पर योगा मैट को बिछा के दोनों पैरों को सामने की ओर सीधा करके दण्डासन में बैठ जाएं। अपने दोनों हाथों को ऊपर उठा के सीधे कर लें। अब धीरे-धीरे आगे की ओर झुके और अपने दोनों हाथों से पैर के पंजे पकड़ लें। अपने सिर को घुटनों पर रख दें। इस आसन को 20 से 60 सेकंड के लिए करें।
पैरों के दर्द के लिए योग
पैरों के दर्द के लिए योग
पैर दर्द की समस्या एक सामान्य समस्या है जिससे हर कोई परेशान रहता है। पूरे दिन काम करने के बाद थकावट के कारण व्यक्ति के शरीर में दर्द, मांसपेशियों में खिंचाव जैसी समस्या होती है। ऐसा खासकर व्यक्ति के पैरों में होता है। पैर की मांसपेशियों में दर्द की समस्या को कई तरह दूर किया जा सकता है। अगर आपको पैर के दर्द से निजात पाना है तो नियमित रूप से योग अभ्यास कीजिए।आज हम कुछ प्रमुख आसान के बारे में आपको बताने जा रहे हैं। जो आपके पैर की मांसपेशियों के दर्द को दूर करने में मदद करेंगे।
पैरों के दर्द के लिए आसान योगासन
ताड़ासन योग- यदि आप पैरों के दर्द से परेशान हैं तो ताड़ासन योगआपके लिए एक उपयोगी आसन है। पेट, हाथ और पैरों आदि की मांसपेशियों में खिंचाव आने पर तड़ासन को करना चाहिए। तड़ासन के नियमित अभ्यास से आप न केवल शरीर का संतुलित और लचीला होता है बल्कि इससे बच्चों की लंबाई बढ़ती है और पैरों में दर्द का इलाज भी छुपा है इस योग में।
ताड़ासन योग कैसे करें- तड़ासन को करने लिए आप अपनी एड़ियों को ऊपर की ओर उठाना होगा और अनुभव करना होगा कि आपको कोई ऊपर की ओर खींच रहा है। इसमें आपके शरीर का सारा भार आपकी पैरों की अंगुलियों पर होगा। इस अवस्था में आप अपने शरीर को पूरी तरह से खींचिए और धीरे धीरे एड़ियों को जमीन पर वापस लाइए। तड़ासन करने के दौरान उठते समय श्वास अंदर और नीचे की ओर आते समय श्वास को बाहर लीजिए। तड़ासन को एक बार में कम से कम दस बार कीजिए।
पवनमुक्तासन योग- पवनमुक्तासन योग से हाथ, पीठ, कमर और पैर के स्नायु के साथ-साथ हमारा मेरुदंड भी मजबूत होता है। इस आसन के द्वारा हमारे पैर के सभी अंग सक्रिय होते हैं। नियमित इसके अभ्यास से पैर दर्द से राहत तो मिलती है साथ ही पेट फूलना और कब्ज की समस्या से भी निजात मिलता है।
योग करने की प्रक्रिया- पवनमुक्तासन आसन करने के लिए सीधे लेट जाएं उसके बाद दाएं पैर के घुटनें को अपनी छाती पर रखें। इसके बाद दोनों हाथों की अंगुलियां एक-दूसरे में डालते हुए अपने घुटनों को पकड़ लें। फिर अपने घुटने को छाती से लगायें एवं सिर को उठाते हुए घुटने से नासिका को स्पर्श करवाएं। कुछ सेंकड तक अपने श्वास को बाहर रोकते हुए इसी स्थिति में बने रहें और बाद में अपनी पुरानी स्थिति में आ जाएं अर्थात पैरों को सीधा कर लें।
पादांगुष्ठासन- आप पैर दर्द की समस्या से पीड़ित हैं, तो आप नियमित रूप से पादांगुष्ठासन कीजिए। इस आसन के करने से आपको पैर दर्द की समस्या से निजात मिलेगा। पादांगुष्ठासन के अभ्यास से पैरों के अग्र भाग तथा टखनों को शक्ति मिलती है। यह समतल पैरों को ठीक करता है।
