श्री शिवरात्रि भजन

 

श्री शिवरात्रि भजन

=श्री शिवरात्रि भजन=

=☀☀☀☀☀श्री शिवरात्रि भजन☀☀☀☀☀=

(1)


आ गई शिवरात्रि पधारो शंकरजी।

हो पधारो शंकरजी, आरती उतारें।

पार उतारें शंकरजी हो उतारें शंकरजी।।




तुम नयन-नयन में हो, मन धाम तेरा।

हे नीलकंठ है कंठ, कंठ में नाम तेरा।

हो देवों के देव, जगत में प्यारे शंकरजी।



तुम राजमहल में, तुम्हीं भिखारी के घर में।

धरती पर तेरा चरण, मुकुट है अंबर में।

संसार तुम्हारा एक हमारे शंकरजी।



तुम दुनिया बसा कर, भस्म रमाने वाले हो।

पापी के भी रखवाले, भोले-भाले।

दुनिया में भी दो दिन तो गुजारो शंकरजी।



क्या भेंट चढ़ाएं, तन मैला वर सूना।

ले लो आंसू के गंगाजल का है नमूना

आ करके नयन में चरण पखारो शंकरजी।।

---------------- ☀☀☀☀☀शिव भजन : शिव-शक्ति☀☀☀☀☀

(2)


शिव से दूर हुई जब शक्ति, सूख गई गंगधार रे
शक्ति से जब दूर हुए शिव, फिर कैसा श्रृंगार रे...

जिस मानव-मन शिव की महिमा, पूनम की शीतलता है,
कहीं नहीं अहंकार है
जिसने भूली शिव की महिमा, शीतलता फिर कहां बचेगी,
कदम-कदम अंगार है

कंकर-कंकर जग का शंकर, जिसने पूजा जाना है,
कोई पूजता खुले आसमां, किसी ने ढंककर जाना है।

केवल शिव ही जग में प्रगट, हर युग में हर काल में,
काल भी जिसको हर युग पूजे, वह शक्ति महाकाल में॥

विपदा जब भी आए तुझ पर, आलिंगन कर समझ के विषधर
अमृत-धारा बह निकलेगी, गूंजेगा ऊंकार रे
शक्ति से जब दूर हुए शिव, फिर कैसा श्रृंगार रे...।
........

हर हर हर महादेव हरे

(3)

नंदीगण नतमस्तक सन्मुख, नीलकंठ पर शोभित विषधर,

मूषक संग गजानन बैठे, कार्तिकेय संग मोर खड़े॥

सत्य ही शिव है, शिव ही सुंदर, सुंदरता चहुंओर भरे,

अंतर्मन से तुझे पुकारूं, हर हर हर महादेव हरे॥

पीड़ित जन हम युगों-युगों से, आकर तेरे द्वार खड़े,

जितना भोला मुख मंडल है, उतना तीखा भाला है।

असुरों को बींधा हर युग में, मुख पर विष का प्याला है॥

सुना है तूने राम-कृष्ण के, उतर धरा दुःख दर्द हरे,

सत्य ही शिव है, शिव ही सुंदर, सुंदरता चहुं ओर भरे,

अंतर्मन से तुझे पुकारूं, हर हर हर महादेव हरे॥

जन-जन के हृदय में बसे हो, पशु-पक्षी के प्राणनाथ हो,

शत-शत नमन्‌ त्रिलोकी तुमको, जय जय जय पशुपतिनाथ हरे।

सत्य ही शिव है, शिव ही सुंदर, सुंदरता चहुंओर भरे,

अंतर्मन से तुझे पुकारूं, हर हर हर महादेव हरे॥
......

ॐ नमः शिवाय

(4)

कंठ में विष, विषधर की माला,

चंद्रगंग से शोभित मुख है,

मुख पर शोभित, भंग का प्याला

सत्य ही शिव है,

शिव ही सुंदर,

मेरा भगवन्‌ भोला-भाला

तेरे सहारे जीवन नैया,

कोई नहीं अब तेरे सिवाय

ॐ नमः शिवाय‌,

ॐ नमः शिवाय,

ॐ नमः शिवाय।
.....

समाप्त

॥ॐ श्री बैजनाथाय नम:॥।

Comments

Popular posts from this blog

ગાયત્રી શતક પાઠ અને ગાયત્રી ચાલીસા

ભક્તિ ચેનલ ઓલ નામ

Anand No Garbo With Gujarati Lyrics - આનંદ નો ગરબો