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श्री गणेशा मंत्र
1. ऊँ गं गणपतये नमः
2. श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा॥
3. ॐ श्रीम गम सौभाग्य गणपतये
वर्वर्द सर्वजन्म में वषमान्य नमः॥
4. ॐ एकदन्ताय विद्धमहे, वक्रतुण्डाय धीमहि,
तन्नो दन्ति प्रचोदयात्॥
श्री कुबेर मंत्र
1. ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये
धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥
2. ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः॥
3. ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥
श्री शिव मंत्र
1. ॐ नमः शिवाय॥
2. ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
3. ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि
तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
श्री राम मंत्र
1. ॐ श्री रामाय नमः॥
2. श्री राम जय राम जय जय राम॥
3. ॐ दाशरथये विद्महे सीतावल्लभाय धीमहि,
तन्नो राम प्रचोदयात्॥
4. ॐ आपदामपहर्तारम् दाताराम् सर्वसम्पदाम्।
लोकाभिरामम् श्रीरामम् भूयो-भूयो नमाम्यहम्॥
5. श्री राम जय राम कोदण्ड राम॥
श्री हनुमान मंत्र
1. ॐ श्री हनुमते नमः॥
2. ॐ आञ्जनेयाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि।
तन्नो हनुमत् प्रचोदयात्॥
3. मनोजवम् मारुततुल्यवेगम् जितेन्द्रियम् बुद्धिमताम् वरिष्ठम्।
वातात्मजम् वानरयूथमुख्यम् श्रीरामदूतम् शरणम् प्रपद्ये॥
श्री महालक्ष्मी मंत्र
1. ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः॥
2. ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥
3. ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ॥
श्री गायत्री मंत्र
ॐ भूर्भुवः स्वः
तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्यः
धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्॥
श्री सरस्वती मंत्र
1. ऐं॥
2. ऐं लृं॥
3. ऐं रुं स्वों॥
4. वद वद वाग्वादिनी स्वाहा॥
5. ॐ ऐं नमः॥
6. ॐ ऐं क्लीं सौः॥
7. ॐ ऐं महासरस्वत्यै नमः॥
8. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं वाग्देव्यै सरस्वत्यै नमः॥
9. ॐ अर्हं मुख कमल वासिनी पापात्म क्षयम्कारी
वद वद वाग्वादिनी सरस्वती ऐं ह्रीं नमः स्वाहा॥
10. या देवी सर्वभूतेषु विद्यारूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
11. ॐ ऐं वाग्देव्यै विद्महे कामराजाय धीमहि। तन्नो देवी प्रचोदयात्॥
शांति पाठ मंत्र
ॐ द्यौ: शान्तिरन्तरिक्षँ शान्ति:,
पृथ्वी शान्तिराप: शान्तिरोषधय: शान्ति:।
वनस्पतय: शान्तिर्विश्वे देवा: शान्तिर्ब्रह्म शान्ति:,
सर्वँ शान्ति:, शान्तिरेव शान्ति:, सा मा शान्तिरेधि॥
ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति:॥
श्री लक्ष्मी-गणेश मंत्र
दीवाली मंत्र
1. लक्ष्मी विनायक मन्त्र
ॐ श्रीं गं सौम्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा॥
2. लक्ष्मी गणेश ध्यान मन्त्र
दन्ताभये चक्रवरौ दधानं, कराग्रगं स्वर्णघटं त्रिनेत्रम्।
धृताब्जयालिङ्गितमाब्धि पुत्र्या-लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे॥
3. ऋणहर्ता गणपति मन्त्र)
ॐ गणेश ऋणं छिन्धि वरेण्यं हुं नमः फट्॥
दशा महाविद्य़ा मंत्र
काली मंत्र
ॐ क्रीं क्रीं क्रीं हूँ हूँ ह्रीं ह्रीं दक्षिणे कालिके क्रीं क्रीं क्रीं हूँ हूँ ह्रीं ह्रीं स्वाहा॥
ॐ क्रीं
ॐ क्रीं ह्रुं ह्रीं॥
ॐ क्रीं ह्रुं ह्रीं हूँ फट्॥
ॐ क्रीं कालिके स्वाहा॥
ॐ हूँ ह्रीं हूँ फट् स्वाहा॥
ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रुं ह्रुं क्रीं क्रीं क्रीं दक्षिणकालिके क्रीं क्रीं क्रीं ह्रुं ह्रुं ह्रीं ह्रीं॥
क्रीं ह्रुं ह्रीं दक्षिणेकालिके क्रीं ह्रुं ह्रीं स्वाहा॥
ॐ ह्रुं ह्रुं क्रीं क्रीं क्रीं ह्रीं ह्रीं दक्षिणकालिके ह्रुं ह्रुं क्रीं क्रीं क्रीं ह्रीं ह्रीं स्वाहा॥
ॐ क्रीं क्रीं क्रीं ह्रुं ह्रुं ह्रीं ह्रीं दक्षिणकालिके स्वाहा॥
ॐ ह्रौं काली महाकाली किलिकिले फट् स्वाहा॥
ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं कालिके क्लीं श्रीं ह्रीं ऐं॥
तारा मंत्र
ॐ त्रीं
ॐ हूं स्त्रीं हूं॥
ॐ ह्रीं ह्रीं स्त्रीं हूं॥
ॐ ह्रीं त्रीं ह्रुं फट्॥
ऐं ॐ ह्रीं क्रीं हूं फट्॥
ॐ त्रीं ह्रीं, ह्रूं, ह्रीं, हुं फट्॥
ऐं स्त्रीं ॐ ऐं ह्रीं फट् स्वाहा॥
षोड़शी मंत्र
ऐं सौः क्लीं॥
ऐं क्लीं सौः सौः क्लीं॥
ऐं क्लीं सौः सौः क्लीं ऐं॥
ह्रीं श्रीं क्लीं त्रिपुरामदने सर्वशुभं साधय स्वाहा॥
ह्रीं श्रीं क्लीं परापरे त्रिपुरे सर्वमीप्सितं साधय स्वाहा॥
क्लीं त्रिपुरादेवि विद्महे कामेश्वरि धीमहि। तन्नः क्लिन्ने प्रचोदयात्॥
भुवनेश्वरी मंत्र
ह्रीं
आं ह्रीं क्रों॥
आं श्रीं ह्रीं क्लीं क्लीं ह्रीं श्रीं क्रों॥
ह्रीं भुवनेश्वर्यै नमः॥
श्रीं ह्रीं भुवनेश्वर्यै नमः॥
ॐ श्रीं क्लीं भुवनेश्वर्यै नमः॥
ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं भुवनेश्वर्यै नमः॥
ॐ श्रीं ऐं क्लीं ह्रीं भुवनेश्वर्यै नमः॥
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं सौंः भुवनेश्वर्यै नमः॥
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं सौंः ह्रीं भुवनेश्वर्यै नमः॥
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं सौंः क्लीं ह्रीं भुवनेश्वर्यै नमः॥
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं क्लीं सौंः ऐं सौंः भुवनेश्वर्यै नमः॥
ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं ऐं सौंः क्रीं हूं ह्रीं ह्रीं भुवनेश्वर्यै नमः॥
भैरवी मंत्र
ॐ ह्रीं भैरवी कलौं ह्रीं स्वाहा॥
ह्स्त्रैं ह्स्क्ल्रीं ह्स्त्रौंः॥
हसैं हसकरीं हसैं॥
श्मशान भैरवि नररुधिरास्थि - वसाभक्षिणि सिद्धिं मे देहि मम मनोरथान् पूरय हुं फट् स्वाहा॥
ॐ त्रिपुरायै विद्महे महाभैरव्यै धीमहि तन्नो देवी प्रचोदयात्॥
च्चिन्नामस्ता मंत्र
हूं॥
ॐ हूं ॐ॥
ॐ हूं स्वाहा॥
ॐ हूं स्वाहा ॐ॥
ह्रीं क्लीं श्रीं ऐं हूं फट्॥
ॐ वैरोचन्ये विद्महे छिन्नमस्तायै धीमहि तन्नो देवी प्रचोदयात्॥
धूमावती मंत्र
धूं धूमावती स्वाहा॥
धूं धूं धूमावती स्वाहा॥
धूं धूं धूं धूमावती स्वाहा॥
धूं धूं धुर धुर धूमावती क्रों फट् स्वाहा॥
ॐ धूं धूमावती देवदत्त धावति स्वाहा॥
ॐ धूमावत्यै विद्महे संहारिण्यै धीमहि तन्नो धूमा प्रचोदयात्॥
बगलामुखी मंत्र
ह्लीं॥
ॐ ह्लीं ॐ॥
ॐ आं ह्लीं क्रों॥
ॐ ह्रीं स्त्रीं हुं फट्॥
ॐ आं ह्लीं क्रों हुं फट् स्वाहा॥
ह्रीं क्लीं ह्रीं बगलामुखि ठः॥
ॐ ह्लीं क्लीं ह्लीं बगलामुखि ठः ठः॥
ह्लीं बगलामुखी विद्महे दुष्टस्तंभनी धीमहि तन्नो देवी प्रचोदयात्॥
मातंगी मंत्र
कामिनी रञ्जिनी स्वाहा॥
ॐ ह्रीं क्लीं हूं मातंग्यै फट् स्वाहा॥
ॐ शुक्रप्रियायै विद्महे श्रीकामेश्वर्यै धीमहि तन्नः श्यामा प्रचोदयात्॥
कमला मंत्र
श्रीं॥
स्ह्क्ल्रीं हं॥
श्रीं क्लीं श्रीं॥
ऐं श्रीं ह्रीं क्लीं॥
श्रीं क्लीं श्रीं नमः॥
ॐ ह्रीं हूं हां ग्रें क्षों क्रों नमः॥
नमः कमलवासिन्यै स्वाहा॥
बालाजी मंत्र
ॐ श्री वेंकटेश्वराये नमो नमः. श्रीमन नारायण नमो नमः.