योग करने का तरीका- पादांगुष्ठासन करने में थोड़ा मुश्किल है। निरंतर अभ्यास के बाद आप इस आसन को कीजिए। पादांगुष्ठासन को करने के लिए सबसे पहले उकड़ू अवस्था में बैठ जाइए और एड़ियों को ऊपर ऊठाइए। इसके बाद घुटनों को ऊपर उठाते हुए जांघों को होरिजेंटल स्थिति में लाइए। अब एक पैर को दूसरे पैर की जांघ पर रखिए। शुरुआत में इसे कम समय के लिए अभ्यास करें और धीरे-धीरे इसका समय बढ़ाएं।
मोटापा कम करने के योगासन
मोटापा कम करने के योगासन
आज कल की व्यस्त दिनचर्या और जीवन शैली के चलते मोटापा एक आम समस्या बन चुकी है। जंक फ़ूड का सेवन ने हमारे शरीर को पूरी तरह से बिगाड़ कर रख दिया है। इस तरह की जीवन शेली से सबसे ज़्यादा असर हमारे पेट पर पड़ता है क्योकि जंक फ़ूड के सेवन से हमारे शरीर पर अतिरिक्त चर्बी जमा होने लगती है। इसलिए ज़रूरी है की हम योग क्रियाओ और अच्छे भोजन को अपनी दिनचर्या में शामिल करे। अगर हम योग की बात करे तो योगा एक बहुत ही स्वास्थवर्धक और लाभकारी क्रिया है। योगासन करने से न केवल हमारे मस्तिष्क को मजबूत मिलती है, बल्कि योगा करने से शरीर मोटापा भी दूर होता है।
यदि आप मोटापे से परेशान है और घण्टो जिम में पसीने बहाने के बजाय आसानी से घर पर ही वजन घटाना चाहते है तो इसके लिए योग करना आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। रोजाना नियमित रूप से योगासन करने पर आप आसानी से अपने शेप में आ सकते है तो आइए जानते है-
मोटापा कम करने के लिए 5 योग
धनुरासन योग- धनुरासन दो शब्दो से मिलकर बना है: धनु यानि धनु और आसन यानि योग करने की क्रिया। इस आसान को करने से धनुष जैसी मुद्रा बनानी पड़ती है इसलिए इसे धनुरासन कहा जाता है। ये एक सबसे महत्वपूर्ण योगासन है जिसके बहुत से स्वास्थवर्धक लाभ है जैसे मोटापा कम करना, पीठ को मजबूती प्रदान करना, अस्थमा में और इसके साथे ही ये आपकी रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाने में सहायक होता है। धनुरासन पेट और पेट हिस्सो पर अधिकतम खिंचाव पैदा करता है। इस आसन के नियमित अभ्यास करने से शरीर के ऊपर से वसा काम होने लगती है, ये पेट के ऊपर जमा फैट को जलाने का काम करता है। धनुरासन शरीर को टोंड बॉडी बनाने का कार्य करता है।
हलासन योगा- हलासन शब्द का अर्थ किसान के हल की तरह शरीर को आकार देना होता है। यह आसन कई बीमारियां दूर करता है। साथ ही साथ यह आसन गर्दन को सीधा व लचीला और वजन को घटाने के लिए महत्वपूर्ण योगासन है। इसके साथ ही हलासन आसान के द्वारा हम आसानी से अपनी रीढ़ की हड्डी को मजबूत और मोटापा काम कर सकते है।
कपालभाती योगा- प्राणायाम में कपालभाती सबसे कारगर माना जाता है। ये तेज़ी से की जाने वाली क्रिया है। मस्तिष्क के अग्र भाग को कपाल कहते है और भाति का मतलब ज्योति होता है। कपलभाती योगा से पेट और मोटापा कम करने में रामबाण का काम करता है।
सूर्य नमस्कार योग- सूर्य नमस्कार योग आसन पूरी बॉडी को सेहतमंद रखने वाला योग आसन है, जिसमे 12 अलग अलग योग मुद्राये होती है। जब सूर्य नमस्कार को एक प्रवाह में बार बार दोहराया जाता है तो शरीर से मोटापा कम होता है। इस योग आसन का प्रभाव पूर्ण शरीर पर पड़ता है विशेष रूप से माँस पेशियों पर।
