33.चिलगोजा के गुण और उससे होने वाले आयुर्वेदिक इलाज

 चिलगोजा के गुण और उससे होने वाले आयुर्वेदिक इलाज



परिचय (Introduction)

चिलगोजा का छिलका लाल, भूरा और मींगी सफेद रंग की होती है। यह कुछ मीठी और स्वादिष्ट होती है। चिलगोजा एक मशहूर मेवा होती है। इसकी तासीर गर्म होती है।

गुण (Property)

चिलगोजा धातुवर्द्धक होता है। भूख को बढ़ाता है। गुर्दे-मसाने और लिंगेद्री को मजबूत व शक्तिशाली बनाता है। चिलगोजे अत्यधिक मर्दाना शक्तिवर्द्धक होते हैं। इसलिए 15 चिलगोजे रोजाना खाना चाहिए।

हानिकारक प्रभाव (Harmful effects)

चिलगोजा भारी होता है तथा देर में हजम होता है।

विभिन्न रोगों में उपचार (Treatment of various diseases)

नपुंसकता : रोजाना 15 चिलगोजे खाने से नपुंसकता का रोग दूर हो जाता है।
सिर का दर्द : चिलगोजे का तेल कनपटियों पर लगाने से सिर का दर्द ठीक हो जाता है।
शरीर को शक्तिशाली बनाना : चिलगोजा की मींगी और मुनक्का को लगभग 24 घंटे तक पानी में भिगोकर रख दें, और इसके बाद इसमें शक्कर मिलाकर खाने से शरीर की कमजोरी के दूर होने के साथ ही साथ शरीर में ताकत आ जाती है। चिलगोजा खाने से व्यक्ति के शरीर में चुस्ती और फुर्ती के साथ ही साथ अधिक ताकत भी आती है।


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