तिरुमल तिरुपति नमो नमः. जय बालाजी नमो नमः.
शिर्डी साईं बाबा महामंत्र
1) ॐ साईं राम
2) जय जय साईं राम
3) सबका मालिक एक है
4) ॐ साईं देवाय नमः
5) ॐ साईं गुरुवाय नमः
6) ॐ शिर्डी देवाय नमः
7) ॐ सर्व देवाय रूपाय नमः
8) ॐ समाधिदेवाय नमः
9) ॐ अजर अमराय नमः
10) ॐ मालिकाय नमः
11) ॐ फखिरदेवाय नमः
12) ॐ शिर्डी वासाय विद्महे सच्चिदानंदाय धीमहि तनो साईं प्रचोदयात
13) ॐ सर्वज्ञा सर्व देवता सवरूप अवतारा , सत्य धर्म शांति प्रेमा स्वरूप अवतारा, सत्यम शिवम् सुन्दरम स्वरुप अवतारा , अनंत अनुपम ब्रह्म स्वरूप अवतारा , ॐ परमानंद श्री शिर्डी नाथाय नमः
14) ॐ साईं नमो नम:, श्री साईं नमो नम:, जय जय साईं नमो नम:, सद्गुरु साईं नमो नम:
गुरु मंत्र
गुरुर्ब्रह्मा ग्रुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः ।
गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः ॥
शनि मंत्र
ॐ नीलांजन समाभासं रवि पुत्रं यमाग्रजम |
छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम ||
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शनि पीडाहर स्तोंत्र
सुर्यपुत्रो दीर्घदेहो विशालाक्ष: शिवप्रिय: |
दीर्घचार: प्रसन्नात्मा पीडां हरतु मे शनि: ||
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शनि गायत्री मंत्र
ॐ शनैश्चराय विदमहे छायापुत्राय धीमहि |
तन्नो मंद: प्रचोदयात ||
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शनि बीज मंत्र
ॐ प्रां प्रीं प्रों स: शनैश्चराय नमः ||
श्रीकृष्ण मंत्र
ॐ श्री कृष्णाय शरणं मम।
ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने ।। प्रणतः क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः।।
ॐ नमः भगवते वासुदेवाय कृष्णाय क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः।
हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण-कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम, राम-राम हरे हरे।
माँ दुर्गा के मंत्र
1. या देवी सर्वभूतेषु शक्ति-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
2. या देवी सर्वभूतेषु मातृ-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
3. या देवी सर्वभूतेषु चेतनेत्यभि-धीयते।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
4. या देवी सर्वभूतेषू कान्ति रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
5. या देवी सर्वभूतेषू जाति रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
6. या देवी सर्वभूतेषु दया-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
7. या देवी सर्वभूतेषु शांति-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
8. या देवी सर्वभूतेषू क्षान्ति रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
9. या देवी सर्वभूतेषु बुद्धि-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
10. या देवी सर्वभूतेषु विद्या-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
11. या देवी सर्वभूतेषु श्रद्धा-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
12. या देवी सर्वभूतेषु भक्ति-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
13. या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मी-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
14. या देवी सर्वभूतेषु तृष्णा-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
15. या देवी सर्वभूतेषु क्षुधा-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
16. या देवी सर्वभूतेषु तुष्टि-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
17. या देवी सर्वभूतेषु निद्रा-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
18. सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोस्तुते॥
चित्रगुप्त मंत्र
मसिभाजनसंयुक्तं ध्यायेत्तं च महाबलम्।
लेखिनीपट्टिकाहस्तं चित्रगुप्तं नमाम्यहम्।।
ॐ श्री चित्रगुप्ताय नमः
बौद्ध मंत्र
बुद्धं शरणं गच्छामि।
धर्मं शरणं गच्छामि।
संघं शरणं गच्छामि।
मूल मंत्र
एक ओंकार सतनाम, कर्तापुरख, निर्मोह निर्वैर,
अकाल मूरत, अजूनी सभं. गुरु परसाद ॥
॥ जप ॥
आद सच, जुगाद सच, है भी सच,
नानक होसे भी सच ॥
ધૂન-ભજન
ધૂન-ભજન
1- Dhun
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29-SHRI Ram Chandra Kripalu-(Dhun).mp3 ➽ DOWNLOAD
30-Swaminarayan Dhun-(Dhun).mp3 ➽ DOWNLOAD
31-Swaminarayan Dhun 2-(Dhun).mp3 ➽ DOWNLOAD
32-Vishavam Bhari Stuti-(Dhun).mp3 ➽ DOWNLOAD
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