सर्वांगासन योग- प्रत्येक योग क्रिया के हर आसन में सेहत को ठीक रखने के उचूक रहस्य छिपे हुए है। सर्वांगासन शरीर में कसावट लाने के लिए एक बेहतरीन व्यायाम है। सर्वांगासन आसन करने थोड़ा मुश्किल जरूर है। लेकिन नियमित अभ्यास से इस योग आसान को आसानी से किया जा सकता है। सर्वांगासन वजन कम करने में सहायक होता है। इसके आलावा इस करने से सभी तनाव, थकावट आदि दूर हो जाते हैं।
वजन बढ़ाने के लिए योग
वजन बढ़ाने के लिए योग
आपने अक्सर देखा होगा की बहुत से लोग अपने बढ़ते वजन को लेकर परेशान रहते है। एक बार वजन बढ़ जाये तो कम होना थोडा मुश्किल है। पर क्या आप जानते है की बहुत से लोग अपने बढे हुए वजन नहीं बल्कि कम वजन से परेशान है। कुछ लोग इतने दुबले होते है की उन्हें अपना वजन बढ़ाना होता है। हद से ज्यादा दुबलापन भी अच्छा नहीं दीखता। बिलकुल लकड़ी की तरह हाथ पैर होने के कारण दुबले लोगो को सबके बिच उठने बैठने में असहज महसूस होता है। आवश्यकता से अधिक पतला होना भी स्वास्थ्य की दृष्टी से ठीक नहीं है। योग हमारे लिए वाकई फायदेमंद है। योग से आपकी पाचन क्रिया सही रहती है जिससे की आप जो भी खाते है उसका फायदा आपको मिलता है। यह आपके शरीर की मांसपेशियों को विकसित कर मजबूत बनाता है। आइये जानते है वो कौन से योगासन है, जिसके मदद से आपको वजन बढाने में मदद मिलती है।
वजन बढ़ाने के लिए बेहतरीन योगासन
सूर्य नमस्कार- सूर्य नमस्कार में कई आसनों का सार है। इसलिए यह आपके लिए कई तरह से फायदेमंद है। यदि आप नियमित रूप से सूर्य नमस्कार करते है तो इससे आपके शरीर में स्फूर्ति आती है और स्वस्थ रूप से आपका वजन बढ़ने लगता है। सूर्य नमस्कार आपको स्वस्थ एवं सुन्दर जीवन देने में मदद करता है।
सर्वांगासन- यदि आप जल्दी से अपना वजन बढ़ाना चाहते हैं तो आपको सर्वांगासन करना चाहिए। इसमें आपका शरीर 45 डिग्री पर होता है। इसके लिए आपको चारपाई पर लेटकर अपने पैरों को ऊपर की ओर उठाना होता है और आपका बाकी शरीर, कमर और गर्दन सभी नीचे की ओर होंगे सिर्फ आपके पैर हवा में रहेंगे।
भुजंगासन- यह आसन आपके लिए बहुत लाभकारी है। इस आसन में आपको अपने आपको इस तरह से पकड़ना है जैसे आप झूला झूल रहे हों। आपको दरी पर उल्टा लेटना है इसमें आपकी कमर ऊपर की ओर रहेगी और फिर आपको धीरे-धीरे अपने पैर उठाने है यानी कमर की ओर मोड़ने हैं फिर अपने हाथों को साइड से ले जाकर दोनों पंजों को पकड़ना है, ठीक ऐसे जैसे आपका शरीर झूला झूलने लगे। इसके बाद अपना मुंह जितना संभव हो ऊपर की ओर उठाएं।
श्वासन- ये एक ऐसा आसन है जिसके करने से आपके शरीर को ना सिर्फ आराम मिलता है बल्कि ये आपका वजन बढ़ाने में भी लाभकारी हैं। इस आसन को करना भी बहुत आसान है। आपको दरी पर लेट जाना है और आपका पेट ऊपर की ओर रहेगा। इसके बाद आप आंखें बंद कर लें और अपने हाथ-पैरों को ढीला छोड़ दे। आप चाहे तो आधे घंटे तक भी इस आसन को कर सकते हैं।
स्वस्थ बालों के लिए योगासन
स्वस्थ बालों के लिए योगासन
काले व घने बाल हर किसी की चाहत होती है। लेकिन, प्रदूषण, तनाव और अनियमित दिनचर्या के चलते बालों की समस्याएं आम हो रही हैं। इस समस्या् से निजात पाने के लिए आप तमाम तरह के तरीके अपनाते हैं। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि आप योग के जरिए अपने बालों को निरोग बना सकते हैं।
स्वस्थ बालों के लिए बेहतरीन योग
पवनमुक्तासन- पवन मुक्तासन से शरीर की दूषित वायु बाहर निकल जाती है। यह आसन पीठ के बल लेटकर किया जाता है। पहले शवासन में लेट जाएं। दोनों पैरों को एक-दूसरे से मिला लें फिर हाथों को कमर से मिलाएं। उसके बाद घुटनों को मोड़कर पंजों को जमीन से टिकाएं। इसके बाद धीरे-धीरे दोनों घुटनों को छाती पर रखें। अपने दोनों हाथों से घुटनों को पकड़ें।
अनुलोम-विलोम- अनुलोम-विलोम करने के लिए दरी या चटाई बिछाकर बैठ जाएं और बाएं पैर को मोड़कर दाईं जांघ पर और दाएं पैर को मोड़कर बाई जांघ पर रखें। अब दाहिने हाथ के अंगूठे से नाक के दाएं छिद्र को बंद कर लें और नाक के बाएं छिद्र से 5 तक की गिनती में सांस को भरे और फिर बायीं नाक को अंगूठे के बगल वाली दो अंगुलियों से बंद कर दें। उसके बाद दाहिनी नाक से अंगूठे को हटा दें और दायीं नाक से सांस को बाहर निकालें।
माण्डुकी मुद्रा- इस मुद्रा के लिए किसी शांत एवं स्वच्छ वातावरण वाले स्थान का चयन करें। शांति में किसी भी सुविधाजनक आसन में बैठ जाएं। अब मुंह बंद करके जीभ को तालु में घुमाऍ और सहस्रार से टपकती हुई बुंदों का जीभ से पान करें। यह माण्डुकी मुद्रा है। इस मुद्रा के नियमित अभ्यास से बाल झडऩा बंद हो जाता हैं।
कपालभाति- सुखासन या पदसन में बैठकर दोनों हाथों को घुटनों पर ज्ञान मुद्रा में रखकर सांस को बल के साथ बाहर की ओर फेंके। सांस बाहर आएगी, तो पेट तेजी से अंदर की ओर जाएगा। बार-बार बल के साथ सांस को बाहर निकालते रहें। इससे श्वास अपने आप ही अंदर की तरफ जाएगी। इस क्रिया को शुरू में 20 से 30 बार करके आखिर में सारी सांस बाहर निकाल दें। इस प्रोसेस को धीरे-धीरे बढ़ाते जाएं। रोज तीन बार इसकी प्रैक्टिस करें।
स्वस्थ रहने के लिए योगासन
स्वस्थ रहने के लिए योगासन
रोजाना सुबह थोड़ी देर एक्सरसाइज करने से शरीर के सारे अंग अच्छी तरह से काम करते हैं और आप फिट रहते हैं। इसी तरह रोजाना 30 मिनट योगासन करने से व्यक्ति शारीरिक और मानसिक रुप से स्वस्थ रहता है। सुबह के समय योगासन करना बहुत फायदेमंद होता है। इसके साथ ही एक बात का ध्यान रखना जरुरी होता है कि आपका पेट खाली हो। योगासन हमेशा खुली हवा में ही करें। स्वस्थ रहने के लिए रोजाना 30 मिनट योगा करना फायदेमंद होता है। जिससे आप किसी भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या से ग्रसित नहीं होते हैं। तो आइए आपको बताते हैं रोजाना कौन से योगासन 30 मिनट करके स्वस्थ रहा जा सकता है।
स्वस्थ रहने के लिए योग
बालासन- यह आसन कंधों और कमर से तनाव को रिलीज करके थकान को दूर करता है। इसके साथ ही इसे करने से सांस की समस्या दूर होती है और शरीर में ब्लड सर्कुलेशन सही तरीके से होता है। इस योगासन को कम से कम 5 मिनट तक करें।
सुखासन- सुखासन दिमाग को शांत करके रीढ़ की हड्डी को मजबूती प्रदान करता है। यह मानसिक थकावट से आराम दिलाकर बॉडी पॉस्चर में सुधार लाता है। इस मुद्रा से काफ मसल्स की मसाज होती है। साथ ही आपको ऊर्जावान बनाकर प्रोडक्टिविटी को बढ़ाता है। इस योगासन को कम से कम 5 मिनट तक करें।
त्रिकोणासन- त्रिकोणासन पाचन की समस्या को दूर करके किडनी को उत्तेजित करता है। यह जांघों और कमर से फैट कम करने में भी मदद करता है। तनाव को दूर करने के लिए यह एक बहुत अच्छी मुद्रा है। जो मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करता है। इस मुद्रा में 30 सेकेंड तक रहें। और 2 मिनट तक करें।
ताड़ासन- ताड़ासन आपकी शक्ति को बढ़ाकर घुटनों को मजबूती प्रदान करता है। रीढ़ की हड्डी के लचीलेपन को बढ़ाकर शरीर से दर्द को कम करने में मदद करता है। इस मुद्रा में 12 सेकेंड तक रहें और 10 बार दोहराएं। इस योगासन को कम से कम 2 मिनट तक करें।
सफेद बालों की समस्या के लिए योग
सफेद बालों की समस्या के लिए योग
अपने बाल को लेकर हर इंसान संवेदनशील होता है। बाल काले न होने पर भी वह बहुत जल्दी परेशान हो जाता है। किसी व्यक्ति के सामने सफेद बाल की समस्या लगातार बनी रहे तो वह अलग उपायों को भी अपनाता है। आइए इस लेख में योग उपायों के जरिए सफेद बालों की समस्या को दूर करने का प्रयास करते हैं।
बालों को काला करने वाले योग
उष्ट्रासन- जो लोग नियमित रूप से उष्ट्रासन करते हैं उनके जांघों पर से वसा कम हो जाता है। यह न केवल कूल्हों को खोलता है बल्कि कंधे और पीठ को बढ़ाता है और मजबूत करता है। इसे नियमित रूप से करने से बाल काले रहते हैं।
उष्ट्रासन कैसे करें- सबसे पहले किसी खुली हवादार जगह में चटाई बिछाकर धीरे-धीरे दोनों पैरों को घुटनों से मोड़कर बैठ जाए। यह ठीक उसी तरह है जैसे आप वज्रासन की स्थिति में बैठते हैं। इसके बाद फिर धीरे-धीरे घुटनों के बल उपर की तरफ उठे। अब दोनों हाथों को कमर पर रखकर पीछे की ओर आराम से झुकें। पीछे कि तरफ झुकते हुए पहले हाथ को पहली ऐड़ी और वैसे ही दूसरे हाथ को दूसरे पैर की ऐड़ी पर लगाएं।
त्रिकोणासान- त्रिकोणासान जिसे हम त्रिभुज मुद्रा के नाम से भी जानते हैं। पूरे शरीर के माध्यम से रक्त के कार्य को उत्तेजित करता और बेहतर बनाता है। नियमित रूप से करने से यह कूल्हों, पीठ, हथियार, जांघों और पैर को मजबूत बनाता है। इसके अलावा यह कमर और जांघों से वसा को हटाने में मदद करता है तथा बाल को काला करता है।
त्रिकोणासान कैसे करें- अपने पैरों में दो से तीन फिट का फासला रखते हुए अपनी बाहों को कंधों तक फैला लें। इसके अपनी सांस को खींचते हुए अपनी दाएं बांह को अपने सिर के ऊपर की ओर ले जाएं। फिर अपनी सांस को छोड़ते हुए अपने शरीर को बाईं ओर झुका लें। अपने घुटनों को नहीं मोड़े और अपने हाथों को कान से नहीं हटने दें। ध्यान दें दाईं बांह जमीन के समांतर और बाईं बांह पाँव के समांतर होनी चाहिए, लेकिन आप की बांह उस पाँव पर टिकी हुई नहीं होनी चाहिए।
भुजंगासन- भुजंगासन जिसे हम कोबरा पॉज़ के नाम से भी जानते हैं कंधों, छाती और पेट में मांसपेशियों को बढ़ाने का काम करता है। इसके अलावा यह बालों को काला करने में मदद करता है तथा हाथ और कंधों को मजबूत करता है।
भुजंगासन कैसे करें- पेट के बल लेटते हुए पैरों को सीधा व लम्बा फैला दीजिये। इसके बाद धीरे-धीरे सिर को व कन्धों को जमीन से ऊपर उठाते हुए सिर को जितना पीछे की ओर ले जा सकें, ले जाइये। हाथों की सहायता के बिना कन्धों को केवल पीठ के सहारे ऊपर उठाने का प्रयत्न करना चाहिये। धीरे-धीरे पूरी पीठ को ऊपर की ओर तथा पीछे की ओर झुकाते हुए गोलाकार करते जाइये। इस अवस्था में हाथ सीधे होने चाहिए।
रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए योगासन
रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए योगासन
शरीर में रोग प्रतिरोधक शक्ति का होना आवश्यक होता है क्यूंकि यह जितनी ज्यादा रहेगी उतना ही शरीर मजबूत रहता है और शरीर को रोगो से लड़ने की शक्ति मिलती है। आजकल के खानपान और लाइफ स्टाइल के कारण हमारा इम्यून सिस्टम (रोग प्रतिरोधक तंत्र) इतना मजबूत नहीं रहता है की वह रोगो से लड़ सके। जिसके कारण हमारा शरीर जल्द ही रोगो से घिर जाता है। इम्मून सिस्टम कोशिकाओं, ऊतकों और अंगों का एक विशाल और संगठित नेटवर्क होता है जो कि शरीर की रोगाणु, वायरस और सूक्ष्मजीवों से बचाव करता हैं। इम्यून सिस्टम के द्वारा संक्रमण को दूर किया जा सकता है। इसलिए आवश्यक है की आपका इम्यून सिस्टम अच्छा रहे।
इम्युनिटी को बढ़ाने के लिए योग महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। योग द्वारा इम्युनिटी को बढ़ाकर शरीर को स्वथ्य रखा जा सकता है। कुछ विशिष्ट योग होते हैं जो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाते है। आइए जानते है कुछ ऐसे योगा के बारे में जो शरीर को रोगो से दूर रख सकते है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए योग
ताड़ासन- इसे माउंटेन पोस भी कहा जाता है।
इस मुद्रा को दिन में किसी भी समय किया जा सकता है।
इसके लिए आपको केवल 10-20 सेकंड देने की जरुरत होती है।
बस इस आसन को करते समय यह ध्यान रखे कि उस समय आपका पेट खाली हो ।
ताड़ासन पाचन तंत्र को सुचारू कर आपकी प्रतिरोधक क्षमता को बढाता है।
पादंगुष्ठासन- इसे बिग टो पोस भी कहा जाता है| यह एक सरल आसन है।
यह आसन आपकी मांसपेशियों को सिर से पैर की अंगुली तक खींचने में मदद करता है।
सुबह के समय कम से कम 30 सेकंड के लिए खाली पेट इस आसन को करना चाहिए।
यदि आप सुबह में आसन का अभ्यास नही कर पाते है तो शाम को भोजन के 4 घंटे पहले भी इसे कर सकते है।
यह आसन तनाव और चिंता से राहत देता हैI इससे पाचन में सुधार होता है।
वृक्षासन- इस आसन में शरीर कि स्थिति एक वृक्ष के समान होती है, इसी कारण इसे वृक्षासन कहते है।
इस आसन के लिए आपको अपनी आँखें खुली रखनी पड़ती है।
वृक्षासन आपकी रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाता है।
यह आपकी मानसिक क्षमताओं को सुधारता है।
त्रिकोणासन- इसे त्रिभुज पोज़ भी कहा जाता है। इस आसन में संतुलन बनाए रखने के लिए आसन करते समय अपनी आँखें खुली रखनी चाहिए।
सुबह के वक्त इस आसन का अभ्यास करना सबसे अच्छा है।
यह आसन एकाग्रता और संतुलन को बढ़ाता है।
यह मन को शांत करता है और तनाव दूर ले जाता है।
उत्कटासन- उत्कटासन में आपको एक काल्पनिक कुर्सी पर बैठने की आवश्यकता है।
यह आसन सुबह के वक्त खाली पेट किया जाना चाहिए।
यह आपके शरीर को संतुलित करता है, और आपके दिल को उत्तेजित करता है।
उपरोक्त सभी आसन का अभ्यास कर आप अपने रोग प्रतिरोधक तंत्र को बढ़ा सकते है। इसके अतिरिक्त भुजंगासन और मत्स्यासन का अभ्यास भी किया जा सकता है।
शरीर को ऊर्जा प्रदान करने वाले योगासन
शरीर को ऊर्जा प्रदान करने वाले योगासन
जीवन में सुख और शांति के लिए आपको एक मजबूत शरीर और शायद अधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि एक स्पष्ट भावनात्मक शरीर का अनुभव करने की जरूरत है। यदि आपका पूरा शरीर एक प्रतिध्वनि है तब आप किसी भी भावनात्मक चुनौती को पूरा करने के लिए तैयार रहते हैं। इन सबके लिए शारीरिक व्यायाम बहुत जरूरी होता है। व्यायाम के अन्य प्रकारों में योग का सबसे ज्यादा महत्व है। योग के विभिन्न आसनों द्वारा सांस पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
ऊर्जा प्रदान करने वाले आसन
तड़ासन- इस आसन में खडे़ होकर अपने पैरों, कमर और गर्दन को एक सीधी लाइन में रखिए। अपनी उंगलियों को सामने की तरफ कर मुट्ठी बांधिए। सांस लेते हुए अपनी बंद मुट्ठी के साथ अपने हाथों को ऊपर की तरफ उठाइए। सांसों को रोककर अपनी एडी को धीरे-धीरे उठाइए। आपने शरीर को ऊपर की तरफ जितना संभव हो खींचिए। फिर सांसों को छोडते हुए सामान्य स्थिति में आइए। इस क्रिया को 5 से 10 बार दोहराइए।
भुजंगासन- चेहरे को नीचे की तरफ करके जमीन पर लेट जाइए। अब, अपने माथे को जमीन से छुएं। अपनी हथेली को भुजाओं के नीचे रखिए, और स्थिति ऐसी होनी चाहिए कि आपकी उंगलियां भुजाओं को छू रही हों। अपने पैरों को सीधा रखिए। अपने सिर को पीछे की तरफ हल्का सा ले जाते हुए सांस लीजिए। अपने हाथों से सीने और सिर पर आगे की तरफ दबाव डालिए, लेकिन इस स्थिति में पीठ को मोडे रखिए। अपनी सांसों को रोके रखिए, ताकि सांप जैसी स्थिति दिखे। चेहरे को नीचे लाने से पहले इस स्थिति में 8 से 10 सेकेंड तक रहिए। इस क्रिया को 5 बार दोहराइए।
सुखासन- दोनों घुटनों को मोडकर, गर्दन, कमर और पीठ को सीधा रखकर बैठिए। अपनी हथेलियों को सीधा रखिये इंडेक्स उंगली (अंगूठे के बगल वाली उंगली) के अग्र भाग को अंगूठे से छूकर अन्य तीनों उंगलियों को सीधी रखिए। इस आसन को करने से आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होगी। रक्त का संचार अच्छे से होगा, तंत्रिका तंत्र और पाचन क्रिया बेहतर होगी। इस आसन को करने से अंदर से शांति महसूस होगी। यह आसन आपको अंदर से मजबूत बनाता है। इन आसनों के जरिये आप न केवल शारीरिक बल्कि मानिसक शांति और शक्ति भी पा सकते हैं।
त्रिकोणासन- अपने हाथों के बराबर में पैरों को फैला लीजिए। दोनों हाथों को ढीला छोडकर लटकने दीजिए। सांस को अंदर खींचते हुए दाहिने हाथ को आसमान की तरफ ऊपर ले जाइए और बाएं हाथ को शरीर से सटाकर नीचे ही रहने दीजिए। अपने हाथ और पैरों को सीधा रखिए। जब सांस को बाहर छोडते हुए दाहिने हाथ की तरफ झुकिए, इस बीच आपका दाहिना हाथ जमीन के समानांतर होना चाहिए। इसके बाद तेजी से बाएं हाथ से जमीन को छूने की कोशिश कीजिए। सांस लेते हुए सामान्य स्थिति में आइए। इसी क्रिया को विपरीत दिशा में भी दोहराते हुए कम से कम 5 बार कीजिए।
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